• February 17, 2015

राष्ट्रीय आरोग्य मेला: आयुष चिकित्सा पद्दति : 50 हजार लोगों को लाभ

राष्ट्रीय आरोग्य मेला: आयुष चिकित्सा पद्दति : 50 हजार लोगों को लाभ

जयपुर- केन्द्रीय आयुष मंत्रालय, राजस्थान सरकार के आयुर्वेद विभाग व भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा संयुक्त रूप से एस.एम.एस. ग्राउंड रामबाग में आयोजित चार दिवसीय राष्ट्रीय आरोग्य मेला शानदार सफलता के साथ सोमवार को सम्पन्न हो गया।

आयुर्वेद तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री राजेंद्र राठौड़ ने बताया कि इस चार दिवसीय मेले के आयोजन का मुख्य उद्देश्य आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्द और होम्योपैथी सहित भारतीय चिकित्सा पद्दतियों के बारे में आमजन तक जानकारी पहुंचाना था। उन्होंने बताया कि भारतीय चिकित्सा पद्दतियों के प्रचार-प्रसार के कार्य को निरन्तर जारी रखा जायेगा। अगले माह उदयपुर में इसी प्रकार के मेले का आयोजन किया जा रहा है।

प्रमुख शासन सचिव आयुर्वेद श्री प्रीतम सिंह ने बताया कि इस चार दिन में पहुंचे करीब 50 हजार लोगों ने आयुष चिकित्सा पद्दति के बारे में जानकारी ली एवं आयुष चिकित्सा पद्दतियों से उपचार भी कराया। राष्ट्रीय आरोग्य मेले के दौरान करीब 7 हजार से अधिक चिकित्सक भी मेले में आये। इनमें आयुष प्रेक्टिसनर्स, आयुष छात्र, शोधार्थी एवं शैक्षणिक व अन्य संस्थानों से आए प्रतिनिधिगण शामिल हैं।

15 हजार लोगों को स्वाईन फ्लू बचाव का काढ़ा

आरोग्य मेले में स्वाईन फ्लू से बचने के लिए 15 हजार लोगों को गोजिहावादी क्वाथ और ज्वारहर क्वाथ वितरित की गयी। आयुर्वेद विशेषज्ञों ने बताया कि जड़ी बूटियों का इस्तेमाल करते हुए इस बीमारी से बचा जा सकता है और इस पर काबू किया जा सकता है।

इन क्वाथ के उपयोग से व्यक्ति अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकता है। विशेषज्ञों ने बताया कि रूमाल के माध्यम से अमृतधारा को सूंघने से, रोजाना तुलसी की पत्ती खाने से, एलोवेरा का जूस पीने से और रोजाना एक आंवला खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।

आरोग्य मेले में औषधीय पौधारोपण बोर्ड, राजस्थान द्वारा गुुरमेर (मधुमेह से लडने वाला), अर्जुन (केलस्ट्रोल घटाने वाला तथा हृदय के मजबूती देने वाला), लोवेरा, अश्वगंधा (शांतिदायक टॉनिक), सतावारी(प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत करने वाला) तथा दमा रोकने वाले 1 लाख रुपए कीमत के औषधीय एवं हर्बल प्लांट वितरित किये गये।

मेले में आये दर्शकों ने मधुमेह से लडने वाले हर्बल प्रोडक्ट, रक्तचाप, गुर्दे, फेफडों, जिगर के रोग, रीढ़ की हड्डी के रोग, जोड़ों के रोग, वृद्घावस्थाजनक रोग, प्रतिरोधक क्षमता बढाने वाली दवा, दांतों के रोगों की दवा आदि में विशेष रुचि दिखायी।

मेले में लगायी गयी दुकानों में हर्बल प्रोडक्ट की बहुत सारी किस्में प्रदर्शित की गयी। विशेषज्ञों ने तकनीकी सत्रों में शरीर और उसकी आवश्यकताओं और समस्याओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। योग के आसनों से प्राकृतिक रूप से शरीर को स्वस्थ रखने के उपायों के बारे में भी जानकारियां दी गयी।

मेले के मुख्य आकर्षण-

आयुष दवा कंपनियों द्वारा मधुमेह, जोड़ों के दर्द, वृद्घावस्थाजनक बीमारियों, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाओं, अच्छे वसा को बढ़ाने और बुरे वसा को घटाने वाले नवीनतम उत्पादों का भी प्रदर्शन एवं विपणन किया गया। बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाली दवा, दू्रद्रीहा तुलसी, रामा तुलसी, शामा तुलसी,, बाबी तुलसी आदि के बारे में भी उत्पादों का प्रदर्शन किया गया। वैज्ञानिकों ने तुलसी के औषधीय गुणों की पुष्टि करते हुये इसे डेंगू, मलेरिया और स्वाईन फ्लू जैसे जानलेवा बुखारों से दूर रखने में मददगार बताया है।

आंतों की सफाई के लिए तुलसी सबसे उपयुक्त होती है। स्त्री रोगों के उपचार में भी तुलसी की भूमिका अहम है। कृष्णा तुलसी फेफड़े, उच्च रक्तचाप, सीने कसाव, उल्टी, मोटापा, गठिया, दमा, एनीमिया, अल्सर, सूजन, खांसी, जुकाम, कब्ज, पेट दर्द, और वायरल या मौसमी बुखार में बहुत प्रभावी है। यह रक्त की अशुद्घियों को अलग करती है और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है।

तुलसी मधुमेह को नियंत्रित रखने और एंटी बैक्टिरिया और एंटी वायरल कार्य के लिए इस्तेमाल में लाई जाती है। प्रदर्शनी में स्टिविया नामक प्राकृतिक मिठास देने वाले तत्व की भी जानकारी दी गयी।

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