योजनाओं के अमल में ढिलाई बर्दाश्त नहीं

योजनाओं के अमल में ढिलाई बर्दाश्त नहीं

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय में 8 विभागों की प्रमुख योजनाओं के क्रियान्वयन पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना सहित विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रमों के सुचारू अमल पर निरंतर नजर रखी जा रही है। योजनाओं के अमल में ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आर्थिक अनियमितता करने वाले अधिकारी दंडित किए जाएंगे। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस और अन्य संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव आदि उपस्थित थे।

लापरवाह को नहीं छोड़ेंगे, तीन सीईओ हुए हैं निलंबित

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना के संबंध में विशेष रूप से पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि योजना में मिलने वाली राशि का हितग्राही को यदि विलंब से भुगतान होता है, तो योजना में गड़बड़ी का संकेत प्राप्त हो जाता है। मुख्यमंत्री ने बताया कि वे प्रदेश के विभिन्न स्थानों के दौरे में योजना के क्रियान्वयन की जानकारी प्राप्त करते हैं। इस योजना में हितग्राहियों को किश्त की राशि प्रदान न किए जाने और कर्त्तव्य में लापरवाही के दोषी तीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी निलंबित किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने खाद्यान्न वितरण, पोषण आहार वितरण, विद्युत देयकों के भुगतान के लिए दी गई रियायत, कृषक कल्याण, अनाज उपार्जन, सीएम राइज विद्यालय, राजस्व क्षेत्र में किए गए सुधारों, सुशासन के प्रयासों, सीएम हेल्पलाइन सहित अन्य नागरिक कल्याण योजनाओं के संबंध में विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि निर्धन तबके को मिल रही राशन सामग्री से जुड़े कार्यों में गड़बड़ियाँ बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। गरीबों को उनके अधिकार के अनाज का एक-एक दाना मिलना चाहिए। अनाज वितरण के कार्य में लापरवाही बरतने वालों को दंडित किया जाएगा। कालाबाजारियों पर सख्त नियंत्रण रखा जाए।

निर्यात के प्रयास सराहनीय

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के गेहूँ के निर्यात के लिए महत्वपूर्ण पहल हुई है। उन्होंने निर्यात के प्रयासों को सराहनीय बताया। वर्तमान में मिस्त्र (इजिप्ट) सहित अन्य देशों में मध्यप्रदेश के गेहूँ की मांग में वृद्धि हुई है। गत एक माह में मध्यप्रदेश से देश के 8 बंदरगाहों तक 87 रेक भेजे गए हैं। करीब ढाई लाख मीट्रिक टन गेहूँ निर्यात किया गया है। मध्यप्रदेश सरकार के फैसले के बाद अब निर्यातकों के लिए पंजीयन के उद्देश्य से ऑनलाइन पोर्टल काम कर रहा है। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा प्रतिदिन वीडियो कॉन्फ्रेंस से चर्चा भी की जा रही है। आवश्यकतानुसार रेक मिल भी रहे हैं।

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