राज्‍यसभा में लिखित उत्तर : पिछले 5 वर्षों के दौरान भ्रष्‍टाचार संबंधित आंकड़े

राज्‍यसभा में लिखित  उत्तर : पिछले 5 वर्षों के दौरान भ्रष्‍टाचार संबंधित आंकड़े
भ्रष्‍टाचार संबंधित आंकड़े

केंद्रीय सतर्कता आयोग से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार पिछले 5 वर्षों के दौरान केंद्र सरकार के कर्मचारियों (जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, बैंकों और स्‍वशासी  संस्‍थानों के कर्मचारी भी शामिल हैं) के बारे में भ्रष्‍टाचार से संबंधित मामले इस प्रकार है:-  

क्र.सं.

वर्ष

प्राप्‍त हुए मामलों की  संख्‍या

निपटाये गए मामलों की संख्‍या

1

2010

5327

5522

2

2011

5573

5341

3

2012

5528

5720

4

2013

5423

4801

5

2014

5492

5867

 विभिन्‍न मंत्रालयों/विभागों/संगठनों द्वारा आयोग को इन अधिकारियों को दिए गए दंड से संबंधित उपलब्‍ध कराई गई जानकारी इस प्रकार है:-

वर्ष

बड़ी सजा

छोटी सजा

कोई सजा नहीं

2013

5106

11749

1117

2014**

5056

9691

1357

 **वर्ष 2014 के आंकड़े अंतरिम है।

यह आंकड़े केंद्रीय सतर्कता अधिकारियों द्वारा उपलब्‍ध कराए गए वार्षिक रिपोर्ट पर आ‍धारित है। वर्ष 2013 के लिए 264 और वर्ष 2014 के लिए 206 संगठनों ने वार्षिक रिपोर्ट दायर की। उपरोक्‍त आंकड़े सिर्फ इन संगठनों द्वारा दी गई जानकारी पर आधारित है।

 केंद्रीय जांच ब्‍यूरो की जानकारी के अनुसार भ्रष्‍टाचार निरोधक कानून के तहत पिछले पांच वर्षों {(2010, 2011, 2012, 2013, 2014 और 2015 (31 मार्च 2015 तक)} के दौरान कुल 3296 मामले दर्ज किए गए। उपरोक्‍त अवधि के दौरान वार्षिक आधार पर दर्ज मामलों की जानकारी इस प्रकार है:-

वर्ष

भ्रष्‍टाचार निरोधक कानून के तहत दर्ज मामले

उन मामलों की संख्‍या जिनमें चार्ज शीट दाखिल की गई

दोषी पाए गए लोगों की संख्‍या

2010

580

541

80

2011

600

456

45

2012

703

509

35

2013

649

439

8

2014

611

235

1

2015

153

7

0

Total

3296

2187

169

      राज्‍यवार भ्रष्‍टाचार संबंधी आंकड़े संबंधित राज्‍य सरकारों के पास उपलब्‍ध हैं।

 पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ मार्च 2014 में भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा प्राप्‍त हुई थी। इस अधिकारी के खिलाफ वर्ष 2013 में मामला दर्ज किया गया था और इसके खिलाफ कार्रवाई शुरू करने की अनुमति जारी कर दी है।

 यह जानकारी आज केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्‍य मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने राज्‍यसभा में श्री हरिवंश को एक लिखित उत्‍तर में दी।

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