• July 14, 2018

राष्ट्रीय लोक अदालत– झज्जर में 732 व बहादुरगढ़ में 318 केस निपटाए : सचिव

राष्ट्रीय लोक अदालत– झज्जर में 732 व बहादुरगढ़ में 318 केस निपटाए : सचिव

झज्जर—- माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार जिला एवं सत्र न्यायलय परिसर झज्जर व सब डिविजन न्यायलय बहादुरगढ़ में शनिवार को तृतीय राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।

जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव एवं सिविल जज(सीनियर डिविजन) राजेश कुमार यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत के तहत तीन बैंचों ने झज्जर व एक बैंच ने बहारदुरगढ़ में सुनवाई की।

उन्होंने बताया कि गठित बैंचों के जरिए झज्जर में 732 व बहादुरगढ़ 318 केस निपटाए गए। केसों का कानूनी प्रक्रिया के अंतर्गत सुनवाई करते हुए व आपसी समझौते के तहत
निपटारा किया गया ।

श्री यादव ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत की बेंच नंबर एक में जिला एवं सत्र न्यायधीश श्री कमल कांत, व एडवोकेट पंकज शर्मा, बेंच नंबर दो के लिए एसीजे (एसडी) झज्जर व राजेश राव एडवोकेट तथा बेंच तीन के लिए जूडिशियल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी छवि गोयल तथा एडवोकेट रजनी केसो की सुनवाई की। जबकि बहादुरगढ़ में विवेक कुमार जेएमआईसी की बेंच ने सुनवाई की।

डीएलएसए सचिव ने बताया कि झज्जर में बैंक संबधित 30 , एमएसीटी संबधित 5 , यातायात से संबधित 686, क्रिमिनल से संबधित 43 मामले निपटाए गए। बहादुरगढ़ में यातायात से संबधित 277 तथा अन्य 41 मामले निपटाए गए।

डीएलएसए सचिव ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में विवाद पूरी न्यायायिक प्रक्रिया के तहत ही निपटाएं जाते हैं। इसलिए वादियों और आमजन को इन अदालतों का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाना चाहिए ।

उन्होने कहा कि जिन लोगों के विवाद लंबित है, वे अपने वकील के माध्यम से अपने विवाद को जल्द निपटारे के लिए भविष्य में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में ला सकते हैं।

Related post

चुनाव परिणाम : सत्ता पक्ष को फिर मिला जनादेश

चुनाव परिणाम : सत्ता पक्ष को फिर मिला जनादेश

सुरेश हिंदुस्तानी– देश के दो राज्यों के साथ कुछ राज्यों के उपचुनाव के परिणाम ने सत्ता…
सामाजिक न्याय की योद्धा अनुप्रिया

सामाजिक न्याय की योद्धा अनुप्रिया

अतुल मलिकराम (राजनीतिक रणनीतिकार)———-  कुछ सवाल एक नहीं, अनेक बार उठते रहे हैं, जैसे स्वतंत्रता के…
कैदी की पैरोल अर्जी खारिज करने के लिए  जेलर पर 25,000 रुपये का जुर्माना

कैदी की पैरोल अर्जी खारिज करने के लिए जेलर पर 25,000 रुपये का जुर्माना

बॉम्बे हाईकोर्ट ने नासिक जेल के जेलर पर कानून का उल्लंघन करते हुए और ऐसा करने…

Leave a Reply