राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत जयभीम स्व-सहायता समूह

राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत जयभीम स्व-सहायता समूह

भोपाल : (महेश दुबे)—— शिवपुरी जिले की कोलारस तहसील के ग्राम कमरौआ की महिलाओं की जिन्दगी में जयभीम स्व-सहायता समूह की सहायता से व्यापक सुधार आया है।

ये महिलायें अब आत्म-निर्भर बन गई हैं । केंद्रीय ग्रामीण विकास, पंचायती राज एवं खान मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर द्वारा दिल्ली में पिछले दिनों इन महिलाओं के जयभीम स्व-सहायता समूह को प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ समूह के रूप में एक लाख रूपये की पुरस्कार राशि सहित शील्ड और प्रशंसा पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया है।

अनुसूचित जाति वर्ग की 11 महिलाओं के इस स्व-सहायता समूह ने जहां स्वयं स्वरोजगार प्राप्त किया हैं, वहीं आज अन्य लोगों को भी रोजगार देने की स्थिति में है। समूह की सदस्य धाना जाटव ने बताया कि समूह से जुड़ने के पहले वह खेतों में मेहनत-मजदूरी कर मुश्किल 50 रूपए रोजाना कमाती थी।

समूह से जुड़ने के बाद शुरू में 10-10 रूपए बचत कर राशि जमा करना शुरू की। इससे धाना जाटव ने एक बकरी खरीदी। धाना ने समूह से 40 हजार का लोन लेकर दो कमरे का मकान भी बनवा लिया है।

समूह की सदस्य सुमत्री जाटव ने समूह से 50 हजार की बकरियां खरीदी और गांव की महिलाओं को सिलाई का भी प्रशिक्षण दिया। समूह की सदस्य कुसमुल जाटव ने बताया कि 10 वर्ष पूर्व राजा की मुढ़ेरी में उसकी शादी हुई थी, लेकिन गांव में कोई रोजगार का साधन न होने से अपने गांव कमरौआ आकर समूह से जुड़ गई और समूह से एक प्रतिशत ब्याज पर ऋण लेकर 40 बकरी एवं एक भैंस खरीदी।

आज समूह के माध्यम से 1 लाख 17 हजार का लेनदेन कर चुकी है। साथ ही बटाई पर टमाटर की खेती भी कर ही है। समूह की सदस्य श्रीमती ममता जाटव ने बताया कि उसके द्वारा भी 50 हजार का लेनदेन कर 20 हजार की राशि से भैंस पालन कर आत्म निर्भर बनी हैं।

समूह की सदस्य प्रेमा जाटव ने बकरी पालन और सम्पदा जाटव ने खेती एवं भैंस पालन के लिए 40 हजार रूपए का समूह से ऋण प्राप्त किया। समूह की सदस्य गिरजा जाटव ने बताया कि उसने समूह से एक लाख रूपए का लेनदेन किया है।

उसने टमाटर की फसल से 80 हजार का मुनाफा लिया है। समूह की सदस्य श्रीमती प्रेम बाई धनिराम ने एक लाख 65 हजार का लेनदेन किया। वह बकरी पालन का व्यवसाय कर रही है। समूह की सुनीता नाहर सिंह जाटव ने बताया कि उसने समूह से ऋण लेकर एक टेक्टर खरीद लिया है। किसानों को किराए पर टेक्टर भी दे रही है।

समूह की महिलाएं रोजगार देने के साथ सामाजिक जागरूकता एवं सामाजिक कुरूतियां दूर करने की अलख भी जगा रही है। स की महिलाओं का कहना है कि उन्हें मिली पुरस्कार की एक लाख रूपये की राशि का उपयोग महिलाओं के लिये विभिन्न रोजगार स्थापित करने में कर रही है।

पुरस्कार के मिलने से जिले के साथ गांव का नाम रोशन हुआ है। महिलाओं का मान एवं सम्मान बढ़ा है।

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