- April 20, 2018
योजनाओं और कार्यक्रमों की सफलता सुनिश्चित करना सिविल सेवकों का दायित्व
भोपाल :(अजय वर्मा)——— मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जनता और जन-प्रतिनिधियों को जोड़कर शासकीय योजनाओं और कार्यक्रमों का संचालन जन-अभियान के रूप में किया जाना चाहिए। जनता की सहभागिता से किये गये कार्यों की सफलता सुनिश्चित होती है। यह सफलता अन्य किसी तरीके से किये गये प्रयासों से कई गुना अधिक होती है।
श्री चौहान आज आर.सी. व्ही.पी.नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी में सिविल सर्विस-डे कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जन-प्रतिनिधि जन-भावनाओं से अवगत होते हैं। उनके साथ संतुलित ताल-मेल और समन्वय जरूरी है। जन-प्रतिनिधियों से शासकीय प्रयासों के प्रभावों और जन-भावनाओं का बेहतर फीडबैक मिलता है। योजनाओं एवं कार्यक्रमों की सफलता सुनिश्चित करना सिविल सेवक का दायित्व है।
शासन की नीतियों का क्रियान्वयन तभी सफल होगा, जब उसका लाभ लक्षित वर्ग को मिलें, मंशा के अनुरूप जनता को योजना का लाभ नहीं मिलने से विफलता ही हाथ लगेगी। श्री चौहान ने विभिन्न योजनाओं के उद्देश्यों और प्रक्रियाओं के प्रसंगों के आधार पर सिविल सेवक की सकारात्मक सोच की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि सिविल सेवा नौकरी नहीं, मिशन है।
आम आदमी का भविष्य उज्जवल बनाने की जिम्मेदारी सिविल सेवक की है। उन्होंने कहा कि जनतंत्र की समस्त व्यवस्थाएँ जन के लिये हैं। इसलिये तंत्र को जन-भावनाओं के अनुरूप ही चलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार नीतियाँ बनाती हैं। उन्हें जमीनी हकीकत देने का कार्य सिविल सेवक द्वारा किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज की प्रगति और जन-कल्याण सिविल सेवा का उद्देश्य है। इसलिये सकारात्मक सोच और संवेदना के साथ निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये रोडमेप बनाकर कार्य करना आवश्यक है। निर्धारित लक्ष्यानुसार नियम, प्रक्रियाओं का निर्माण और क्रियान्वयन हो।
उन्होंने मुख्यमंत्री असंगठित मजदूर सुरक्षा योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इस योजना के जरिये आधी आबादी के भविष्य को उज्जवल बनाने का उपक्रम प्रारंभ किया गया है। इसमें हर गरीब को रहने के लिये भूमि का टुकड़ा, मकान, शिक्षा और उपचार आदि की अत्यंत मानवीय व्यवस्थाएँ की गई हैं। हर प्रसूता को पोषण आहार और विश्राम का हक है, जो उसे मिलना ही चाहिए।
नियम-प्रक्रियाओं का स्वरूप भी उसके अनुरूप होना चाहिए। योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये मुख्यमंत्री ने इसमें जनता को जोड़कर इसे जन-अभियान का रूप देने की जरूरत बताई। उन्होंने पंचायत स्तर पर पाँच-पाँच व्यक्तियों का दल गठित कर इस योजना का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करने पर बल दिया।
श्री चौहान ने कहा कि सिविल सेवक में कार्य के प्रति तड़प का भाव होना सबसे ज्यादा जरूरी है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की कार्य-प्रणाली का उल्लेख करते हुए कहा कि देश का प्रधानमंत्री किसी राज्य के कुछ पिछड़े जिलों की प्रगति के प्रति कितना चिंतित हो सकता है, इस का अभूतपूर्व उदाहरण प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रस्तुत किया है।
राज्य के कुछ पिछड़े जिलों की प्रगति की वे स्वयं समीक्षा कर रहे है। कार्य के प्रति समर्पण और त्याग का यह आदर्श रूप है। इससे सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने गीता के श्लोक द्वारा सिविल सेवकों को सात्विक कार्यकर्ता के रूप में कार्य करने का दिशा-दर्शन देते हुए कहा कि टीम भावना के साथ निष्पक्ष रूप से कार्य करें, अहंकार से मुक्त रहें।
चुनौतियों का सामना धैर्य के साथ करें। सदैव उत्साह से भरे रहें। सफलता-विफलता से प्रभावित नहीं हों। श्री चौहान ने कार्यक्षमता को बेहतर बनाने और त्वरित निर्णय लेने के लिये गैर-जिम्मेदाराना आक्षेपों से सिविल सेवकों को संरक्षण प्रदान की व्यवस्था पर विचार करने का आश्वासन दिया।
हर युग में हर तंत्र में सुशासन के प्रयास
मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक संदर्भों का उल्लेख करते हुये कहा कि हर युग में हर तंत्र में सुशासन के लिये प्रयास किये गये हैं। मध्यप्रदेश में इस दिशा में हुए कार्यों पर गर्व करने योग्य अनेक उपलब्धियाँ हैं, जिनका देश-दुनिया में अनुसरण हुआ है और अभी भी हो रहा है।
बीमारु से तेज गति से प्रगति करने वाला राज्य, सिंचाई क्षमता में पाँच गुना से अधिक की वृद्धि, सड़कों का जाल, नगरीय-ग्रामीण विकास का बदलता स्वरूप और लगातार पाँच वर्षों से कृषि कर्मण पुरस्कार जैसी उपलब्धियाँ प्रदेश की सिविल सेवाओं की मेहनत ही का फल है।
जहाँ कमियाँ निकलती हैं, उन्हें दूर भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि सिविल सेवक आकस्मिक चुनौतियों का भी सफलता से सामना करते हैं। प्याज खरीदी, चना, मसूर, सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीदी आदि अनेक ऐसे उदाहरण हैं।
मुख्यमंत्री ने राजस्व अभियान और गुण्डों के विरुद्ध पुलिस के अभियान के जनता पर हुए अनुकूल प्रभावों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण और नागरिक अधिकारों की दिशा में भी प्रदेश में बहुत बेहतर कार्य हुए हैं। बेटियों को बोझ नहीं, वरदान बनाने के अत्यंत सफल प्रयास हुए हैं।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह, लाड़ली लक्ष्मी आदि योजनाओं ने लोगों का जीवन बदला है। प्रदेश में सिटीजन चार्टर को कानून बनाकर समय-सीमा में नागरिकों को सेवा प्राप्त करने का अभूतपूर्व अधिकार देने का सफल कार्य भी हमारे प्रदेश में ही हुआ है। उन्होंने सुशासन के प्रयासों और परिणामों को अभिलेखित किये जाने की जरूरत बतायी ताकि बेहतर प्रोजेक्शन हो सके।
कार्यशाला में विशेष विशेषज्ञों द्वारा योजनाओं का प्रस्तुतीकरण किया गया। अपर सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री राजीव शर्मा ने प्रदेश में नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान, एआईजी श्री सुदीप गोयलकर ने साइबर क्राईम एवं जागरूकता, प्रमुख सचिव सहकारिता श्री के.सी. गुप्ता ने A Compaign Against Untouchablity – An Intresting Experiment, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक, रिसर्च एण्ड एक्सटेंशन डॉ. पीसी दुबे ने वनों की वृद्धि – प्रदेश की समृद्धि, मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्री विश्वनाथन ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री बी. चंद्रशेखरन ने प्रदेश के कार्यालय में ई-ऑफिस का संचालन एवं विभागीय पोर्टल पर चैटबॉट का क्रियान्वयन और अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री आलोक कुमार ने ऑल इण्डिया टाईगर एस्टीमेशन-2018 पर प्रस्तुतीकरण दिया।
उत्कृष्ट अधिकारी पुरस्कृत
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में हेल्पलाइन, समाधान एक दिन की व्यवस्था में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों को पुरस्कृत किया। सी.एम. हेल्पलाईन 181 में उत्कृष्ट विभाग श्रेणी ‘ए’ का पुरस्कार लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख सचिव श्री प्रमोद अग्रवाल, श्रेणी ‘बी’ का पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव श्री अजीत केसरी, उत्कृष्ट जिला पुरस्कार श्रेणी ‘ए’ का देवास कलेक्टर श्री आशीष सिंह, श्रेणी ‘बी’ का होशंगाबाद कलेक्टर श्री अविनाश लवानिया, उत्कृष्ट विभागीय प्रबंधक श्रेणी ‘ए’ का लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के श्री शिव मोहन सोनी, उत्कृष्ट जिला प्रबंधक श्रेणी ‘ए’ का जिला प्रबंधक देवास श्री सौरभ जैन, श्रेणी ‘बी’ का जिला प्रबंधक होशंगाबाद श्री आनंद झैरवार, उत्कृष्ट एल वन अधिकारी का उपायुक्त सहकारिता डॉ. श्री मनोज जायसवाल, एल टू अधिकारी का कार्यपालन अभियंता ऊर्जा श्री मुकेश चौरे को दिया गया।
इसी तरह समाधान एक दिवस उत्कृष्ट लोक सेवा केन्द्र श्रेणी ‘ए’ का पुरस्कार सिवनी, श्रेणी ‘बी’ का पुरस्कार पुष्पराजगढ़ जिला अनूपपुर, उत्कृष्ट पदाभिहित अधिकारी श्रेणी ‘ए’ का विकासखंड शिक्षा अधिकारी सीहोर श्री रवीन्द्र बांगरे और श्रेणी ‘बी’ का वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी नरसिंहपुर श्री अरूप रावत को दिया गया।
मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह ने कहा कि यह मान्यता अनुचित है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा का स्वरूप ब्रिटिश शासन व्यवस्था पर आधारित है। उन्होंने कहा कि देश के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने जिस दिन आजादी के बाद नियुक्त प्रथम सिविल सेवा के अधिकारियों को संबोधित किया था, उसी दिन को सिविल सर्विस डे के रूप में मनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि इस दिन गृह मंत्री का उद्बोधन भारतीय सिविल सेवा को दिशा-दर्शन देने वाला उद्बोधन है। इसी के आधार पर आजादी के बाद की सिविल सेवा का स्वरूप विकसित हुआ है।
कार्यशाला में अकादमी की महानिदेशक श्रीमती कंचन जैन, पुलिस महानिदेशक श्री ऋषि कुमार शुक्ला, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री अनिमेष शुक्ला भी मौजूद थे। अंत में अपर सचिव श्री के.के. कतिया ने आभार प्रदर्शन किया।