- November 15, 2014
म्यांमार : प्रवासी भारतीय – आइए, भारत में अपना नसीब आजमाइए – मोदी
ये एक ऐसी अमानत हमारे पास है, इस अमानत को संभालना भी है, संवारना भी है।
हमें – दुनिया के किसी भी देश में हम क्यों न हों – उस देश का प्यार पाना, उस देश की प्रगति के लिए हमारा योगदान पहले से अधिक बढ़े और हम भी फले फूलें।
ऐसा नहीं कि सिर्फ अड़ोस-पड़ोस वाले ही फले फूलें, हम भी फले फूलें। आप विकास की नई ऊंचाइयों को पार करें।
भारत का और यहां का इतिहास बहुत जुड़ा हुआ है. आज़ादी का संघर्ष साथ साथ किया है। हम सुख-दुख के साथी रहे हैं ।
यहां के लोग भारत को, एक पुण्य भूमि के रूप में, और भगवान बुद्ध के कारण बहुत आदर और सत्कार के भाव से देखते हैं।
हमारी कोशिश है, खास करके, हमारे पड़ोस के जो देश हैं, भारत उनको काम कैसे आए? उनके लिए भारत क्या कर सकता है ?
कुछ दिन पहले मैंने कहा था कि हम एक satellite का निर्माण करके, आकाश में उस satellite को भेजेंगे और वो पूरी तरह SAARC के लिए dedicated होगा।
मैं जब म्यांमार में आया हूं, तो मैं ये भी घोषणा करना चाहता हूं कि भारत का ये जो satellite हम SAARC को dedicate करने वाले हैं, उसके सारे लाभ म्यांमार को भी देंगे।
इसका सर्वाधिक लाभ health sector में होता है, education में होता है, tele-medicine में होता है, long-distance education में होता है।
एक प्रकार से आधूनिकतम विज्ञान का लाभ इस धरती को भी मिले, उस दिशा में हम सोचेंगे।
हमने ये भी तय किया है कि अभी नेपाल में जब हमारी SAARC देशों की meeting होगी, हमने कहा है कि भारत ये काम, ये जिम्मा उठाने के लिए तैयार है।
वो काम है, SAARC देशों में से – और उसमें हम म्यांमार को भी जोड़ सकते हैं – polio मुक्त ये हमारा क्षेत्र कैसे बने? भारत में polio के खिलाफ लड़ाई में हम सफल हुए हैं।
Polio से मुक्ति में असफल रहने की पिछले पांच सात साल से कोई घटना नहीं हुई है। लेकिन, अभी भी हमारे अड़ोस-पड़ोस के देशों में ये हो रहा है, पाकिस्तान में तो अभी भी कुछ न कुछ घटनाएं हो रही हैं।
जिस परिवार में किसी बालक को polio हो जाता है, तो पूरा परिवार एक प्रकार से अपंग हो जाता है। एक व्यक्ति अपंग नहीं होता है। तो ये मानवता का काम है।
इस मानवता के काम में भारत अड़ोस-पड़ोस के देशों के लिए एक वृहद योजना बना करके काम करेगा।
उन देशों से सहमति तो लेनी पड़ेगी। जब हम SAARC की meeting में मिलेंगे तब उसकी चर्चा होगी, कार्य योजना बनाएंगे और उसके लिए जो कुछ भी करना होगा.. एक मानवता का काम… और भारत की तो विशेषता यही रही है।
मानवता के काम में ही भारत हमेशा जाना पहचाना गया है।
हम कहीं पीछे न रहें, उस दिशा में हमारा काम रहेगा। भारत ने अभी एक अभियान चलाया है ‘Make in India’। पूरे विश्व को हम कह रहे हैं, “आइए, भारत में अपना नसीब आजमाइए और औद्योगिक विकास में आप शरीक हो जाइए।
“ भारत में बहुत संभावनाएं पड़ी हैं, विकास के लिए बहुत अवसर पड़े हैं और ये दुनिया का सबसे युवा देश है, भारत। यहां पर युवा workforce हमारे पास है, तो उसको ले करके भारत विकास की नई ऊंचाइयों को पार करें उस दिशा में हम प्रयास कर रहे हैं।
तीन दिन मुझे यहां विश्व के कई नेताओं से मिलने का अवसर मिला। मेरा बहुत ही सुखद अनुभव रहा है और इतने बड़े आयोजन को जिस प्रकार से यहां की सरकार ने कामयाब किया, मैं यहां की सरकार को, म्यांमार की जनता को इस स्वागत, सम्मान, समारोह के लिए बहुत बहुत बधाई देता हूं।