- December 18, 2015
मौसम और जलवायु : मॉडल भू-प्रणाली मॉडलिंग पर भागीदारी के लिए संघ सहायता समझौता
पृथ्वी-विज्ञान मंत्रालय एकीकृत मॉडल संघ सहायता के लिए सदस्य के रूप में £100,000 (एक सौ हजार पाउंड्स स्टरलिंग) की वार्षिक सहयोग राशि देगा। भू-प्रणाली मॉडलिंग और मौसम तथा जलवायु के पूर्वानुमान के क्षेत्र में वैज्ञानिक चुनौतियों पर मिलजुल कर कार्य करने की प्रणाली के लिए इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) से भारतीय वैज्ञानिक एवं शिक्षाविद लाभांवित होंगे।
इस एमओयू से वैज्ञानिक संसाधन का आदान-प्रदान होने के साथ ही यह विशेष रूप से भारतीय मॉनसून क्षेत्र में मौसम तथा जलवायु के पूर्वानुमान के लिए भू-प्रणाली मॉडलिंग के विकास और सुधार के लिए ज्ञान बढ़ाने में भी यह सहायक होगा।
एमओयू पर जनवरी 2016 में हस्ताक्षर होने की संभावना है जिससे भारत ईएसएसओ-एनसीडब्ल्यूएफ के जरिये चौथा महत्वपूर्ण यूएम साझेदार बन जायेगा और यूएम प्रौद्योगिकी तथा वैज्ञानिक विकास में सहयोग करेगा। समझौते के अंतर्गत मूल साझेदार सामान्य शासन संरचना के अंतर्गत कार्य करेंगे और प्राथमिकता वाले कार्यों और संसाधनों की गतिशीलता के साथ संयुक्त विकास कार्यक्रम की योजना और डिजाइन के लिए रणनीति तय करेंगे।
एमओयू की विस्तृत जानकारी इस प्रकार है:
• ईएसएसओ-एमओईएस विभिन्न आकाशीय और अस्थायी पैमाने पर मौसम और जलवायु का पूर्वानुमान करता है। मौसम को समझने और पूर्वानुमान, जल चक्र और जलवायु परिवर्तन एवं इनमें शामिल जटिलताओं को देखते हुये इन अग्रणी क्षेत्रों में पूर्वानुमान की क्षमता को बढ़ाने में सामाजिक प्रासंगिकता, अनुसंधान और विकास के लिये आपसी हित के सहयोगात्मक अनुसंधान के लिये मंत्रालय नियमित रुप से विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ कार्य करता है।
• यूकेएमओ, केएमओ और सीएसआइआरओ के एकीकृत मॉडल संघ सहायता में मौसम और संबंधित विज्ञान के सामान्य हित जुडे हुये है। यह मौसम और जलवायु परिवर्तन के पूर्वानुमान के लिये भू-प्रणाली माडलिंग के क्षेत्र में बढ़ती जटिलताओं और आपसी हित की पहचान करता है। संघ सहायता के जरिये समानता, पारस्परिकता और आपसी हित के आधार पर वैज्ञानिक संसाधनों, विशेषज्ञताओं, जाने-कैसे और तकनीकी जानकारी का आदान-प्रदान संभव है।
पृष्ठभूमि
यूएम मौसम और जलवायु के निर्बाध पूर्वानुमान के उभरते हुए आदर्श पर आधारित है। भू-विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र (ईएसएसओ-एनसीएमआरडब्ल्यूए) राष्ट्रीय मानसून मिशन कार्यक्रम के तहत मानसून के पूर्वानुमान के लिए निर्बाध यूएम प्रणाली विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। हालांकि यूकेएमओ और ईएसएसओ-एमओईएस वर्ष 2008 से संयुक्त रूप से यूएम मॉडलिंग प्रणाली पर कार्य कर रहे हैं लेकिन यूएम प्रणाली के सभी अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के बीच संयुक्त विकास कार्यक्रमों के जरिये सहयोगात्मक साझेदारी को और बढ़ावा देने की आवश्यकता है। संघ सहायता समझौते के जरिये भारत ने चौथे मूल यूएम साझेदार बनने का प्रस्ताव किया है।