- November 4, 2019
मोरेल बांध की दोनों नहरें 8 नवम्बर को खुलेंगी,
जयपुर———- रबी की फसल के लिए मोरेल बांध की दोनों नहरें 8 नवम्बर को खोली जायेगी। यह निर्णय रविवार को भरतपुर सम्भागीय आयुक्त के प्रतिनिधि के रूप में सवाई माधोपुर जिला कलक्टर डॉ0 एस0पी0 सिंह की अध्यक्षता में सवाई माधोपुर कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित मोरेल बांध की जल वितरण समिति की बैठक में लिया गया।
बैठक में उद्योग एवं राजकीय उपक्रम मंत्री एवं लालसोट विधायक श्री परसादी लाल मीणा, बामनवास विधायक श्रीमती इन्द्रा मीणा, सवाई माधोपुर पुलिस अधीक्षक श्री सुधीर चौधरी, दौसा जिला कलक्टर के प्रतिनिधि एवं एडीएम श्री लोकेश मीणा, जल उपभोक्ता संगमों के अध्यक्ष, सम्बन्धित एसडीएम और जल संसाधन विभाग के दौसा एवं सवाईमाधोपुर जिलों के अधिकारी उपस्थित रहे।
उद्योग मंत्री श्री परसादी लाल मीणा ने बताया कि एक बार फसलों को पानी लगने के पश्चात दोनों जिलों के जिला कलक्टर किसानों से मिले फीडबैक के आधार पर निर्णय करेंगे कि कितने समय के बाद नहरें पुनः खोली जाये।
उन्होंने बताया कि किसानोें को रबी की फसलों को एक पानी देने में एक महीना पूरा नहीं लगेगा बल्कि कुछ ही दिन लगेंगे। किसानों से फीडबैक लेकर ही यह तय किया जाएगा कि दोबारा पानी कब छोडा जाए ताकि पानी का समुचित उपयोग हो सके और उसकी बर्बादी को रोका जा सके।
जिला कलक्टर डॉ. एस. पी. सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की मंशा है कि पानी की एक-एक बूंद किसान के चेहरे पर खुशहाली लाने का कार्य करे। गत वषोर्ं में इस समिति की बैठक नवम्बर माह की क्रमशः 20, 7, 17 और 20 तारीखों को आयोजित हुई।
इस बार यह बैठक जल्द आयोजित की गई ताकि नियत समय पर पानी किसानों को मिल सके। जिला कलक्टर डॉ. सिंह ने किसानों से आग्रह किया कि वे अपने हिस्से का ही पानी लें तथा कोई भी लीकेज हो तो सम्बन्धित अधिकारी को समय पर सूचित करें।
उन्होंने 6 नवम्बर की शाम तक मुख्य नहर, पूर्वी नहर और इनकी माइनरों की मरम्मत करवाने के निर्देश सिचाई विभाग के अधिकारियों को दिये। यह कार्य मनरेगा या अन्य किसी भी मद में जल संसाधन विभाग करवायेगा। इसकी दैनिक निगरानी रिपोर्ट सम्बन्धित एसडीएम दोनों जिलों के कलक्टरों को देंगे।
पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने कहा कि इस बार अच्छी बारिश से बांध पूरा भरा है और नियमानुसार पानी का वितरण किया जाएगा । यदि किसी ने नहर या माइनर को नुकसान पहॅुंंचाया तो कडी कार्रवाई की जायेगी।
उल्लेखनीय है कि 30 फीट भराव क्षमता के मोरेल बांध में वर्तमान में 2707 एमसीएफटी पानी है। इसमें से 211 एमसीएफटी पानी डेड स्टोरेज है। बांध का 5 फीट का जल स्तर बरकरार रखा जायेगा।
53.32 किमी लम्बी पूर्वी नहर से लालसोट के 13 और बामनवास के 15 गांवों के 6707 हैक्टेयर क्षेत्र में तथा 105.45 किमी लम्बी मुख्य नहर से बौंली और मलारना डूंगर के 55 गॉंवों में 12964 हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है। इन नहरों की लम्बाई में माइनरों की लम्बाई भी शामिल है।
दशकों बाद यह बांध लबालब भरा है जिससे क्षेत्र के किसानों में उल्लास का वातावरण है।