- December 7, 2017
राजस्व न्यायालय–9 लाख 11 हजार 585 प्रकरणों का निराकरण
भोपाल : (राजेश पाण्डेय)————-विभिन्न स्तर के राजस्व न्यायालयों में राजस्व वर्ष 2016-17 में रिकार्ड लगभग 9 लाख 11 हजार 585 प्रकरणों का निराकरण हुआ है। कुल पंजीकृत प्रकरणों की संख्या 12 लाख 31 हजार 464 है। निराकृत प्रकरणों का प्रतिशत 74.02 है।
प्रमुख सचिव राजस्व श्री अरूण पाण्डेय ने बताया है कि इसके पहले कभी-भी 50 प्रतिशत से अधिक प्रकरणों का निराकरण नहीं हुआ है। राजस्व वर्ष एक अक्टूबर से 30 सितम्बर तक माना जाता है। श्री पाण्डेय ने बताया है कि प्रदेश में नायब तहसीलदार से कमिश्नर तक के स्तर के कुल 1449 राजस्व न्यायालय हैं। निराकृत प्रकरणों में लगभग 47 हजार प्रकरण दो साल से ऊपर के हैं। कुछ प्रकरण तो 24-25 साल पुराने थे।
प्रकरणों के निराकरण में होशंगाबाद नम्बर-एक
रेवेन्यू कोर्ट मेनेजमेन्ट सिस्टम के माध्यम से लोगों को प्रकरण दर्ज करवाने में सुविधा हुई है। साथ ही प्रकरणों की मॉनीटरिंग में भी सुविधा हुई है। प्रकरणों के निराकरण में 82.74 प्रतिशत के साथ होशंगाबाद संभाग नवम्बर एक पर है। उज्जैन 82.40 प्रतिशत के साथ दूसरे और इंदौर 80.81 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर है।
भोपाल में 77.90, सागर में 76.24, जबलपुर में 76.11, ग्वालियर में 75.52, चंबल में 70.45, शहडोल में 59 और रीवा संभाग में 57.05 प्रतिशत प्रकरणों का राजस्व न्यायालयों में निराकरण हुआ है। संख्या की दृष्टि से देखें तो होशंगाबाद संभाग में 59 हजार 179, उज्जैन में 1 लाख 03 हजार 165, इंदौर में 78 हजार 847, भोपाल में 1 लाख 105, सागर में 1 लाख 39 हजार 055, जबलपुर में 1 लाख 85 हजार 047, ग्वालियर में 83 हजार 189, चंबल में 32 हजार 067, शहडोल में 34 हजार 972 और रीवा संभाग में 95 हजार 959 प्रकरणों का निराकरण हुआ है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 10 जुलाई 2017 की समीक्षा में दिए गए निर्देशों के अनुरूप राजस्व प्रकरणों के निराकरण में त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की गयी है। मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह ने राजस्व विभाग की पूरी टीम के साथ 31 जुलाई से 31 अगस्त के बीच सभी संभागों में पहुँचकर इस संबंध में समीक्षा की।
मुख्य सचिव दूसरे चरण में भोपाल, ग्वालियर, चंबल और शहडोल संभाग की समीक्षा कर चुके हैं। इस बार संभाग के जिलों में संभाग स्तरीय समीक्षा की गयी। इस दौरान राजस्व कार्यालयों का आकस्मिक निरीक्षण भी किया जाता है। राजस्व मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता भी सतत समीक्षा कर जरूरी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित कर रहे हैं। फलस्वरूप प्रकरणों के निराकरण में तेजी आयी है।