- September 19, 2017
राज्य को बाल विवाह मुक्त बनाना है – महिला बाल विकास राज्य मंत्री
जयपुर, 19 सितम्बर। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने कहा कि राज्य को बाल विवाह मुक्त बनाना है। इसके लिए सभी अधिकारी-कर्मचारी फील्ड में आमजन का सहयोग लेकर बाल विवाह के दुष्परिणामों के प्रति लोगों को जागरूक करें।
श्रीमती भदेल मंगलवार को हरिशचन्द्र माथुर लोक प्रशासन संस्थान के सभागार में बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों की कार्यशाला को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि यूनिसेफ के सहयोग से बाल विवाह मुक्त राजस्थान बनाने के लिए साझे प्रयास की शुरूआत की गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य में बाल विवाह रोकने के लिए अधिकारियों को फील्ड में हरसम्भव प्रयास करने होंगे। बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी सामाजिक संगठनों के सहयोग से इस कुरीति को जड़ से समाप्त करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।
श्रीमती भदेल ने कहा कि राज्य में कुछ विशेष तिथियों पर बाल विवाह अधिक होते हैं, इन तिथियों पर पहले से तैयारी कर बाल विवाह शून्य किए जाने के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर अधिकारी किसी बाल विवाह को शून्य कर देता है तो उस स्थिति में पुनर्वास के प्रयास भी किए जाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि बाल विवाह के दुष्परिणामों से बचने के लिए सरकारी मशीनरी को एकजुट होकर प्रयास करना होगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य सरकार द्वारा बनाया गया बाल- विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 प्रेक्टिकली फील्ड में पूरी तरह लागू करें।
इस अवसर पर आयुक्त, महिला अधिकारिता, श्रीमती रिचा खोड़ा ने कहा कि बाल विवाह को रोकने का अभियान एक विभाग का ना होकर सभी का साझा प्रयास है तथा सभी के प्रयासों से इस कुरीति को समाप्त किया जा सकता है।
कार्यशाला में अतिरिक्त निदेशक, महिला अधिकारिता श्रीमती निशा मीणा, सीनियर फेलो, चाइल्ड रिसोर्स सेन्टर राजेश यादव सहित राज्य के सभी बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, यूनिसेफ तथा यूएनएफपीए के सदस्य मौजूद थे।