याचक नहीं बने, पीछे न रहें और दूसरों के लिये स्वयं प्रेरणा बन जायें -मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान

याचक नहीं बने, पीछे न रहें और दूसरों के लिये स्वयं प्रेरणा बन जायें -मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अनूसूचित जाति, जनजाति के विद्यार्थियों का आव्हान किया है कि वे मेहनत करें, हिम्मत और हौसला रखें और आगे बढ़े। अपने को कमजोर नहीं समझें, याचक नहीं बने, पीछे न रहें और दूसरों के लिये स्वयं प्रेरणा बन जायें। सरकार हर कदम पर साथ है। पढ़ाई में किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं आने दी जायेगी। श्री चौहान आज अपने निवास पर अनूसूचित जाति, जनजाति के उन विद्यार्थियों को सम्मानित कर रहे थे जिन्होंने आईआईटी की प्रारंभिक और अंतिम दोनों परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर आईआईटी और एनआईटी में प्रवेश पा लिया है। क्लेट की परीक्षा में सफलता प्राप्त कर देश के उच्च विधि संस्थानों में प्रवेश प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया। CM-IIT-Students

श्री चौहान ने अपने ओजपूर्ण संबोधन में विद्यार्थियों का आव्हान किया कि वे आगे बढ़े, प्रदेश का नाम रोशन करें, देश का नाम रोशन करें और दुनिया में छा जायें। एक दशक पहले के अकादमिक स्तर और आज के स्तर में बड़ा परिवर्तन आया है। प्रदेश के आदिवासी अंचलों के विद्यार्थियों ने सफलता की नई ऊचाइयाँ प्राप्त की हैं और मध्यप्रदेश का नाम  ऊँचा किया है।

श्री चौहान ने कहा कि सरकार कमजोर वर्गों के चेहरों पर मुस्कान और उन्हें हर क्षेत्र में आगे बढ़ता देखना चाहती है। अनूसूचित जातियों-जनजातियों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक विकास के किये गये प्रयासों की चर्चा करते हुए श्री चौहान ने कहा कि राज्य के कुल बजट का 21 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति और 14 प्रतिशत अनुसूचित जाति के विकास के लिये रखा जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों और कॉलेजों के लिये अलग-अलग छात्रावास सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जायेंगी। निजी इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेजों और अन्य उच्च संस्थानों में पढ़ाई का पूरा खर्चा सरकार उठायेगी। उन्होंने कहा कि छात्रावासों में ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिये भी भोजन की व्यवस्था होगी। गाँवों से शहरों में महाविद्यालयीन पढ़ाई के लिये आने वाले विद्यार्थियों को मुख्यमंत्री छात्र गृह सहायता योजना में किराये पर कमरा लेकर पढ़ाई करने की सुविधा सरकार देगी। पढ़ाई के लिये वर्तमान में जो सुविधाएँ मिल रही हैं उनमें बढ़ोत्तरी की जायेगी। सभी आवासीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में वर्चुअल कक्षाएँ शुरू की जायेंगी।

मुख्यमंत्री ने बारहवीं में अनुसूचित जाति, जनजाति के विद्यार्थियों को 75 प्रतिशत अंक लाने पर भी लेपटाप दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अपनी प्रतिभा, मेहनत और लगन से प्रदेश का नाम रोशन करते हैं। प्रदेश का नाम खराब नहीं होने देंगे। प्रदेश की छवि खराब करने के प्रयासों को सफल नहीं होने देंगे।

श्री चौहान ने अनूसूचित जाति और जनजाति का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायकों से कहा कि अपने क्षेत्र में होनहार बच्चों का साथ दें। उनकी मदद करें। आगे बढ़ने में कोई बाधा नहीं आने दें। मध्यप्रदेश की छवि खराब करने का प्रयास हो रहा है। पहले कई प्रकार की गड़बड़ियाँ होती थी। भर्ती व्यवस्था सुधारने की कोशिश की और जो गड़बड़ियाँ सामने आई आगे बढ़ के जाँच करवाई।

      अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री श्री ज्ञान सिंह ने कहा कि इन प्रतियोगी परीक्षाओं के परिणाम से यह साबित हो गया है कि दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले जनजातीय बच्चों में भी प्रतिभा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में किये जा रहे प्रयासों से अनुसूचित जाति-जनजाति के बच्चों का मनोबल बढ़ेगा और उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।

      सुपर-30 के श्री आनंद कुमार ने कहा कि प्रतिभा आश्रय की मोहताज नहीं होती। आवश्यकता आत्म-विश्वास के साथ चुनौतियों को स्वीकारने की है। उन्होंने कहा कि शिक्षा अब सर्वसुलभ है। उन्होंने प्रदेश में आईआईटी की परीक्षा की तैयारियों में बच्चों को निरंतर सहयोग देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान के नेतृत्व में पढ़ाई का माहौल बदला है। उन्होंने सफल विद्यार्थियों का आव्हान किया कि समाज को लौटाने का जज्‍बा रखें।

      सम्मानित विद्यार्थियों को लेपटॉप के लिये 25 हजार की राशि का प्रमाण-पत्र, पूर्व राष्ट्रपति प्रोफेसर अबुल कलाम की जीवनी विंग्स ऑफ फायर भेंट की गई। 10वीं कक्षा में उत्कृष्ट अंक पाने वाले विद्यार्थियों को भी प्रोत्साहन स्वरूप साइंटिफिक केलकुलेटर और अँग्रेजी हिन्दी शब्द कोष भेंट किया गया।

            प्रमुख सचिव आदिवासी विकास श्री बी.आऱ. नायडू ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि अनूसूचित जाति-जनजाति के विद्याथियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिये हरसंभव सुविधाएँ और उच्च स्तरीय कोचिंग उपलबध करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि एनआईटी में प्रवेश के लिये कांउसिलिंग की प्रक्रिया चल रही है। उम्मीद है कि अनुसूचित जाति के करीब 140 और अनूसूचित जनजाति के करीब 40 बच्चों को प्रवेश मिल जायेगा।

प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने छात्र-छात्राओं का पुष्प-पंखुड़ियों से स्वागत किया। इस अवसर पर दसवीं में मेरिट में आने वाले बच्चों को भी सम्मानित किया गया। उन्हें वैज्ञानिक केलकुलेटर और विज्ञान शब्दकोष की प्रति भेंट की गई। मुख्यमंत्री ने सफल विद्याथिर्यों के गुरूजनों की मेहनत की सराहना करते हुए उन्हें सम्मानित किया।

सम्मानित हुए विद्यार्थियों को 25 हजार की राशि और प्रोफेसर राष्ट्रपति श्री एपीजे अब्दुल कलाम की प्रेरणादायी किताब अग्नि की उड़ान की प्रति भेंट की गई। इस अवसर पर सफलता प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के जीवन और उनकी लगन पर केन्द्रित वृत्त चित्र दिखाया गया। मुख्यमंत्री ने सुपर 30 के डॉ. आनंद कुमार और गुरूकुल कोचिंग संस्थान मुम्बई के श्री अनिरुद्ध सिन्हा को भी सम्मानित किया।

सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्री लाल सिंह आर्य, जनजातीय अंचलों के विधायक, मुख्य सचिव श्री अन्टोनी डिसा, अनुसूचित जनजाति विकास आयुक्त श्री उमाकांत उमराव एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे। अनुसूचित जाति विकास के आयुक्त श्री जे.एल. मालपानी ने आभार व्यक्त किया।

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