- February 22, 2018
युवा ! शक्ति के प्रतीक बन्दा वीर वैरागी की जीवनी से प्रेरणा लें
चंडीगढ़———– हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने युवा पीढ़ी से आह्वान किया है कि वे शक्ति के प्रतीक बन्दा वीर वैरागी की जीवनी से प्रेरणा लें जिन्होंने मुगलों के अत्याचार के विरूद्ध लम्बी लड़ाई ली। हरियाणा सरकार उनकी राजधानी लोहगढ़ को एक स्मारक के रूप में विकसित कर रही है।
मुख्यमंत्री ने उन्हें शाहबाद-बराड़ा-दौसडक़ा-भगवानपुर-लोहगढ़ मार्ग का नाम बन्दा वीर बैरागी के नाम पर रखने तथा उनके नाम पर शाहबाद में सडक़ पर एक बड़ा गेट बनवाने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री आज यहां बाबा बन्दा बहादुर सिंह के नाम पर ‘लोहगढ़ सिक्ख स्टेट कैपिटल’ (वल्र्डस लारजेस्ट फोर्ट) पुस्तक का विमोचन करने उपरांत उपस्थित लोगों को सम्बोंधित कर रहे थे। यह पुस्तक हरियाणा इतिहास एवं संस्कृति, कुरूक्षेत्र के सहयोग से सरदार हरजिन्द्र सिंह दिलीगर, सरदार गगनदीप सिंह व गुरविन्द्र सिंह ने संयुक्त रूप से लिखी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो देश, राज्य व समाज अपने इतिहास को भुला देता है, वह कभी उन्नति नहीं कर सकता। बाबा बन्दा बहादुर सिंह ने 1700 से 1710 ई०वी० तक देश की आजादी के लिए मुगलों से तीन बड़ी लड़ाईयां लड़ी। बाबा बन्दा बहादुर सिंह का बचपन का नाम माधोदास बैरागी था, जो नांदेड़ में भक्ति में लीन थे।
श्री गुरु गोबिन्द ने उनकी शक्ति को पहचाना और उन्हें बन्दा वीर बैरागी के नाम से सेनापति बनाकर उत्तर भारत मुगलों के अत्याचारों के विरूद्ध लडऩे के लिए भेजा। श्री मनोहर लाल ने कहा कि मुगलों के अत्याचारों के विरूद्ध समाज को प्ररित करने के लिए श्री गुरु नानक, मीरा बाई, सन्त कबीर ने अपनी वाणी व भक्ति भाव से अभियान चलाया परन्तु शक्ति का अभियान बन्दा वीर बैरागी ने चलाया।
बन्दा वीर बैरागी ने खांडा खेड़ी, हिसार, सुनाम, शाहबाद, पिहोवा व यमुनानगर में अपनी सेना खड़ी की और लड़ाईयां लड़ीं। उन्होंने स्मरण करवाया कि 1985-86 में संघ के प्रचारक के रूप में उन्हें यमुनानगर क्षेत्र में कार्य करने का मौका मिला था और बन्दा वीर बैरागी की राजधानी लोहगढ़ के बारे में उनको जानकारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्शल आर्ट, स्कूल या कॉलेज संग्रहालय तथा एक पर्यटक स्थल के रूप में हरियाणा सरकार विकसित करने पर कार्य कर रही है। पूरी शिवालिक पर्वतीय क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोहगढ़ से ठीक तीन किलोमीटर दूर स्थित प्राचीन सभ्यता व संस्कृति की प्रतीक सरस्वती नदी का उद्गम स्थल मिला है।
उपग्रहों के चित्रों से इसके प्रवाह की पुष्टि हुई है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि बाबा बन्दा बहादुर सिंह की यादगार को स्थायी जितना सम्भव हो सकेगा प्रदेश सरकार मदद करेगी। इस दिशा में ट्रस्ट का गठन भी किया जा चुका है। पुस्तक के लेखक सरदार हरजिन्द्र सिंह दिलीगर, सरदार गगनदीप सिंह व गुरविन्द्र सिंह ने भी बाबा बन्दा बहादुर सिंह की जीवनी के बारे में उपस्थित लोगों को जानकारी दी।
उन्होंने गुरु गोबिन्द सिंह के 350वें सालाना तथा पटना साहिब में गत दिसम्बर में श्रद्धालुओं के लिए दो रेलगाडिय़ां भेजने के लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में मुख्यमंत्री ने हमें विशेष ताकत दी है।
इस अवसर पर हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री कंवर पाल, वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग की मंत्री श्रीमती कविता जैन, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री श्री कर्ण देव काम्बोज, विधायक बख्शीश सिंह विर्क, घनश्याम दास अरोड़ा, हरियाणा पर्यटन निगम के चेयरमैन जगदीश चौपड़ा, माटी कला बोर्ड के चेयरमैन श्री गुरदेव राही, सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक श्री समीर पाल सरो, आईजी अम्बाला रेंज, श्री ए.एस.चावला, बाबा जितेन्द्र पाल सोढ़ी, महन्त कर्णजीत सिंह के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी व प्रदेश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु भी उपस्थित थे।