• December 13, 2016

राजस्थान — जन विकास के तीन साल

राजस्थान — जन विकास के तीन साल

जयपुर—–सरकार ने पिछलेे तीन सालों में राजस्थान को अग्रिम पंक्ति का राज्य बनाने के लिए नीतिगत सुधारों की पहल की है और आम नागरिक के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए समर्पित भाव से प्रयास किए हैं।

जनजन में बेहद लोकप्रिय और व्यापक जनाधार वाली नेत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने 13 दिसम्बर, 2013 को दूसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते हुए यह संकल्प लिया था कि मुझे राजस्थान की जनता से अभूतपूर्व समर्थन, प्यार और स्नेह प्राप्त हुआ है जिसके लिए मैं सदैव ऋणी रहूंगी । यही समर्थन मुझे अधिक से अधिक श्रम और बेहतर कार्य करने का उत्साह प्रदान करेगा ।

समस्याओं का सर्वोच्च प्राथमिकता से निवारण करने का संकल्प लेकर श्रीमती राजे ने गत तीन वर्षों में जनता से अपना सीधा जुड़ाव जारी रखा और हर जन संकट के दौरान गरीब के झौंपड़े तक पहुंची इसी कारण उन्हें जन जन का प्यार, समर्थन और विश्वास हासिल हुआ।

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे पिछलेे तीन सालों से जनसेवा की अपनी सोच को आगे बढ़ाते हुए प्रदेश के आर्थिक विकास और आधारभूत ढांचे को जन आंकाक्षाओं के अनुरूप मजबूत बनाने में जुटी हैं। उन्होंने कहा हम एक खुशहाल, शिक्षित, संवेदनशील और समृद्ध राजस्थान की कामना करते हैं ।

जब समाज के सभी वर्ग सौहार्दपूर्वक इस दिशा में प्रयासरत होंगे तभी हम एक सशक्त राजस्थान का नवनिर्माण कर पाएंगे। हम सुनिश्चित करते हैं कि समाज के सभी वगोर्ं के साथ बेहतर तालमेल के साथ कार्य हो।

राजस्थान के समग्र विकास, शान्ति और आपसी सौहार्द के लिए मुख्यमंत्री ने आम जन से कदम से कदम मिलाकर ’’आओ साथ चलें’’, का आह्वान भी किया है। मुख्यमंत्री की सोच है कि रोजमर्रा के कार्यों के लिए सरकार और आमजन के बीच आपसी संवाद को और आसान कैसे बनाया जाये, इसके लिए अधिक तत्परता व सजगता से काम करना होगा।

सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार सुशासन के महत्वपूर्ण स्तम्भ हैं। इन मूलभूत सुविधाओं व आर्थिक विकास के माध्यम से सामाजिक विकास के सभी को एक जुट होकर प्रयास करने की जरुरत है तभी मुस्कराते राजस्थान का हमारा सपना साकार होगा। सीएजी की रिपोर्ट में भी राज्य की सराहना की गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में सामाजिक और भौतिक आधारभूत ढांचा बेहतर बजट व्यय को दर्शाता है। रिपोर्ट में विकास, सामाजिक क्षेत्र, आर्थिक क्षेत्र, शिक्षा, स्वास्थ्य और पूंजीगत व्यय का राज्यवार अध्ययन किया गया है। उसमें सामने आया कि राजस्थान का इन सातों श्रेणियों में खर्च राष्ट्रीय औसत से अधिक है जो प्रदेश के लिए गौरव की बात है। राजस्थान को विकास के स्वर्ण युग में सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने विजन -2020 का लक्ष्य निर्धारित किया है ।

विजन दस्तावेज में पाँच मुख्य क्षेत्रों की पहचान की गयी है जिनमें निवेश को बढ़ावा बेरोजगारी को कम करना अर्थव्यवस्था शिक्षा और कौशल विकास में सुधार शामिल हैं। इसी विजन को अमलीजामा पहनाते हुए राज्य सरकार ने अपने कार्यकाल के तीन वषोर्ं में हर क्षेत्र में चहुंमुखी प्रगति और विकास के सौपान तय कर जन विश्वास को हासिल किया है। शिक्षा शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार को अपनाते हुए राजस्थान में विकास के नए आयाम स्थापित हुए है।

राजस्थान देशभर में पहला राज्य है, जहां सरकारी स्कूलों में नामांकन में 13 लाख की अतिरिक्त वृद्धि हुई है। यह अपने आप में एक नया इतिहास बना है। शिक्षकों को पोस्टिंग के स्थान का चयन करने का मौका काउंसलिंग सिस्टम के जरिए दिया। इससे शिक्षकों को किसी के आगे-पीछे चक्कर काटने नहीं पड़े। इससे उनका मान-सम्मान बढ़ा। सरकार ने पहली बार प्राइमरी स्कूलों में सब्जेक्ट टीचर्स व्यवस्था पर अमल किया। इससे शिक्षा में नए आयाम स्थापित होंगे।

बालिका शिक्षा प्रोत्साहन के लिए सरकार की ओर से आपणी बेटी योजना, राजश्री योजना, निशुल्क साइकिल वितरण, यात्रा भत्ता देने जैसी विभिन्न योजनाएं शुरू की गई है। देश में राजस्थान ही पहला राज्य हैै, जहां एक साथ एक लाख शिक्षकों को पदोन्नति देने का रिकार्ड बनने जा रहा है। इससे प्रदेश में शिक्षकों की कमी 51 प्रतिशत से घटकर 25 प्रतिशत रह गई हैै। ऊर्जा ऊर्जा बचत के तहत राजस्थान ने देश में पहला स्थान हासिल किया है।

इस योजना में देशभर में 26 नवम्बर 2016 तक 14 लाख 23 हजार 748 घरेलू एलईडी लाइटें लगाई गई जिनमें से अकेले राजस्थान में सर्वाधिक 5 लाख 37 हजार लाइटें लगाई गई। इसी भांति स्ट्रीट लाइट प्रोग्राम में भी राजस्थान अव्वल रहा है। सोडियम और टयूब लाइटों के स्थान पर एलईडी लाइटें लगाने से करीब 55 से 60 प्रतिशत ऊर्जा बचत होगी। 35 नगरीय निकायों में यह कार्य पूरा हो चुका है , 48 में प्रगति पर है और 98 में प्रक्रियाधीन है।

विद्युत उत्पादन राज्य सरकार प्रदेश को विद्युत उत्पादन की दृष्टि से आत्म निर्भर बनाने की ओर अग्रसर है। राज्य सरकार ने सौर ऊर्जा नीति 2014 जारी की । नीति लागू होने के बाद प्रदेश में सौर ऊर्जा उत्पादन एवं सौलर पार्क विकसित करने हेतु एमओयू किये गए। वर्तमान में राजस्थान प्रदेश की विद्युत अधिष्ठापित क्षमता 17,580 मेगावाट है।

प्रदेश में गत तीन वर्षों में राज्य क्षेत्र में 1750 मेगावाट, केन्द्रीय आवंटन से 288 मेगावाट, निजी क्षेत्र से 1014 मेगावाट एवं अक्षय ऊर्जा स्रोतों से 1700 मेगावाट सहित 4,752 मेगावाट की वृद्धि की गई है जबकि पूर्ववर्ती सरकार के प्रारंभिक तीन वर्षों में 2,822 मेगावाट की ही बढ़ोतरी हुई थी।

उद्योग देशी और विदेशी निवेश दोनों लिहाज से राजस्थान को आकर्षक स्थल के रूप में विकसित करने के साथ राजस्थान को औद्योगिक निवेश का अगुआ बनाने के लिए ‘टीम राजस्थान’ अथक प्रयास कर रही है। भारत में देश-केंद्रित विशेष क्षेत्र स्थापित करने में हम अग्रणी हैं।

राजस्थान में पहले से ही जापानी और कोरियाई निवेश क्षेत्र हैं। नीमराणा में जापानी क्षेत्र की सफलता के बाद राज्य सरकार घिलोठ में तकरीबन 500 एकड़ जमीन में दूसरा औद्योगिक निवेश क्षेत्र विकसित कर रही है।

उद्यमियों की सहायतार्थ राज्य की खनिज सम्पदा के पर्याप्त दोहन एवं खनन उत्पादन में वृद्धि के लिए नई खनन नीति-2015 जारी की गई। राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना 2014 लागू की गई। योजना के तहत 902 उद्यमियों ने 15 हजार 289 करोड़ रुपये का निवेश किया।

गत तीन वर्षों में बीआईपी में 37494 करोड़ से अधिक राशि के 249 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए जिनमें से 8075 करोड़ के 119 प्रस्तावों को स्वीकृत किया गया। राज्य केबिनेट ने अब तक 20533 करोड़ के निवेश प्रस्ताव अनुमोदित किये है।

राजस्थान स्टार्टअप पालिसी -2015 भी जारी की गई। अन्नपूर्णा भण्डार पांच हजार से अधिक अन्नपूर्णा भण्डारों पर 150 से ज्यादा वस्तुएं उचित मूल्य पर उपलब्ध कराई जा रही है। इसी भांति सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाकर कालाबाजारी को रोकने हेतु बायोमेट्रिक सत्यापन के बाद खाद्यान वितरित किया जा रहा है। प्रदेश में 25 हजार उचित मूल्य की दुकानों पर अब तक यह व्यवस्था कर 139 लाख रूपये से अधिक का लेन देन किया जा चुका है।

स्वच्छ भारत मिशन स्वच्छ भारत मिशन -ग्रामीण के तहत शौचालय निर्माण में राजस्थान देश में अव्वल है। बीकानेर को प्रदेश का पहला खुले में शौच से मुक्त जिला घोषित किया गया है। प्रदेश में अब तक 43 लाख 47 हजार परिवारों को शौचालय सुविधा सुलभ कराई जा चुकी है।

स्वच्छ भारत मिशन -नगरीय के तहत प्रदेश में अब तक 70 हजार से अधिक परिवारों को शौचालय सुविधा सुलभ कराई जा चुकी है। धरोहर संरक्षण राजस्थान की ऎतिहासिक धरोहर व संस्कृति, सभ्यता, गौरवशाली इतिहास के संरक्षण तथा इनके विकास हेतु राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रौन्नति प्राधिकरण का पुनर्गठन किया गया है।

प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों का यात्रियों की सुविधा हेतु सेवायें विकसित करने एवं ऎसे स्थलों का जीर्णोद्धार करने के लिए मास्टर प्लान बनाकर विकास कार्य कराये जा रहे है। राज्य में टैम्पल टाउन अधिनियम बनाकर तीर्थाटन के विकास का निर्णय लिया गया है। इसके अंतर्गत कुल देवताओं के धर्मस्थलों के विकास करने तथा राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित देवस्थान विभाग के एवं विभिन्न पंजीकृत प्रन्यासों द्वारा प्रबंधित एवं नियंत्रित जन आस्था के 38 प्रमुख धर्मस्थलों को चिन्हित किया गया है।

प्रदेश में अजमेर, भरतपुर, चित्तौड़गढ़, कोटा, झालावाड़, जोधपुर, पाली, बीकानेर, सीकर एवं जैसलमेर के राजकीय संग्रहालयों तथा जवाहर कला केन्द्र एवं रवीन्द्र मंच के विकास कार्य करवाये जा रहे हैं।

सड़क विकास राज्य की समस्त पंचायत मुख्यालयों पर 0.5 किलोमीटर से 2 किलोमीटर लम्बी सड़क का चयन कर कंक्रीट सड़क एवं नाली निर्माण के तहत प्रथम चरण में 1972 पंचायत मुख्यालयों में 1720 किलो मीटर के गौरव पथ सड़कों का निर्माण पूरा किया जा चुका है। ग्रामीण गौरव पथ के द्वितीय चरण में 1253 करोड़ रुपये के 2086 ग्रामीण गौरव पथ स्वीकृत किए गए हैं।

प्रदेश में प्रतिदिन औसतन चार गांवों को ग्रामीण गौरव पथ से जोड़ा जा रहा है और प्रतिदिन औसतन 14 किलोमीटर सड़कें बनाई जा रही हैं। ग्रामीण गौरव पथ के रूप में निर्मित इन सड़कों से आम आदमी का आवागमन बेहद आसान हो गया है।

राज्य में सड़कों के विकास पर औसतन 4 हजार 348 औसतन तथा कुल 12 हजार 508 करोड़ व्यय। पर्यटन राज्य में पर्यटन क्षेत्र में आधारभूत संरचना के विकास एवं निवेश को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन इकाई नीति 2015 लागू की गई।

इस नीति में पर्यटन क्षेत्र की विभिन्न इकाइयों को व्यापक रूप से परिभाषित किया गया है, जिनमें अब होटल, मोटेल, हैरिटेज होटल, बजट होटल, रेस्टोरेन्ट, केम्पिंग साइट, माइसध्कनवेन्षन सेन्टर, स्पोट्र्स रिसोर्ट, रिसोर्ट, हैल्थ रिसोर्ट, एम्यूजमेन्ट पार्क, एनिमल सफारी पार्क, रोप वे, ट्यूरिस्ट लग्जरी कोच, केरावेन एवं क्रूज पर्यटन समिलित है। राज्य सरकार के प्रोत्साहन के फलस्वरूप पर्यटकों की संख्या में बीस प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पर्यटन क्षेत्रों के विकास कायोर्ं के प्रावधान में 79 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।

पिछले कुछ सालों में जयपुर एक ‘हैपनिंग प्लेस‘ बन गया है। यहां की कला, संस्कृति, संगीत एवं ऎतिहासिक धरोहरों ने दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। यूनेस्को ने इस शहर को ‘सिटी ऑफ क्राफ्ट्स‘ जबकि वर्ल्ड क्राफ्ट्स काउंसिल ने इसे ‘क्राफ्ट्स सिटी‘ का दर्जा दिया है।

कौशल विकास राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास के माध्यम से 10 लाख युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गये। इनमें एक लाख युवाओं को सरकारी क्षेत्र में नियमित नियुक्तियां और 8 लाख 91 हजार को गैर सरकारी क्षेत्र में रोजगार की सुविधा उपलब्ध कराइ गई।

राज्य में एक लाख 63 हजार 673 युवाओं को विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण प्रदान किये गए। राज्य को लगातार दो वर्ष 2014-15 व 2015-15 में सर्वश्रेष्ठ कौशल प्रदाता राज्य के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड ट्राफी दी गई। आहत को राहत राज्य सरकार ने एक अनूठा ‘सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम प्रारम्भ किया है। राज्य की मुख्यमंत्री एवं मंत्रीगण संभागों के गांव-गांव तक जाकर आम-जन की परेशानियां सुनते हैं और जहां तक संभव हो, उनका त्वरित गति से हल निकालने का प्रयास करते हैं।

आमजन की समस्याओं के शीघ्र, सरल और व्यवस्थित समाधान के लिए ‘राजस्थान सम्पर्क’ पोर्टल विकसित किया गया। पिछलेे तीन सालों में दस लाख से अधिक प्रकरण पोर्टल पर प्राप्त हुए जिनमें से लगभग 9 लाख प्रकरणों का निस्तारण किया गया। प्रदेश में आलोच्य अवधि में न्याय आपके द्वार अभियान में 69 लाख 89 हजार प्रकरणों का रिकार्ड निस्तारण कर लोगों को राहत पहुंचाई गई। भामाशाह योजना महिला सशक्तीकरण एवं राज्य के समस्त गरीब परिवारों के वित्तीय समावेशन के लक्ष्य की पूर्ति हेतु भामाशाह योजना-2014 लागू की गई।

भामाशाह योजना में अब तक एक करोड़ 30 लाख परिवारों के 462 लाख से अधिक व्यक्तियों का नामांकन किया जा चुका है। विभिन्न योजनाओं के तहत 4700 करोड़ रुपये से अधिक की राशि लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे हस्तांतरित की गयी है।

भामाशाह स्वास्थ्य बीमा भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना की उपलब्धियों की परिणाम उत्साहजनक हैं एवं योजना के तहत् प्रतिदिन करोड़ों रुपयों की राशि के क्लेम निरंतर बुक किये जा रहे हैं। अब तक 297 करोड़ के बीमा क्लेम बुक कराये जा चुके हैं। वर्तमान में 6 लाख से अधिक मरीजों का कैशलेस उपचार किया जा चुका है।

भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना से हृदय रोग से ग्रसित मरीजोें को बायपास सर्जरी, हार्ट वाल्व रिपेयर, एंजियोप्लास्टी, जन्मजात हृदय विकार, कैंसर, ब्रेन सर्जरी, स्पाइनल सर्जरी, यूरोलजी में डायलिसिस, किडनी एवं ब्लेडर संबंधी रोगो, फेफडो की सर्जरी तथा प्लास्टिक सर्जरी जैसी गंभीर बीमारियों में भी मरीजों को कैशलेस उपचार का लाभ मिल रहा है। योजना के तहत अब तक 1116 राजकीय और निजी चिकित्सालयों को जोड़ा जा चुका है।

मुख्यमंत्री जल स्वालम्बन अभियान राज्य में पेयजल और घरेलू आपूर्ति के लिए 70 फीसदी भूमिगत जल पर ही निर्भर रहना पड़ता है। लेकिन अब भूमिगत जल भी खतरनाक स्तर तक नीचे चला गया है। इस समस्या के समाधान के लिए मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान की शुरुआत की थी जो ग्रामीण इलाकों में जल संरक्षण का अपनी तरह का सबसे बड़ा अभियान है।

राजस्थान को जल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और हरा-भरा बनाने के लिए बने मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान से राजस्थान की न केवल देश बल्कि पूरी दुनिया में पहचान बनी है और दूसरे राज्य व देश भी हमारे मॉडल को अपनाने जा रहे हैं। जन आंदोलन के रूप में चल रहे इस अभियान ने राजस्थान की तस्वीर बदल दी है।

अभियान में चयनित क्षेत्रों के जलाशय आज लबालब हैं, सूखे जोहड़, कुएं और हैंडपंपों में पानी आ गया है। पहले चरण में संग्रहित हुए करीब 11 हजार 170 मिलियन क्यूबिक फीट जल से करीब 41 लाख लोग तथा 45 लाख पशुधन सीधे लाभान्वित हुए हैं। 94 हजार 418 कार्य पूर्ण हुए साथ ही अभियान में जल संरचनाओं के आस-पास करीब 28 लाख पौधे लगाने का भी ऎतिहासिक काम हुआ है। दूसरे चरण में गांवों के साथ-साथ शहरों को भी जोड़ा है। साथ ही नई तकनीक एवं नवाचारों का उपयोग करते हुए इसे पहले से अधिक व्यापक बनाया है।

ग्रामीण इलाकों के साथ-साथ इस साल 66 नगरीय निकायों में भी जल संरक्षण के काम किए जाएंगे। ग्राम राज्य की राजधानी जयपुर में ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट -2016 का ऎतिहासिक आयोजन 9 से 11 नवम्बर 2016 को संपन्न हुआ। इस आयोजन से राजस्थान में एक नई कृषि क्रांति की शुरुआत हुई है। यह आयोजन प्रदेश के लाखों किसानों और पशुपालकों के खेत खलिहानों में समृद्धि की फसल उगाने में कामयाब होने के साथ उनके चेहरे पर मुस्कान लायेगा ऎसी आशा व्यक्त की जारही है।

मुख्यमंत्री और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री की मौजूदगी में सम्मलेन में 4 हजार 400 करोड़ रूपये के 38 एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। इनमें कृषि विपणन में सर्वाधिक 21 कृषि उत्पादन में 7, उद्यानिकी और पशुपालन में पांच पांच एमओयू किये गए है। इससे लगभग 47 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। जिन कंपनियों से एमओयू हुए है उनमें महिंद्रा एन्ड महिंद्रा,टैफे, जन डियर के साथ इ एम् 3 एग्री सर्विसेज का संयुक्त उपक्रम जैसी महत्वपूर्ण कम्पनियाँ शामिल है।

इस आयोजन में प्रदेशभर के 58 हजार किसानों ने भाग लिया। रिसर्जेण्ट राजस्थान राज्य की राजधानी, जयपुर में 19 और 20 नवम्बर, 2015 को राजस्थान रिसर्जेंट पार्टनरशिप समिट-2015 में राज्य में आर्थिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर हुए । इनमें सौर ऊर्जा परियोनाओं को छोड़कर अब तक 1.45 लाख करोड़ रूपये के निवेश में से करीब 1.08 लाख करोड़ रुपये का निवेश विभिन्न स्तरों पर क्रियान्विती की प्रक्रिया में है।

यह किसी भी पार्टनरशिप समिट में प्राप्त निवेश प्रस्तावों के अमल में आने की संभवत सर्वाधिक उपलब्धि दर है। आज राजस्थान हर क्षेत्र में प्रगति के नये कीर्तिमान स्थापित करते हुए देश के अग्रिम पंक्ति के राज्यों में शामिल हो चुका है। आने वाले दो वर्षों में प्रगति की यह गति और अधिक बढ़ेगी और चहुंमुखी विकास की नई इबारत लिखेगा।

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