- January 14, 2018
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राज्य स्तरीय सम्मान समारोह का आयोजन
जयपुर—— मुख्य न्यायाधीश, राजस्थान उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण श्री प्रदीप नान्द्रजोग ने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण आमजन में विधिक जागरुकता बढ़ाने और कानूनी मदद दिलाने में महत्तवपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक युवाओं को इस मिशन से नहीं जोड़ा जाएगा, तब तक हम अंतिम कतार में बैठे व्यक्ति तक विधिक सेवाओं का लाभ नहीं पहुंचा सकते।
श्री नान्द्रजोग शनिवार को महावीर दिगम्बर जैन सीनियर सैकण्डरी स्कूल, सी-स्कीम में राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय सम्मान समारोह को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर गत वर्ष प्राधिकरण द्वारा विधिक सेवा दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित खेल प्रतियोगिताओं में राज्य स्तर पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार वितरित किये गए। राज्य में उत्कृष्ट विधिक सेवा कार्य करने वाले जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं पैरा लीगल वॉलेन्टियर्स को भी पुरस्कृत किया गया।
इस अवसर पर प्राधिकरण की वर्ष 2017 की वार्षिक रिपोर्ट का विमोचन भी किया गया। इसके अतिरिक्त एसिड अटैक से संबंधित एक लघु नाटिका के माध्यम से बताया गया कि रालसा द्वारा एसिड अटैक पीडिता को तीन लाख तक की मदद का प्रावधान है।
समारोह में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं कार्यकारी अध्यक्ष, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जस्टिस के एस झवेरी ने कहा कि खेलों के माध्यम से हमने विद्यार्थियों को भी अपने साथ जोड़ने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि युवा हमारे एम्बेसडर हैं, जिनके माध्यम से विधिक सेवाओं को समाज के कमजोर वर्ग तक पहुंचाने का मार्ग अधिक सुगम हो सकेगा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के सवार्ंगीण विकास के लिए खेल बेहतरीन माध्यम है।
राजस्थान उच्च न्यायालय के प्रशासनिक न्यायाधीश जस्टिस श्री अजय रस्तोगी ने कहा कि विद्यार्थियों को पारम्परिक शिक्षा के साथ विधिक शिक्षा भी दी जानी चाहिये। इससे बाल विवाह, मानव तस्करी और शोषण के खिलाफ जागरुकता बढ़ेगी और समाज को अपने अधिकारों के लिए खड़ा होने की प्रेरणा मिलेगी।
समारोह के अन्त में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव श्री एस के जैन ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
समारोह में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं सचिव, विशेष न्यायालयों में पदस्थापित न्यायाधीश, अध्यक्ष स्थायी लोक अदालत, महाधिवक्ता, अतिरिक्त महाधिवक्ता, प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारीगण, बार काउन्सिल एवं बार एसोसिएशन के पदाधिकारी तथा अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।