- June 30, 2019
मौत का सिलसिला— चमकी बुखार के बाद डेंगू और चिकनगुनिया का खतरा
बिहार में चमकी बुखार यानी एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम ने अब तक 174 से अधिक बच्चों की जान ले ली है. हालांकि ये बीमारी वास्तव में है क्या? इसको लेकर अब तक कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है. अब इसे अज्ञात बीमारी के नाम से पुकारा जाने लगा है.
मौत का सिलसिला पूरी तरह थमा नहीं है, इसके बीच ही अब डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारी का खतरा मंडराने लगा है. हालांकि चमकी बुखार में हुई लापरवाही से सबक लेते हुए स्वास्थ्य विभाग ने इसकी पूर्व तैयारी शुरू कर दी है.
स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए निर्देश
हालांकि चमकी बुखार से हुई मौतों के बाद बिहार का स्वास्थ्य विभाग डेंगू और चिकनगुनिया को लेकर सजग हो गया है. जानकारी के अनुसार इन बीमारियों को लेकर सभी सदर अस्पतालों में पांच-पांच बेड के विशेष डेंगू वॉर्ड तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं.
जुलाई ‘एंटी डेंगू मंथ’
राज्य स्वास्थ्य समिति ने जुलाई को ‘ऐंटी डेंगू मंथ’ के रूप में मनाने के निर्देश जिलों को जारी किए हैं. सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी अस्पतालों को भी डेंगू से निपटने के लिए डेंगू जांच किट एवं आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही मेडिकल, पैरामेडिकल और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को जागरूक करने को कहा गया है.
10 जिलों में ज्यादा असर
गौरतलब है कि बरसात के दिनों में राज्य में बीते साल डेंगू और चिकनगुनिया के मामले सामने आए थे. राज्य स्वास्थ्य समिति के मुताबिक, पटना, नालंदा, सीवान, मुजफ्फरपुर, सारण, वैशाली, भागलपुर, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी और गया जिलों में पिछले वर्ष डेंगू के सबसे अधिक मरीज मिले थे. इस कारण इन जिलों में जुलाई से अक्टूबर तक डेंगू को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.