• March 31, 2016

मेवाड़ में प्रेरणा जगा रही हैं ओडीएफ घोषित ग्राम पंचायतें – डॉ. दीपक आचार्य, उपनिदेशक

मेवाड़ में प्रेरणा जगा रही हैं ओडीएफ घोषित ग्राम पंचायतें  – डॉ. दीपक आचार्य, उपनिदेशक

उदयपुर———— (सूचना एवं जनसम्पर्क)—— स्वच्छ भारत मिशन की विभिन्न गतिविधियां प्रदेश में व्यापक पैमाने पर संचालित हो रही हैं और इस दिशा में उपलब्धियों का ग्राफ निरन्तर ऊँचाई पाता जा रहा है।  मेवाड़ के ग्राम्यांचलों में स्वच्छता का माहौल प्रेरक भूमिका में पहुंच चुका है।2

इसमें जो गांव खुले में शौचमुक्त घोषित हो चुके हैं उनके आस-पास के गांवों व पंचायतों में प्रतिस्पर्धा के भाव जगे हुए हैं।

ओडीएफ घोषित गांवों की बदली हुई तस्वीर और साफ सुथरे परिवेश का असर समीपवर्ती इलाकों में खासी पे्ररणा जगा रहा है।

ग्रामीण खुद आ रहे हैं आगे

गांवों के लोगों में भी अब सामूहिक बदलाव की सोच मूर्त रूप ले चुकी है। एक-दूसरे गांवों में आए बदलाव को देखकर स्वच्छता के फायदों व जरूरत के बारे में अब ग्रामीणों को ज्यादा कुछ कहने की आवश्यकता नहीं पड़ती। वहीं पास के घरों में बने शौचालयों व आस-पास के गांवों में स्वच्छता अपनाने की घर-घर पसरी हुई मुहिम ग्राम्य लोकजीवन में बदलाव के रंग भर रही है। ग्रामीण खुद-ब-खुद आगे आने लगे हैं व घरों में शौचालय बनवाने में जुटे हुए हैं।

अब तक सत्रह ग्राम पंचायतें ओडीएफ घोषित

उदयपुर जिले में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में घर-घर शौचालय स्थापित करने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। जिले में अब तक सत्रह ग्राम पंचायतों को खुले में शौच मुक्त घोषित किया जा चुका है।

इनमें बड़गांव पंचायत समिति की कठार ग्राम पंचायत ने उदयपुर संभाग भर में सर्वप्रथम ओडीएफ घोषित होेने का गौरव पाया है। इसके बाद जिले में 16 ग्राम पंचायतें ओडीएफ घोषित हो चुकी हैं। अब ये ग्राम पंचायतें स्वच्छता के मामले में आदर्श हैं तथा अपने आस-पास के क्षेत्रों के लिए प्रेरणादायी सिद्ध हो रही हैं। इनकी देखा-देखी पास के गांवों में अनुकरण का माहौल रफ्तार पर है।1

ग्राम्य जागरुकता का असर

उदयपुर जिले में बहुत जल्द की काफी संख्या में ग्राम पंचायतें खुले में शौच से मुक्त घोषित होने की तैयारी में हैं। ओडीएफ घोषित ग्राम पंचायतों से शेष रही पंचायतें प्रति स्पर्धा कर अव्वल रहने की कोशिशों में जुटी हुई हैं वहीं दूसरी ओर हर क्षेत्र में प्रभावी माहौल से आम ग्रामीणों तक में समझ विकसित हुई है व अब उन्हें घरों में शौचालय निर्मित करने के मामले में ज्यादा समझाने की जरूरत नहीं पड़ती।

समन्वित और समर्पित भागीदारी

इस काम में हर श्रेणी के जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, कार्मिकों, स्वयंसेवी संस्थाओं, स्कूली बच्चों, महिला समूहों और गांव के ही जागरूक लोगों के आगे आने और सक्रिय तथा समर्पित भागीदारी निभाने की स्वैच्छिक पहल से सर्वत्र प्रभावी वातावरण बना हुआ है।

सार्थक हो रहा गर्विलो मेवाड़ अभियान

मेवाड़ धरा पर स्वच्छ भारत अभियान मेवाड़वासियों का अपना अभियान बन गया है। जिस उत्साह व तेजी से जिले में इस अभियान का क्रियान्वयन हो रहा है उसे देखकर कहा जा सकता है कि शौर्य पराक्रम व गौरव की भूमि मेवाड़ का गर्विलो मेवाड़ अभियान उदयपुर जिले को आशातीत सफलता का गौरव प्रदान करेगा।

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