- April 1, 2019
राजस्थान स्थापना दिवस
जयपुर———– राजस्थान के 70 वें स्थापना दिवस पर शनिवार को नई दिल्ली में राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित राजस्थान दिवस समारोह में प्रदेश के विभिन्न अंचलों से आये लोक कलाकारों ने राजस्थान के विश्व प्रसिद्ध लोक नृत्य कालबेलिया, चरी, चकरी, घूमर, कच्ची घोड़ी, बृज की होली आदि नृत्यों के साथ ही खड़ताल व भपंग वादन प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया।
विभाग की अतिरिक्त निदेशक डॉ. गुंजीत कौर ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत बरसात की हल्की बूंदाबांदी के बीच जोधपुर से आये रफीक लंगा एवं साथियों द्वारा प्रस्तुत केसरिया बालम पधारों ने म्हारे देस और दमादम मस्त कलंदर,अली दा पहला नंबर ….गीत और खड़ताल वादन की मनभावन धुनों से हुई।
इस मौके पर नई दिल्ली में राजस्थान के कलाकारों सुश्री किरण कुमारी एवं साथी नृत्यांगनाओ ने घूमर नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी। टोंक से आये रामप्रसाद शर्मा व साथियों ने कच्ची घोड़ी नृत्य पेश किया। इसी प्रकार दिल्ली के ही अनिशुद्दीन व साथी कलाकारों ने चरी नृत्य व बारां से आये जानकी लाल चाचौड़ा व साथियों ने चकरी नृत्य प्रस्तुत किया।
सांस्कृतिक संध्या के प्रमुख आकर्षण में पुष्कर के कल्याण नाथ की अगुवाई में अंतरराष्ट्रीय कालबेलिया नृत्यागंनाओ ने कालबेलिया नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों की तालियां बटोरी। इसी प्रकार अलवर के गफरूद्दीन खान मेवाती व दल ने भपंग वादन से सभी को गुदगुदाया। उन्होंने अपने गीत के मुखड़े काशी भी रहेगी, काबा भी रहेगा पर सबसे ऊपर हिंदुस्तान तेरा नाम रहेगा से सभी को प्रभावित किया।
सांस्कृतिक संध्या का समापन डीग भरतपुर के जितेंद्र पाराशर एवं साथी कलाकारों द्वारा प्रस्तुत फूलों की होली नृत्य से हुआ।
पर्यटन विभाग की सहायक निदेशक श्रीमती सुमिता मीना ने बताया कि इस मौके पर दिल्ली हाट को राजस्थानी परिवेश में सजाया संवारा गया एवं लोगों ने राजस्थानी व्यंजनों का लुफ्त भी उठाया।
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