- January 13, 2015
राज्य के 3.50 लाख बच्चों को कुपोषण मुक्त करने का लक्ष्य
रायपुर- मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्देशों के अनुरूप छत्तीसगढ़ के बच्चों में कुपोषण दर को न्यूनतम स्तर पर लाने और सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दस फरवरी से नवाजतन योजना का चौथा चरण शुरू होगा। इस चरण में नवाजतन योजना के तहत प्रदेश के तीन लाख 50 हजार बच्चों को चिन्हांकित किया जा रहा है।
इस संबंध में राज्य शासन के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मंत्रालय (महानदी भवन) से पिछले माह की 23 तारीख को राज्य के सभी कलेक्टरों और विभागीय जिला कार्यक्रम अधिकारियों तथा जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारियों को परिपत्र जारी किया जा चुका है।
परिपत्र में कहा गया है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा प्रदेश के बच्चों में व्याप्त कुपोषण को न्यूनतम स्तर पर लाने और सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए नवाजतन योजना के चौथे और पांचवें चरण को प्रभावी ढंग से समय-सीमा में संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। निर्देश के परिपालन में फरवरी 2015 से दिसम्बर 2015 तक प्रदेश के सात लाख बच्चों को नवाजतन योजना के अंतर्गत लक्ष्यांकित कर प्रदेश में कुपोषण का स्तर 25 प्रतिशत तक सीमित करना है, इसके लिए पूर्ण क्षमता के साथ समयबद्ध तरीके से कार्य करना होगा।
परिपत्र के अनुसार बच्चों के चिन्हांकन के लिए बेसलाइन एवं एण्डलाइन सर्वे की जाएगी, जिसके तहत बाल विकास परियोजना अधिकारियों के नेतृत्व में विभागीय पर्यवेक्षक, मुख्यमंत्री सुपोषण दूत, मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी केन्द्र स्तर पर गठित मूल्यांकन एवं अनुश्रवण समिति के सदस्य और महिला स्वसहायता समूह आदि की उपस्थिति में आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों का वजन लिया जाएगा। वजन लिए गए बच्चों की प्रविष्टि नवाजतन साफ्टवेयर में की जाएगी।
साफ्टवेयर में प्रविष्टि के बाद जो बच्चे मध्यम तथा गंभीर कुपोषण की श्रेणी में होंगे, वही संबंधित आंगनबाड़ी केन्द्र के लिए लक्ष्यांकित होंगे। इन बच्चों की मानिटरिंग राज्य स्तर से की जाएगी। आंकड़ों की सत्यता के लिए यूनिसेफ, केयर एवं अन्य संस्थाओं द्वारा बेसलाइन एवं एण्डलाइन सर्वे का सत्यापन किया जाएगा।
उल्लेखनीय है प्रदेश में कुपोषण के स्तर को न्यूनतम स्तर पर लाने और दिसम्बर 2015 तक सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कुपोषण मुक्ति अभियान संचालित किया जा रहा है। कुपोषण मुक्ति अभियान के तहत नवाजतन योजना और मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना के क्रियान्वयन, पोषण पुनर्वास केन्द्रों के प्रभावी उपयोग एवं विभिन्न विभागों के समन्वय से विगत वर्ष में कुपोषण के स्तर में उल्लेखनीय कमी आयी है।अ