• September 24, 2015

राष्ट्रीय बांस मिशन :बिगड़े बांस वनों के पुनरोद्धार

राष्ट्रीय बांस मिशन :बिगड़े बांस वनों के पुनरोद्धार

रायपुर – (छतीसगढ)-       प्रदेश के वनों में बांस के उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए बांस रोपण एवं बिगड़े बांस वनों के पुनरोद्धार हेतु राष्ट्रीय बांस मिशन प्रारंभ किया गया है। बांस मिशन द्वारा बसोड़, कमार, कंडरा, बिरहोर, पण्डो, बैगा एवं पहाड़ी कोरवा जनजाति के युवाओं के लिए कौशल उन्नयन हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। प्रदेश के पांच हजार 383 बसोड़ परिवार बांस के उत्पाद बेचकर अपना जीवन यापन करते हैं।3005-1ccc

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बांस प्रसंस्करण केन्द्रों में स्थानीय बांस शिल्पकारों को उन्नत डिजाईन के फर्नीचर हेतु 100 बांस शिल्पकारों को दो माह की ट्रेनिंग  त्रिपुरा बैम्बू मिशन के माध्यम से 10 प्रशिक्षित बांस टेªनरों द्वारा प्रशिक्षण प्रदाय करने की कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश के 21 केन्द्रों में एक हजार 142 बसोड़ एवं बांस से जुड़े परम्परागत समुदाय के शिल्पकारों को निरन्तर रोजगार प्रदाय किया जा रहा है। एक हजार 500 बांस शिल्पकारों को बांस के उन्नत डिजाइन के फर्नीचर एवं सजावटी सामग्री एवं अगरबत्ती काड़ी बनाने का प्रशिक्षण त्रिपुरा बांस मिशन नारायणपुर एवं स्थानीय प्रशिक्षित शिल्पकारों द्वारा दिया गया है। प्रदेश में 21 बांस प्रसंस्करण केन्द्र सक्रिय हैं।

इनमें बीजापुर में दो केन्द्र, चारामा (कांकेर), बांदे (पश्चिम भानुप्रतापपुर वन मण्डल), अन्तागढ़ (पूर्व भानुप्रतापपुर वन मण्डल), नारायणपुर, रतनपुर, लोरमी (बिलासपुर), नोनबिर्रा, अशोक वाटिका (कोरबा), डोंगानाला, ईरफ-गोपालपुर (कटघोरा वन मण्डल), मुक्तांगन (रायपुर), आमगांव (पूर्व सरगुजा वन मण्डल), आनन्दपुर (कोरिया), डोंगरगांव (राजनांदगांव) कासोली (दंतेवाड़ा), नानगुर (बस्तर), बरगढ़, (रायगढ़), कोण्डागांव (दक्षिण कोण्डागांव वन मण्डल), दानीकुण्डी (मरवाही वन मण्डल) शामिल है।

अधिकारियों ने बताया कि कोसमनारा (रायगढ़), बागबाहरा (महासमुन्द), अमरूवा (रायपुर), लालपुर (कवर्धा), दोरनापाल (सुकमा) को सक्रिय करने की कार्रवाई की जा रही है। एक केन्द्र निर्माणाधीन है। बांस शिल्पकारों को बांस आधारित प्रशिक्षण दिलाया जाकर चटाई, सूपा, झौआ, सोफासेट, लालटेन, कुर्सी-टेबल, पार्टिशन, टेª, मोबाइल स्टैण्ड, डेªसिंग सेट एवं अन्य सजावटी कलात्मक वस्तुओं के उद्यमी के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रदेश के बांस शिल्पकारों द्वारा वर्ष 2008 से अब तक 25 प्रादेशिक एवं राष्ट्रीय मेलोें में भाग लिया गया है, जिसमें कुल 19 लाख रूपए की सामग्री बिक्री की गयी।

रायपुर में स्थापित बैम्बू एम्पोरियम द्वारा विगत पांच वर्षों के दौरान बांस की उन्नत डिजाइन की आराम कुर्सी, सोफा, पार्टिशन, डाइनिंग टेबल, सजावटी सामग्री की 30 लाख रूपए की बिक्री की गई।

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