- February 6, 2022
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन: 300 करोड़ रूपये के बैंक ऋण वितरित
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में गठित स्व-सहायता समूह के सदस्यों को 300 करोड़ रूपये के बैंक ऋण वितरित करेंगे। साथ ही कुछ जिलों के स्व-सहायता समूह सदस्यों से वर्चुअल संवाद भी करेंगे। कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में 8 फरवरी को प्रात: 10:30 बजे होने वाले इस वर्चुअल कार्यक्रम में सभी जिलों में ग्राम पंचायत स्तर पर समूह सदस्य विभिन्न वर्चुअल माध्यमों से जुड़ेंगे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया एवं राज्य मंत्री श्री रामखेलावन पटेल भी उपस्थित रहेंगे।
प्रदेश में अब तक आजीविका मिशन से 40 लाख से अधिक ग्रामीण निर्धन परिवारों को लगभग 3 लाख 50 हजार स्व-सहायता समूहों से जोड़कर 2,762 करोड़ रुपये बैंक ऋण के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कोरोना काल में ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के लिये लॉकडाउन के समय से लगातार वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित कर हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाता रहा है। राशि मिलने से समूह सदस्य अपनी वर्तमान आजीविका को और सुदृढ़ करते हुए आय में वृद्धि करेंगे, जिससे उनकी समृद्धि के द्वार खुलेंगे और उनका आर्थिक एवं सामाजिक स्तर पहले से बेहतर हो सकेगा।
उल्लेखनीय है कि म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत निर्धन परिवारों की महिला सदस्यों को स्व-सहायता समूहों से जोड़कर सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण किया जा रहा है। आमतौर पर देखने में आता है कि ग्रामीण क्षेत्र में लोग बैंकिंग सेवा की प्रक्रियाओं में दस्तावेजीकरण और अन्य औपचारिकताओं की कठिनाई के कारण पात्र होने के बावजूद विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं। राज्य सरकार द्वारा इस प्रक्रिया को सरल करने के उद्देश्य से बैंकों के साथ व्यापक स्तर पर समन्वय स्थापित कर स्व-सहायता समूहों के लिये पर्याप्त बैंक ऋण आसानी से उपलब्ध कराने का संकल्प लिया गया है।
स्व-सहायता समूहों के बैंक ऋण प्रकरण सॉफ्टवेयर के माध्यम से प्रस्तुत करने के साथ सघन निगरानी एवं पारदर्शी प्रक्रिया बनाई गई है। बैंकिंग सेवाओं को सुलभ बनाने के लिये मिशन द्वारा बैंक शाखाओं में बैंक सखियाँ भी चिन्हित की गई हैं, जो समूह सदस्यों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक संबंधी कार्यों में सहयोग कर रही हैं।