• December 1, 2014

राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ -जिला एवं सेशन न्यायाधीश- पवन एन.चन्द्र

राष्ट्रीय लोक अदालत का  शुभारम्भ  -जिला एवं सेशन न्यायाधीश- पवन एन.चन्द्र

प्रतापगढ़ 01 दिसम्बर 2014-   राष्ट्रीय लोक अदालत रूपी पुनीत एवं पावन कार्यक्रम आम जन का ही है ओर इसकी सफलता के एक महत्वपूर्ण आधार स्तम्भ अभिभाषकगण एवं पक्षकारान को को समर्पित करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष- जिला एवं सेशन न्यायाधीश- पवन एन.चन्द्र ने अपने सरल व सहज स्वभाव के अनुरूप राष्ट्रीय लोक अदालत के वृहद स्तर पर आयोजित कार्यक्रम से परहेज करते हुए राष्ट्रीय लोक अदालत का शुम्भारम्भ जिला न्यायालय प्रांगण में उपस्थित आये आम जन के बीच दीप-प्रज्वलन की रस्म निर्वाह कर की।D.J.Sb.1

राष्ट्रीय लोक अदालत का लक्ष्य ही समझाईश से न्याय होना है, किसी भी विवाद रूपी समस्या के निदान के लिये संबंधित मामलें के पक्षकारान एवं अभिभाषकगण अपने राजीनामा योग्य विवादों का अन्तिम निस्तारण राजीनामा से कराये-यह बात राष्ट्रीय लोक अदालत शुभारम्भ समारोह में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष-जिला एवं सेशन न्यायाधीश पवन एन.चन्द्र ने अपने उद्गार मंे व्यक्त की।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार सम्पूर्ण राजस्थान राज्य के साथ प्रतापगढ जिले में 01 से 06 दिसम्बर 2014 तक आयोजित की जाने वाली राष्ट्रीय लोेक अदालत का आगाज सोमवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में किया गया।
आज के समारोह के अध्यक्षीय उद्बोधन में उपस्थित अभिभाषकबन्धू एवं आमजनों से रूबरू होते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष-जिला एवं सेशन न्यायाधीश पवन एन.चन्द्र ने इस अवसर पर आव्हान करते हुए अपील की कि ’राष्ट्रीय लोक अदालत’ के आयोजनों की महत्ता को समझे और समस्त न्यायालयों में लगने वाली ’राष्ट्रीय लोक अदालतों’ के माध्यम से अपने विवादों का निस्तारण किये जाने में कोई कसर नहीं रखे एवं अपने विवादांे का निपटारा आपसी राजीनामा वार्ता के माध्यम से किये जाने की पहल अवश्य करें।
इस अवसर पर उन्होने लोक अदालत की व्यवस्था के अत्यन्त महत्वपूर्ण पहलू की जानकारी देते हुए बताया कि इसमें न कोई पक्ष न हारता है न कोई जीतता है बल्कि दोनों पक्ष न्याय प्राप्त कर संतुष्ट होते है इससे उन पक्षकारान में ही नहीं वरन् पूरे समाज में आपसी सदभाव एवं शान्त वातावरण के समाज का निर्माण होता है,
उन्होने राष्ट्रीय लोक अदालत के इस पुनीत एवं पावन कार्यक्रमों के आयोजन के अवसर पर अपनी भावना शब्दांे के माध्यम से बताते हुए विवादों के निस्तारण एवं समाधान का  सर्वोत्तम जरिया ’राष्ट्रीय लोक अदालत’ को निरूपित करते हुए इसमें सभी की बराबर भागीदारी की महत्ती आवश्यकता बताया।
समारोह का शुभारम्भ अतिथि महानूभाव द्वारा मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलन की रस्म निर्वाह कर किया गया।
इस अवसर पर जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष सुनील मेहता के नेतृत्व में उपस्थित समस्त अभिभाषकगण-पारसमल जैन, बाबूलाल जैन,केशरसिंह बाठी, अमजदखां पठान, बलवन्तसिंह बंजारा,सी.पी.सिंह, रमेशचन्द्र शर्मा, कमलसिंह गुर्जर, तेजपालसिंह राठौड़ प्रकाश शर्मा इत्यादि कई अभिभाषक ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई।
राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायिक अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।
राष्ट्रीय लोक अदालत समारोह में विशिष्ठ न्यायाधीश-एनडीपीएस मामलात्- अश्वनी विज, विशिष्ठ न्यायाधीश-एस.सी/एस.टी मामलात् एवं प्रभाराधिकारी-राष्ट्रीय लोक अदालत-हुकमसिंह राजपुरोहित, मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट एवं सचिव-जिला विधिक  सेवा प्राधिकरण-श्रीमती लता गौड़, एसीजेएम-प्रतापगढ़-गोविन्दबल्लभ पंत, एसीजेएम-अरनोद मुख्यालय-प्रतापगढ़-जगदीशप्रसाद शर्मा, सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्टेªट- श्रीमती सोनाली प्रशान्त शर्मा ने भी शिरकत की।
जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष- सुनील मेहता ने राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन एवं क्रियान्वयन बाबत् सकारात्मक सोच के साथ समस्त बार एसोसिऐशन की ओर से सक्रिय सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिलाया।
जिला अभिभाषक संघ के समस्त अभिभाषकगण एवं शुभारम्भ समारोह में शिरकत करने आये सभी आम जन जिला एवं सेशन न्यायाधीश पवन एन.चन्द्र की इस भावना की भूरि-भूरि प्रसंशा करने से नही चुके कि उन्होने आम जन को समर्पित राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ समारोह मे नहीं करते हुए जिला न्यायालय के प्रांगण में करने का निर्णय लिया जिससे समाज मे लोक अदालत के आयोजन का एक नया सन्देश प्रसारित होगा।

चलते-चलते राष्ट्रीय लोक अदालत की झलकियाॅ।

आपसी मनभेद से उपजे विवादों का अन्त आपसी समझाईश वार्ता के चलते आज की जिला न्यायालय में चली पारिवारिक विवादों की लोक अदालत में उपस्थित आये कई पति-पत्नि के जोड़ो की राष्ट्रीय लोक अदालत के अध्यक्ष जिला जज पवन एन. चन्द्र एवं सदस्यगण-केशरसिंह बाठी एवं सुनील मेहता ने अपने ही अन्दाज में कुछ इस तरह से समझाईश की कि एक पति अपनी पत्नि को अपने सारे गिले शिकवे भूला कर नई जिन्दगी की शुरूआत करने का तैयार हुआ और दोनो ने एक दूसरे के गले में माला पहना कर राजी-खुशी से अपने घर को लौटे।
एक नव-विवाहित पति-पत्नि के जोड़े को भी अपने परिवार को नहीं बिखरने की सलाह देते हुए अपने जीवन की शुरूआत करने की ओर सकारात्मक सोच के साथ रहने के लिये राजी कर विदा किया। इस जोड़े के बीच आपसी मतभेद इस कदर हावी हो गये थे कि वे तलाक लेने को तैयार हो गये थे परन्तु राष्ट्रीय लोक अदालत के अध्यक्ष एवं सदस्यगण जिला जज पवन एन. चन्द्र एवं सदस्यगण-केशरसिंह बाठी एवं सुनील मेहता
के साथ-साथ वरिष्ठ अभिभाषक बाबूलाल जैन एवं अजय कुमार पिछौलिया ने भी अपना सक्रिय सहयोग देते हुए इस जोड़े को अपने जीवन की नई शुरूआत के लिये सहज एवं सरल रूप से राजी किया।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,
प्रतापगढ  (राज.)

Related post

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…
पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…

Leave a Reply