- October 27, 2016
राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव—25 अक्टूबर से लेकर 28 अक्टूबर, 2016 तक
पेसूका ———— नई दिल्ली में 25 अक्टूबर से लेकर 28 अक्टूबर, 2016 तक आयोजित किये जा रहे राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव के तहत नियोजित विभिन्न गतिविधियों के अंतर्गत आदिवासी बहुल आबादी से जुड़े विभिन्न विषयगत क्षेत्रों पर कार्यशालाओं की एक श्रृंखला आयोजित करने की योजना बनाई गई है।
इस तरह की पहली कार्यशाला आज नई दिल्ली में पंचायतों के प्रावधान (अऩुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम, 1996 (पेसा) के क्रियान्वयन, जनजातीय समुदाय को लाभ और उसकी चुनौतियों पर आयोजित की गई।
इस कार्यशाला की अध्यक्षता केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम ने जनजातीय कार्य राज्यमंत्री श्री जसवंत सिंह सुमनभाई भाभोर और जनजातीय कार्य मंत्रालय में सचिव की मौजूदगी में की।
कार्यशाला के लिए पैनल के सदस्यों में सांसद श्री भूपेन्द्र यादव, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक के कुलपति प्रो. टी वी कट्टिमणि, हैदराबाद विश्वविद्यालय के मानव शास्त्र विभाग के प्रो. वेंकट राव, पंचायती राज मंत्रालय में संयुक्त सचिव और ग्रामीण विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव शामिल थे। इस कार्यशाला में लगभग 250 प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें राज्य सरकारों के मंत्रिगण, सांसद, राज्य विधान सभाओं के सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।
पंचायती राज मंत्रालय में संयुक्त सचिव द्वारा दी गई प्रस्तुति में पंचम अनुसूची क्षेत्र के लिए संवैधानिक प्रावधानों, पेसा अधिनियम के क्रियान्वयन एवं पंचायती राज मंत्रालय की पहलों के साथ-साथ यह अधिनियम किस तरह से जनजातीय समुदाय का सशक्तिकरण करता है एवं उन्हें लाभान्वित करता है और आगे की राह के बारे में विस्तार से बताया गया।
ग्रामीण विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव द्वारा रुर्बन मिशन पर एक प्रस्तुति दी गई। इन प्रस्तुतियों में ‘पेसा’ और रुर्बन मिशन की खास बातों पर रोशनी डाली गई। सांसद श्री भूपेन्द्र यादव, प्रो. टी वी कट्टिमणि और प्रो. वेंकट राव ने भी व्यावहारिक प्रावधानों एवं ग्राम सभा में कारगर एवं समावेशी भागीदारी की जरूरत तथा पंचम अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभा संस्थान को और मजबूत करने के लिए आवश्यक कदमों का उल्लेख किया।
इस कार्यशाला में जनजातीय समुदायों के लिए पेसा की अहमियत, उनके समक्ष मौजूद चुनौतियों और आगे की राह के साथ-साथ उन महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर भी प्रकाश डाला गया, जिन पर ध्यान केन्द्रित करने की जरूरत है।
रुर्बन मिशन पर दी गई प्रस्तुति में महत्वपूर्ण बातों का उल्लेख किए जाने के साथ-साथ मिशन के तहत बड़ी संख्या में जनजातीय क्षेत्रों की कवरेज पर भी रोशनी डाली गई।
इस कार्यशाला में मौजूद लोगों ने विभिन्न मुद्दों की विषय वस्तु की व्यापक सराहना की और इस दौरान अनेक सवाल भी पूछे गए, जिनका जवाब पैनल के सदस्यों ने दिया।