- July 14, 2018
राष्ट्रीय लोक अदालत —न्यायालयों में लम्बित एवं प्रि-लिटिगेशन के करीब 1,85,999 प्रकरण चिन्हि्त
जयपुर——- राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति मोहम्मद रफीक एवं राजस्थान उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष, न्यायाधिपति के.एस. झावेरी ने शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का विधिवत उद्घाटन राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर पीठ, जयपुर में प्रातः 10 बजे किया।
राजस्थान उच्च न्यायालय, न्यायाधिपति मोहम्मद रफीक ने कहा कि नेशनल लोक अदालत के माध्यम से मुकदमे का हमेशा के लिए अंत हो जाता है क्योंकि आगे कोई अपील का प्रावधान नहीं है तथा लोक अदालत के माध्यम से प्रकरण का निस्तारण कराने पर प्रार्थी को फीस भी वापिस मिल जाती है। उन्होंने बताया उच्च न्यायालय जोधपुर एवं जयपुर में पेंशन, सेवानिवृत्ति लाभ, पारिवारिक मामले, ओद्यौगिक विवाद, स्थानांतरण, पेंशन, चयनित वेतन श्रृखंला, केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण के विरूद्ध अपीलें, जेडीए, पैरोल व प्रि-लिटिगेशन आदि से सम्बन्धित प्रकरणों को सम्मिलित किया गया है।
न्यायाधिपति श्री रफीक ने बताया कि इस बार प्रदेश की समस्त अधीनस्थ अदालतों में नेशनल लोक अदालतों के लिए न्यायालयों में लम्बित एवं प्रि-लिटिगेशन के करीब 1,85,999 प्रकरणों को चिन्हि्त किया गया है। उन्होंने कहा कि पदासीन न्यायाधिपति की अध्यक्षता में बेंच का गठन किया गया है जिसमें सेवानिवृत जिला न्यायाधीश/सीनियर अधिवक्ता सदस्य होंगे जो प्रकरणों की सुनवाई कर पक्षकारों में समझाईश करवाकर प्रकरणों का निस्तारण करेंगे।
न्यायाधीश, राजस्थान उच्च न्यायालय एवं राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के कार्यकारी अध्यक्ष, न्यायाधिपति के.एस. झावेरी ने बताया कि नेशनल लोक अदालत में प्रकरण निस्तारण कराने से अनावश्यक मुकदमेबाजी समाप्त होगी व समाज में शांति एवं सदाचरण का माहौल कायम होगा। उन्होंने बताया कि राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर में लम्बित व प्रि-लिटिगेशन के करीब 378 प्रकरणों को चिन्हि्त कर 07 नियमित लोक अदालत बैन्चों में सुनवाई के लिए रखा गया है और राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर में लम्बित व प्रि-लिटिगेशन के करीब 864 प्रकरणों को चिन्हि्त कर 05 नियमित लोक अदालत बैन्चों में सुनवाई के लिए रखा गया है।
इस अवसर पर राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति एवं अन्य गणमान्य अतिथिगण मौजूद थे।
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