राज्य शासन ने ऊर्जा साक्षरता अभियान

राज्य शासन ने ऊर्जा साक्षरता अभियान

राज्य शासन ने ऊर्जा साक्षरता अभियान के क्रियान्वयन के लिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य-स्तरीय साधिकार समिति का गठन किया है। साथ ही ऊर्जा साक्षरता अभियान के मिशन मोड में दिन-प्रतिदिन क्रियान्वयन के लिये राज्य-स्तरीय क्रियान्वयन समिति का भी गठन किया गया है।

राज्य-स्तरीय साधिकार समिति

प्रमुख सचिव नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा साधिकार समिति के सदस्य सचिव और आयुक्त सह सचिव, सदस्य होंगे। अन्य सदस्यों में प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास, महिला एवं बाल विकास, स्कूल शिक्षा, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, जनसम्पर्क, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और खेल एवं युवा कल्याण विभाग को शामिल किया गया है।

दायित्व

राज्य-स्तरीय साधिकार समिति के दायित्वों में ऊर्जा साक्षरता अभियान के मिशन मोड में क्रियान्वयन से संबंधित योजना की रूपरेखा को अंतिम रूप प्रदान करना और क्रियान्वयन करने के लिये सभी विभागों को समय पर सुझाव देना शामिल है। समिति ऊर्जा साक्षरता अभियान क्रियान्वयन की मॉनीटरिंग और अधिकतम 4 माह में अभियान की प्रगति की नियमित समीक्षा भी करेगी। अभियान के सफल संचालन के लिये आवश्यक दिशा-निर्देश देने के साथ समिति अभियान के क्रियान्वयन के लिये आवंटित बजट की निधि का पुनर्विनियोजन और योजना के विभिन्न मदों में परस्पर करने के लिये स्वीकृति देगी।

राज्य-स्तरीय क्रियान्वयन समिति

प्रमुख सचिव नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा की अध्यक्षता में राज्य-स्तरीय क्रियान्वयन समिति का भी गठन किया गया है। प्रमुख सचिव ऊर्जा समिति के सदस्य और प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम को सदस्य सचिव बनाया गया है। सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास, महिला एवं बाल विकास, स्कूल शिक्षा, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, जनसम्पर्क, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, खेल एवं युवा कल्याण और अध्यक्ष द्वारा नामित विषय-विशेषज्ञ को समिति सदस्य बनाया गया है।

राज्य-स्तरीय क्रियान्वयन समिति राज्य-स्तरीय साधिकार समिति से प्राप्त निर्देशों को लागू करने के साथ ऊर्जा साक्षरता अभियान को मिशन मोड में क्रियान्वित करने के लिये पाठ्यक्रम, प्रचार सामग्री, वेब पोर्टल तैयार करने, मिशन लांच करने और योजना को व्यापक रूप देने के लिये आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करेगी। समिति जिला स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन के लिये जिलाध्यक्षों को दिशा-निर्देश जारी करेगी। नियमित अंतराल पर योजना की प्रगति की समीक्षा के साथ क्रियान्वयन संबंधी कठिनाई का भी निराकरण करेगी।

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