मैथिल आंगन —आइंख में बटन छैलई

मैथिल आंगन —आइंख में बटन छैलई

हे, गई चमेली, एकटा बात सुन ल ही या ?

एकटा सरधूआ सबके झुंड मौगी सबके लूंगी द क कहल कै जे एही स काम चलाऊ।

हे भगवान, ओकरा आइंख में बटन छैलई , माउगी के नैह चिंहई छ लै।

की कहियऊ,

नीतिसे च्च्चा के राज्य छै, चचा शाम क भाषण दई छै भोरे भोर बिसैर जाई छै। जेना लगई छै जे भांग में डूबल रहई छै।

देखही ने एकटा राशन कार्ड के अखन तक पांच छः बेर आवेदन भैंर देलियई । फेर फेर के भराई छै।

मुखिया टिक जरौना के किछु पते नै ह छै, किछु पूंछू त कहत की हमरा नई बुझल अच्छी।

नई बूझल छौ त मुखिया किया बनलही, खाली हस्सोत्ता मारें ल य।

जेहैने मुखिया , तहने चचा , एकडा राज्य में मऊगी , मरदावा में कोनो भेद नहीं छै।

टटीवा सब दारू पी क अंघूरायल रहई छै और काम लेल जाऊ तो माथा पर अरगासन गिर जाएं छै।

की चर्चा करें छै टिक जरूआ सबके , जाई छी राशन कार्ड के पर्ची भरई लाए।

(हम विनीत छी जे अहि कालम के चलावैक हेतु अपन रचना भेजव,अहि कालम में अप्पन समस्या,अपन भाषा में उठाउ)

शैलेश कुमार मधुबनी 7004913628

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