राजीव गांधी इल्यूमिनेटिंग स्कीम फाॅर हिल टाऊनस एडवांसमेंट (रिश्ता) योजना

राजीव गांधी इल्यूमिनेटिंग स्कीम फाॅर हिल टाऊनस एडवांसमेंट (रिश्ता) योजना

शहरी विकास मंत्री श्री सुधीर शर्मा ने  कहा कि प्रदेश में हाल ही में आरम्भ की गई राजीव गांधी इल्यूमिनेटिंग स्कीम फाॅर हिल टाऊनस एडवांसमेंट (रिश्ता) योजना प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को स्मार्ट सेवाएं और शहरी स्थानीय निकायों में बेहतर शासन व्यवस्था के लिए एकीकृत स्मार्ट सेवाओं की व्यापक उपलब्धता सुनिश्चित बनाने में कारगर सिद्ध होगी।

उन्होंने कहा कि इस एकीकृत परियोजना से सभी शहरी स्थानीय निकायों में स्मार्ट स्ट्रीट लाईटिंग, वाई-फाई, स्मार्ट सुरक्षा निगरानी, जन सम्बोधन प्रणाली इत्यादि जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं सृजित की जाएंगी। इस योजना के अन्तर्गत केवल वर्तमान में स्ट्रीट लाईटों को बदल कर उनके स्थान पर एलईडी लाईटस ही नहीं लगाई जाएंगी बल्कि अन्य अनेक स्मार्ट सेवा घटक भी इसमें सम्मिलित हैं। श्री शर्मा ने कहा कि यह योजना पूर्णतः प्रदेश की पहल है और भारत सरकार के वर्तमान स्ट्रीट लाईट्स बदलकर उनके स्थान पर केवल एलईडी बल्ब लगाने के कार्यक्रम तक ही सीमित नहीं हैं।

उन्होंने स्पष्ट किया कि यह योजना भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित नहीं है, बल्कि प्रदेश के नगर निकाय बिजली बचत के माध्यम से बचाए गए धन से इसके लिए भुगतान करेंगे। उन्होंने कहा कि वह प्रदेशवासियों की सुविधा के लिए आरम्भ की गई विकासात्मक परियोजनाओं का श्रेय लेने में विश्वास नहीं रखते, लेकिन पूर्व में प्रदेश में रहीं कुछ सरकारें ऐसा करती रही हैं। श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार केवल ई.ई.एस.एल. की सेवाओं का उपयोग कर रही है।

ई.ई.एस.एल. एक सार्वजनिक क्षेत्र और व्यावसायिक उपक्रम है, जो अपने कार्य की लागत और लाभ ब्याज सहित सात वर्षों की अनुबन्ध अवधि के दौरान शहरी स्थानीय निकायों से वसूलेगा। उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश सरकार प्रदेशवासियों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से अभिनव प्रयोग कर रही है और सुशासन में स्मार्ट फीचर सम्मिलित किए जा रहे हैं, ऐसे में इस पहल का नाम अपनी इच्छानुसार रखना प्रदेश सरकार का विशेष अधिकार है।

योजना के कार्यान्वयन में लाभ के उद्देश्य से भारत सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम की सेवाओं के उपयोग में कोई हर्ज नहीं है। श्री शर्मा ने कहा कि रिश्ता योजना के अन्तर्गत स्ट्रीट लाईटिंग घटक भी सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत कार्यान्वित किया जाएगा, जिसमें केन्द्रीकृत नियंत्रण एवं अनुश्रवण प्रणाली, सेंसर, डिमर, पर्यटन स्थलों एवं धरोहर भवनों में अलग-अलग रंगों की लाईटें तथा लाईटिंग सुविधा विहीन क्षेत्रों में सुविधा उपलब्ध करवाने जैसे रचनात्मक एवं नवीन घटक सम्मिलित किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की इस पहल को सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से कार्यान्वित किया जाएगा, जिसमें निजी पार्टियों को ई.ई.एस.एल. द्वारा खुली बोली प्रक्रिया के माध्यम से चुना जाएगा। सफल बोलीदाता परियोजना का कार्यान्वयन करेगा और सात वर्षों की अवधि के लिए इनका संचालन एवं रख-रखाव करेगा। ब्याज सहित परियोजना की लागत को शहरी स्थानीय निकायों से वसूल की जाएगी। श्री सुधीर शर्मा ने कहा कि रिश्ता योजना केवल एलईडी योजना नहीं है, बल्कि यह एलईडी लाईटस लगाने से कहीं बढ़कर एक समग्र योजना है।

योजना के अन्तर्गत स्ट्रीट लाईटिंग के लिए केन्द्रीकृत नियंत्रण एवं अनुश्रवण प्रणाली का उपयोग, बेतरतीब तारों का बेहतर प्रबन्धन, चयनित स्थलों पर बिजली की तारों को भूमि के नीचे से बिछाना, स्ट्रीट लाईट्स की सुविधा से रहित क्षेत्रों में अतिरिक्त स्ट्रीट लाईटों के माध्यम से शत-प्रतिशत कवरेज, पर्यटन स्थलों, धरोहर भवनांे और बाजार में अलग-अलग प्रकार की रचनात्मक लाईटें, वाई-फाई सेवाएं इत्यादि सम्मिलित हैं। इन सेवाओं के लिए शहरी स्थानीय निकाय अपने संसाधनों से भुगतान करेंगे।

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