• October 11, 2018

मौसमी बीमारियों की स्थिति की समीक्षा—तत्काल रोकथाम व उपचार के दिये निर्देश

मौसमी बीमारियों की स्थिति की समीक्षा—तत्काल रोकथाम व उपचार के दिये निर्देश

जयपुर———–मुख्य सचिव श्री डी बी गुप्ता ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स को मौसमी बीमारियों के संबंध में विशेष सतर्कता बरतने एवं मौसमी बीमारियों की जानकारी मिलते ही तत्काल रोकथाम की प्रभावी कार्यवाही तथा उपचार की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

श्री गुप्ता गुरुवार को शासन सचिवालय स्थित वीडियो कॉन्फ्रेंस कक्ष में जिला कलेक्टर्स व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सभी जिलों में मौसमी बीमारियों की विस्तार से समीक्षा की एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने सभी कलेक्टर्स से जिला अस्पतालों में सुविधाओं के बारे में भी जानकारी ली।

मुख्य सचिव ने कहा कि मलेरिया, स्क्रब टाइफस, डेंगू तथा जीका मच्छर जनित बीमारियां हैं, इसलिए सबसे पहले हमें साफ सफाई और मच्छर रहित साफ-सुथरा वातावरण बनाना होगा।

उन्होंने कहा कि इन बीमारियों की रोकथाम के लिए गुणवत्तापूर्ण मॉनिटरिंग जरूरी है तथा जो अधिकारी या कर्मचारी निरीक्षण के लिए फील्ड में जाते हैं, उनके बचाव के लिए भी समुचित व्यवस्थाएं की जानी चाहिये।

श्री गुप्ता ने कहा कि यदि एक ही स्थान पर किसी बीमारी के ज्यादा मरीज पाए जा रहे हैं, तो उस बीमारी को दूसरे स्थानों पर फैलने से रोकने के पूरे प्रयास किये जाने चाहिये। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से इस दिशा में विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयासों को क्रॉस चौक करने के लिए कहा। उन्होंने सभी सीएमएचओ को निर्देश दिये कि इस समय कोई भी डॉक्टर छुट्टी पर नहीं जाएं।

मुख्य सचिव ने जीका वायरस को लेकर आम जन में पैदा हुए डर को दूर करने के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिये। इस संबंध में एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से अधिकारियों को इस वायरस के बारे में जानकारी भी दी गई।

श्री गुप्ता ने कहा कि जीका वायरस जानलेवा नहीं है, इसलिए इससे पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि गर्भवती महिलाओं में पहली तिमाही में बच्चे के लिए यह वायरस खतरनाक साबित हो सकता है। उन्होंने बताया कि जीका वायरस के लिए टेस्ट की सुविधा जयपुर के एसएमएस के अलावा झालावाड़, बीकानेर, जोधपुर तथा कोटा में उपलब्ध है।

श्री गुप्ता ने कहा कि जीका वायरस भी उसी मच्छर से फैलता है जिससे डेंगू तथा चिकनगुनिया फैलता है, इसलिए इस मच्छर को पनपने से रोककर इन तीनों बीमारियों से बचाव किया जा सकता है।

बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती वीनू गुप्ता ने कहा कि इन मौसमी बिमारियों के लिहाज से 15 नवम्बर तक का समय क्रिटिकल है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी जिलों में विभिन्न मौसमी बीमारियों से प्रभावित क्षेत्रों में नागरिकों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है, साथ ही वहां मच्छरों के लार्वा को नष्ट करने का व्यापक अभियान भी चालू है।

उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए सभी जिलों में आईईसी के जरिये आम जन को जागरुक करें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि यदि पर्याप्त आईईसी और लगातार काउन्सलिंग के बाद भी लापरवाही के चलते कूलर अथवा टंकियों में पानी भरने के कारण मच्छरों के लार्वा पनप रहे हैं, तो ऎसे लोगों पर कठोरता से कार्रवाई की जानी चाहिये, तथा जुर्माना लगाया जाना चाहिये।

बैठक में अति. मुख्य सचिव पशुपालन, श्री खेमराज चौधरी, स्वास्थ्य सचिव श्री नवीन जैन, चिकित्सा शिक्षा सचिव श्री आशुतोष पेंडनेकर, एस.एम.एस.अस्पताल के प्रिन्सिपल डॉ. सुधीर भंडारी तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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