• July 20, 2016

राजस्थान-हरियाणा जल बंटवारे पर केन्द्र सरकार मध्यस्थता करे

राजस्थान-हरियाणा जल बंटवारे पर केन्द्र सरकार मध्यस्थता करे

जयपुर———झुंझुनू सांसद श्रीमती संतोष अहलावत ने मंगलवार को लोकसभा में शून्य काल के दौरान राजस्थान-हरियाणा जल बंटवारे पर केन्द्र सरकार से मध्यस्थता करने का आग्रह किया। सांसद श्रीमती अहलावत ने प्रधानमंत्री तथा केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा जीर्णोद्धार मंत्री से अनुरोध किया कि केन्द्र सरकार हरियाणा सरकार से 14 फरवरी 2003 के सहमति पत्र (एम.ओ.यू) पर हस्ताक्षर करने का आग्रह करे ताकि राजस्थान के तीन जिलों-भरतपुर, चूरू एवं झुंझुनू को 1,917 क्यूसेक यमुना जल ताजेवाला हैड वर्क्स से तथा 1,281 क्यूसेक यमुना जल ओखला हैडवर्क्स से मिल सके।

उन्होंने बताया कि राजस्थान को यमुना बेसिन राज्यों के मध्य वर्ष 1994 में हुए समझौते के तहत 1 .119 (बी.सी.एम) यमुना जल का आवंटन हुआ था और अपर यमुना नदी मंडल को बेसिन राज्यों से यमुना जल आवंटन हेतु अधिकृत किया गया था। तथा 21दिसम्बर 2001 को अपर यमुना नदी मंडल की 22 वी बैठक में निर्णय लिया गया कि राजस्थान को 1,917 क्यूसेक यमुना जल ताजेवाला हैडवर्क्स से तथा 1,281 क्यूसेक यमुना जल ओखला हैडवर्क्स से मानसून अवधि में दिया जायेगा।

श्रीमती अहलावत ने कहा कि राजस्थान सरकार ने उपरोक्त आवंटित यमुना जल के उपयोग हेतु दो प्रस्ताव क्रमशः भरतपुर तथा जिला चूरू एवं झुंझुनू के लिए तैयार करके केंद्रीय जल आयोग को प्रस्तुत किये तथा आयोग ने उपरोक्त दोनों प्रस्तावों को इस शर्त के साथ अनुमोदित किया कि हरियाणा राज्य की स्वीकृति प्राप्त की जावें। 14 फरवरी 2003  को राजस्थान सरकार द्वारा सहमति पत्र (एम.ओ.यू) हरियाणा सरकार को सहमति  एवं हस्ताक्षार्थ हेतु भेजा गया ।

सांसद श्रीमती अहलावत ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने अपने फायदे तथा राजनीतिक कारणों से राजस्थान को उसके हिस्से के जल वंचित कर दिया है जिससे आज झुंझुनू जिले में किसानों को अत्यधिक कठिनायों का सामना करना पड़ रहा है ।

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