- April 9, 2015
राजस्थान नगरपालिका (संशोधन) विधेयक, 2015 पारित
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जयपुर – राज्य विधानसभा ने बुधवार को राजस्थान नगरपालिका (संशोधन) विधेयक, 2015 को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री श्री राजपाल सिंह शेखावत ने विधेयक को सदन में विचारार्थ प्रस्तुत किया। सदन में विधयेक पर हुई बहस के बाद नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री ने कहा कि नगरपालिका अधिनियम, 2009 को और प्रभावी बनाने के लिए इसमें कुछ संशोधन लाए गए हैं। उन्होंने इन संशोधनों को प्रगतिशील कदम बताया और कहा कि स्थानीय निकायों में नीचे के स्तर पर जो अव्यवस्थाएं हैं, उनको ठीक करने की शुरुआत इनके माध्यम से होगी।
उन्होंने कहा कि अभी तक पदनामों में जो विसंगतियां थीं, उनको ठीक कर एकरूपता लाने के लिए प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने बताया कि नगरपालिका अधिनियम, 2009 की धारा 2 (13) (क) के संशोधन के तहत चीफ म्यूनिसिपल ऑफिसर का पदनाम कमिश्नर के रूप में किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि धारा 332 के तहत एडिशनल और डिप्टी कमिश्नर की नियुक्ति के प्रावधान भी जोड़े जा रहे हैं।
श्री शेखावत ने कहा कि अभी तक अधिनियम में स्वास्थ्य और स्वच्छता के मामले को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए सभी जगह एक ही स्वास्थ्य और स्वच्छता समिति का प्रावधान था। अत: इसके विकेन्द्रीकरण की आवश्यकता थी। उन्होंने कहा कि अधिनियम की धारा 55 (3)(2) के तहत अब 1 से 50 वार्डोें के लिए एक, 51 से 75 वार्डों को लिए दो और 75 से अधिक वार्डों के लिए तीन समितियों के गठन का प्रावधान किया गया है। इससे माइक्रो लेवल पर सफाई व्यवस्था को प्रभावशाली बनाया जा सकेगा।
नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री ने कहा कि अधिनियम में एक नई धारा 69-क जोड़ी जा रही है जिससे नगरपालिकाओं की स्थानीय सीमाओं के भीतर ऐसे व्यक्तियों को पट्टे जारी किए जा सकेंगे, जो वैध मालिक तो हैं, लेकिन जिनके पास वैध दस्तावेज नहीं हैं।
इससे पहले सदन ने सदस्यों द्वारा विधेयक को जनमत जानने के लिए परिचारित करने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।
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