• December 31, 2015

योजनाओं और कार्यक्रमों का सार्थक क्रियान्वयन जारी- – डॉ. दीपक आचार्य उप निदेशक

योजनाओं और कार्यक्रमों का सार्थक क्रियान्वयन जारी- – डॉ. दीपक आचार्य  उप निदेशक

UDAIPUR (6)

सू०ज०वि०(उदयपुर) –  आम जन से लेकर हर अँचल के विकास तथा तरक्की के सारे आयामों को प्राप्त करने की दिशा में राज्य सरकार हर स्तर पर भरसक प्रयासों में जुटी हुई है।

वैयक्तिक उत्थान के लिए व्यक्तिगत विकास की योजनाओं, परिवेशीय कल्याण और सामुदायिक विकास की विभिन्न गतिविधियों के सार्थक परिणाम प्राप्त करने के लक्ष्य को लेकर विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं, कार्यक्रमों और अभियानों के माध्यम से जो गतिविधियां संचालित हो रही हैं उनकी बदौलत दूरदर्शी विकास के स्वप्नों को तेजी से आकार मिलता दिखाई दे रहा है।

विगत दो वर्ष में सरकार ने विकास के सभी फलकों पर उपलब्धियां हासिल की हैं। उदयपुर जिले में भी इस अवधि में विभिन्न विभागों के समन्वित प्रयासों एवं समर्पित भागीदारी से बेहतर परिणामों का दिग्दर्शन हुआ है।

औद्योगिक विकास का सफर

जिला उद्योग केन्द्र द्वारा इस अवधि में औद्योगिक विकास के लिए बहुविध प्रयास अमल में लाए गए हैं। एमएसएमईडी के अन्तर्गत जिले में स्थापित उपक्रमों के अंतर्गत 2 वर्ष में 1 हजार 079 इकाइयों का एकनॉलेजमेंट जारी किया गया जिसमें 7हजार 011 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त हुआ।

प्रधानमन्त्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 2 वर्ष में 360 बेरोजगार व्यक्तियों को ऋण स्वीकृत कर उनमें से 243व्यक्तियों को ऋण वितरित किया गया । इस प्रकार इस योजनान्तर्गत 486 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ। राजस्थान निवेश प्रोत्साहन नीति के तहत दो वर्ष में रिप्स योजनान्तर्गत 125 इकाइयों को लाभ प्रदान किया गया, जिसमें 408.21 लाख रु. का विनयोजन एवं 2 हजार 410 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ।

गृह उद्योग योजनान्तर्गत गरीब, परित्यक्ता, विधवा महिलाओं को स्वयं का उद्योग लगाने हेतु प्रेरित करने के उद्देश्य से सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, कम्प्यूटर आदि विभिन्न व्यवसायों में एन.जी.ओ. के माध्यम से महिलाओं को प्रशिक्षण के तहत 8व्यवसायों के अंतर्गत 204 महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तहत बेरोजगारों को स्वरोजगार की ओर उन्मुख करने, स्वयं का उद्यम स्थापित करने के लिए ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के युवक एवं युवतियों में उद्यमिता विकसित करने के उद्देश्य से 5 उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से 153 अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित किया गया है।

स्किल बेस्ड प्रशिक्षण कार्यक्रम-उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से 40 अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित किया गया है। तकनीकी उन्नयन प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत 30 दस्तकारी कामगारों को अपने व्यवसाय में उच्च गुणवता का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। आर्टिजन परिचय पत्र  योजना अंतर्गत 256 दस्तकारों को दस्तकार पहचान पत्र उपलब्ध कराये गये। ट्रेन टू गेन योजनांतर्गत  74 कामगारों को अकुशल व्यक्तियों को कुशल मानव शक्ति में बदलने हेतु प्रशिक्षण दिया गया। एकीकृत कौशल विकास योजना  अंतर्गत 50 कामगारों को अकुशल व्यक्तियों को कुशल मानव शक्ति में बदलने हेतु प्रशिक्षण दिया गया।

खनन क्षेत्र विकास

खनन क्षेत्र विकास व विभागीय गतिविधियों के क्रियान्वयन की दृष्टि से नीतिगत निर्णयों की पालना पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। खनन क्षेत्रों को मुख्य सड़क  से जोड़ने, खान उपागमन सड़क आयोजना मद में 6 सड़कों का निर्माण,कर्मचारियों के सेवा रिकार्ड का कम्प्यूटरीकरण कर वेबसाइट पर दर्ज करने, ई-रवन्ना के उपयोग हेतु पट्टाधारियों को प्रेरित करने,प्रधान व अप्रधान खनिजों को ऑन लाईन आवेदन, लाभान्वित टीएसपी क्षेत्र में गौण खनिज चेजा पत्थर के लिए राजकीय भूमि में तथा खनिज बजरी के लिए खनन पट्टा अनुदान आदि के क्षेत्र में कार्यवाही जारी है।

पशु पालन एवं चिकित्सा सेवा

पशुपालन व पशु चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां अर्जित की गई हैं। गत दो वर्ष में पशुपालन विभाग द्वारा1 लाख 26 हजार 490 मादा पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान, 24 हजार 855 बड़े तथा 13 हजार 723 छोटे पशुओं का बधियाकरण, 6लाख 88 हजार 645 भेड़ों को कृमिनाशक दवा पिलाने, 4 लाख 72 हजार 983 भेड़ों में दवा छिड़काव, 9 लाख 62 हजार 61पशुओं में टीकाकरण का कार्य किया गया।

इस अवधि में 8 हजार 486 शिविर लगा कर 7 लाख 26 हजार 443 पशुओं का उपचार किया गया। कुल 164बाँझपन निवारण शिविर लगाये गये। विगत 2 वर्ष में उदयपुर के 114 बकरी पालकों को नस्ल सुधार के लिए उन्नत नस्ल के बकरे दिए गए।

वरिष्ठजनों ने पाया तीर्थ यात्रा का पुण्य

देवस्थान विभाग द्वारा वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजनान्तर्गत वर्ष 2014 में उदयपुर जिले से कुल 334 वरिष्ठ जनों को तीर्थ यात्रा का लाभ दिया गया। इनमें 151 रामेश्वरम, 67 जगन्नाथपुरी, 40 तिरुपति, 20 वैष्णोदेवी, एक अमृतसर, 14द्वारिकापुरी, 2 शिरड़ी, 5 नया काशी, 13 सम्मेद शिखर, 18 बिहार शरीफ, 3 को गोवा की यात्रा का लाभ दिया गया। इसी प्रकार वर्ष 2015 में अब तक 335 वरिष्ठ जनों को तीर्थ यात्रा कराई जा चुकी है। इनमें रामेश्वरम के 129, जगन्नाथपुरी के 70,तिरुपति के 34, वैष्णोदेवी के 27, अमृतसर के 2, गयाकाशी के 5, सम्मेदशिखर के 17, बिहारशरीफ के 38 तथा गोवा के 4 यात्री शामिल हैं।

पर्यटन विकास को लगे पर

पर्यटन की दृष्टि से अन्तर्राष्ट्रीय महत्व रखने वाले उदयपुर जिले में पर्यटन विकास तथा पर्यटकों की सुविधाओं में विस्तार के लिए प्रभावी प्रयास हुए हैं। मुख्यमंत्रीजी की बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन में उल्लेखनीय उपलब्धियां अर्जित की गई हैं।  उदयपुर शहर के आस-पास पीपीपी मोड पर एडवेंचर ट्यूरिज्म का विकास की दृष्टि से उदयपुर शहर के समीप बड़ी तालाब के निकट वन विभाग के माध्यम से राशि रुपये 10 लाख हस्तांतरित कर कैम्पिंग साईट विकसित की गई है।

मारवाड़ जंक्शन से मावली जंक्शन मीटर गेज लाईन को हेरीटेज पर्यटन के रूप में विकसित करने की योजना में रेल्वे द्वारा हैरिटेज पर्यटन हेतु कोच तैयार कर 7 जुलाई 2015 से मावली-मारवाड़ ट्रेन के साथ कोच को जोड़ कर उसका संचालन प्रारंभ कर दिया गया है।  पर्यटन विकास के लिय जयसमन्द झील, उदयपुर के विकास कार्यों के प्रस्ताव स्वीकृति एवं बजट आवंटन कार्यवाही जारी है।

भामाशाह योजना

भामाशाह योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे द्वारा 15 अगस्त 2014 को उदयपुर जिले से किया गया। यह राजस्थान में जनकल्याण एवं राजकीय सेवाओं के लाभ के प्रभावी वितरण की योजना है। जिसमें महिला सशक्तिकरण पर ध्यान देते हुए प्रत्येक परिवार की महिला को मुखिया बनाया गया है। परिवार को मिलने वाले लाभ को महिला मुखिया के कार्ड से लिंक खाते में हस्तांतरित किये जाएंगे।

उदयपुर जिले की समस्त ग्राम पंचायतों एवं नगर निगम तथा समस्त नगर पालिकाओं पर 598 स्थानों पर कुल 2237शिविर आयोजित किये गये। जिनमें कुल आधार नामांकन 195417 एवं कुल भामाशाह नामांकन 325307 परिवारों का एवं1057701 सदस्यों का नामांकन हुआ। इसके अतिरिक्त जिले में कुल 1384 ई-मित्र केन्द्रों के माध्यम से 80429 परिवारों का एवं290993 सदस्यों का नामांकन हो चुका है। जिले में कुल अब तक 405736 परिवारों का एवं 1348694 सदस्यों का भामाशाह नामांकन हो चुका है एवं वित्तीय समावेशन के तहत 141715 कोर बैंकिंग खाते खोले गये हैं।

उदयपुर जिले में अभी तक 66383 परिवारों को भामाशाह कार्डों का वितरण किया जा चुका है एवं भामाशाह योजना के माध्यम से वर्तमान में 165779 पेंशनधारी लाभान्वित हो चुके हैं। जिले में तीन अन्य योजनाएं अनुप्रति योजना, अन्तर्जातीय विवाह योजना तथा प्रसूति सहायता योजना को जोड़ा गया है व धीरे -धीरे समस्त नकद व गैर नकद लाभ हस्तांतरण की योजना को भामाशाह पोर्टल से जोड़कर डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों को लाभ हस्तांतरण करने की राज्य सरकार की योजना है।

UDAIPUR (5) (1)शैक्षिक विकास

शैक्षिक विकास एवं शिक्षार्थियों की सुविधाओं के मद्देनज़र शिक्षा विभाग द्वारा हरसंभव कोशिशों को आकार दिया जा रहा है। जिले में संचालित स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल विद्यालय में 267 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। विद्यालय में के-यान,इंग्लिश लैब, डिजिटल कन्टेन्ट आदि का उपयोग हो रहा है। विद्यालय में नियमित मिड-डे-मिल की उपलब्धता सुनिश्चित है। छात्राओं को साइकिल वितरण कार्यक्रम के तहत 13 हजार 959 छात्राओं को साइकिलें वितरित की गई, आपकी बेटी योजना के तहत 449 छात्राएं लाभान्वित हुई तथा जिले की 812 प्रतिभावान छात्राओं को 3-3 हजार रुपये की राशि गार्गी पुरस्कार के रूप में वितरित की गई।

प्री मेट्रिक छात्रवृत्ति में अनुसूचित जाति को 6461198, अजजा को 29049567, अस्वच्छ कार्यो में लिप्त परिवार के 1183200 बच्चों तथा 743040 अल्पसंख्यक छात्रों को पूर्व मैट्रिक छात्रवृत्ति से लाभान्वित किया गया। उच्च प्राथमिक से माध्यमिक में 23 तथा माध्यमिक से उच्च माध्यमिक विद्यालय में 162 विद्यालय क्रमोन्नत हुए।  रमसा के तहत विद्यालयों में 106 अतिरिक्त कक्षा कक्षों का निर्माण तथा विद्यालयों में 44 शौचालयों का निर्माण किया गया।  जिले में 22प्रतिभावान छात्राओं को स्कूटी दी गई तथा बालिका प्रोत्साहन योजना के तहत 641 छात्राओं को 5-5 हजार की राशि वितरित की गई। लैपटॉप वितरण का कार्य भी जारी है।

संस्कृत शिक्षा

संस्कृत शिक्षा के अन्तर्गत संचालित विद्यालयों में 145 छात्राओं को निःशुल्क साइकिलें दी गई, विद्यालयों के 4 हजार372 विद्यार्थी निःशुल्क पाठ्य पुस्तकों से लाभान्वित हुए तथा संभागीय संस्कृत शिक्षाधिकारी कार्यालय भवन की मरम्मत हेतु3.50 लाख की स्वीकृति प्राप्त हुई।

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