- November 26, 2015
राजस्थान पवेलियन में मिट्टी के बर्तनों को जीवन शैली में पिरोने के कार्य को समर्पित ड़ॉ. शोभा
जयपुर -नई दिल्ली के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले के राजस्थान पवेलियन में उदयपुर से आई डॉ. शोभा द्वारा संचालित जनदक्षा ट्रस्ट द्वारा लगायें गए इको-फ्रेंडली उत्पादों के स्टाल पर मिट्टी के बर्तनों की भारी मांग है। पवेलियन में स्टाल की संचालक डॉ. शोभा ने बताया कि मिट्टी के बर्तनों को महिलाओं द्वारा बनाया जाता है। उन्होंने बताया कि इन मिट्टी के बर्तनों में चाय के कप, रोटी बनाने के तवे, मिट्टी की बनी पानी की बॉटल, रोटी रखने के खास बर्तन, बाऊल, दही जमाने के बर्तन प्रमुख है।
डॉ. शोभा ने बताया कि मिट्टी के तवे एवं मिट्टी के बने चाय के कपों को आधुनिक विज्ञान की तर्ज पर खास तापमान में पकाया एवं बनाया जाता है। जिससे गैस चुल्हे के ऊपर इनके टूटने अथवा खराब हाने का खतरा नही रहता है इन तवों एवं कपों को थोडी सी सावधानी के साथ लंबे समय तक उपयोग में लाया जा सकता है। मिट्टी के बने कुल्लड़ो को अभी तक चाय पीकर फेंक देने के विकल्प के रूप में जनदक्षा ट्रस्ट से जुडी महिलाओं द्वारा मिट्टी के कप तैयार किए गए है। जिन्हें काफी समय तक बार-बार उपयोग में लाया जा सकता है। डॉ. शोभा ने बताया कि मिट्टी से बने तवों एवं कपों की व्यापार मेले में काफी मॉग है। क्योंकि कि मिट्टी के बर्तन स्वास्थ के लिए काफी लाभदायक होते है।
उन्होंने बताया कि इन मिट्टी के तवों की प्रमुख खासियत यह है कि इस पर रोटी पकती भी है। और उसी पर फूलती भी है इसलिए रोटी को बार-बार तवा हटाकर गैस फ्लेम पर सेकने की जरूरत नही पडती है। इससे ऊर्जा की भी बचत होती है एवं पेट की कई बीमारियों से भी निजात मिलती है।
डॉ. शोभा ने बताया कि जनदक्षा ट्रस्ट द्वारा ग्रामीण इलाको की महिलओं को रोजगार देने के लिए इन घरेलू उत्पादो को मुख्य बाजार तक पहॅुचाने का कार्य किया जा रहा है। साथ ही संगठन द्वारा महिलाओं को तकनीकी एवं आर्थिक मद्द भी दी जाती है।
उन्होंने बताया कि जनदक्षा ट्रस्ट द्वारा उदयपुर बांसवाडा के ग्रामीण क्षेत्रों में जनजाति महिलाओं को रोजगार के विशेष अवसर पैदा किए जा रहें है। जनजाति महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादो को बाजार तक पहुचाने के लिए हमारी संस्था निरंतर कार्यरत है।