यदि हम मिलकर प्रयास करें तो 8 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट हासिल करना संभव – राष्ट्रपति

यदि हम मिलकर प्रयास करें तो 8 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट हासिल करना संभव – राष्ट्रपति
राष्ट्रपति सचिवालय  ००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००० भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी ने कोलकाता में आज (12 दिसंबर, 2015) कलकत्ता चैंबर ऑफ कॉमर्स के 185वें सालाना सम्मेलन का उद्घाटन किया। 

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि कलकत्ता चैंबर ऑफ कॉमर्स जो अपनी तरह के दुनिया के सबसे पुराने संगठनों में से एक है, शुरुआत से ही न सिर्फ क्षेत्र के औद्योगिक विकास बल्कि सामाजिक-आर्थिक विकास में भी अहम भूमिका निभाता रहा है। कलकत्ता की नागरिक सुविधाओं के सुधार में एसोसिएशन का विशेष योगदान रहा है। बंगाल टाउन प्लानिंग, मर्चेंडाइज मार्क्स, कॉपीराइट, अप्रेंटिसशिप और कलकत्ता पोर्ट ट्रस्ट जैसे क्षेत्रों में प्रमुख कानूनों को लागू करने में उसकी सक्रिय दिलचस्पी रही है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत विशेषकर पिछले दशक के बीच के वर्षों में उच्च विकास दर का गवाह रहा है। भले ही वह रफ्तार उसके बाद बरकरार नहीं रह सकती, लेकिन हमने कई साल अच्छा विकास किया। ऐसा लंबी वैश्विक आर्थिक मंदी के बावजूद संभव हुआ था, जिसने कई बड़ी अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन को प्रभावित किया था। 2012-13 की 5 फीसदी से कम विकास दर को छोड़ दें तो सभी वर्षों में हमारा आर्थिक विकास 6.6 फीसदी से कम नहीं रहा।

राष्ट्रपति ने कहा कि अच्छे आर्थिक प्रदर्शन के लिए एक ऊर्जावान विनिर्माण क्षेत्र बेहद अहम है। 2005-06 से 2007-08 के बीच के वर्षों के दौरान जब हमारी अर्थव्यवस्था 9 फीसदी ज्यादा दर से बढ़ी थी, तो इस दौरान हर साल हमारा निर्यात 20 फीसदी बढ़ा था।

हालांकि बीते तीन वर्षों में हमारा निर्यात कम हुआ है लेकिन हमारे आयात बिल में भी कमी आई है, जिसकी वजह तेल की कीमतों में कमी आना रही है। इससे हमें अपने चालू खाते के घाटे को नीचे लाने में मदद मिली है, जो बीते साल 1.4 फीसदी ही रहा था। विदेशी मुद्रा भंडार भी मजबूत स्थिति में है, जो अक्टूबर के अंत में 353 अरब डॉलर में है। इससे हमें मुश्किल वक्त में मदद मिली।

राष्ट्रपति ने कहा कि अगर मिलकर इस दिशा में प्रयास किए जाएं तो 8 फीसदी जीडीपी वृद्धि दर हासिल की जा सकती है। आज कई देश भारत को आकर्षक निवेश स्थल के तौर पर देखते हैं, जिसकी वजह राजनीतिक स्थायित्व और सरकार की स्वच्छ भारत, मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया आदि पहल हैं। उन्होंने कलकत्ता चैंबर ऑफ कॉमर्स से क्षेत्र और भारत के आर्थिक विकास में अहम योगदान देने का आह्वान किया।

Related post

सिक्किम की नदियाँ खतरे में !

सिक्किम की नदियाँ खतरे में !

लखनउ (निशांत सक्सेना) —— तीस्ता -III परियोजना पर वैज्ञानिक पुनर्मूल्यांकन और लोकतांत्रिक निर्णय की माँग जब भी…
हमारे भारत में, लाखों लोग यहां रह रहे हैं, जिन्हें रहने का कोई अधिकार नहीं है

हमारे भारत में, लाखों लोग यहां रह रहे हैं, जिन्हें रहने का कोई अधिकार नहीं है

पीआईबी : (नई दिल्ली)  उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़  ने अवैध प्रवास पर गंभीर चिंता व्यक्त…
भाषा मानवता को समझने का एक पासपोर्ट है- श्री टिम कर्टिस, निदेशक, यूनेस्को प्रतिनिधि

भाषा मानवता को समझने का एक पासपोर्ट है- श्री टिम कर्टिस, निदेशक, यूनेस्को प्रतिनिधि

पीआईबी दिल्ली : इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) ने 21 और 22 फरवरी 2025 को…

Leave a Reply