मृगमारीचिका –84 हजार 481 किसानों में सिर्फ 550 किसानों के खाते में 15 करोड़ 63 लाख रुपया

मृगमारीचिका –84 हजार 481 किसानों में सिर्फ  550 किसानों के खाते में 15 करोड़ 63 लाख रुपया

खंडवा——-कर्जमाफी योजना में जिले के 1.28 लाख किसानों का 530 करोड़ रुपए कर्ज माफ होना था। सरकार का वचन था कि किसानों का 2 लाख रुपए तक का कर्ज माफ करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इनमें से केवल 4590 किसानों को ही योजना का लाभ मिला और उनके खातों में 34 करोड़ रुपए ही पहुंचाए गए।

1 लाख 23 हजार 410 किसान कर्जमाफी के चक्कर में बैंक-बैंक भटक रहे हैं।

अफसरों का कहना है किसानों के ऋण खातों में 31 मार्च 2018 पर जितना कर्ज बकाया था उतना पूरा माफ किया गया।

कृषि विभाग व जिला सहकारी बैंक ने पहले चरण में 45 हजार 871 किसानों के नाम भेजे थे जिनमें से 4590 किसानों का ही चयन हुआ।

नियम में उलझे किसान—

किसानों को बताया जा रहा है कि 1 अप्रैल 2007 से 31 मार्च 2018 तक जिन किसानों ने कर्ज लिया था और 31 मार्च तक उनके खातों में जो बकाया है वही राशि माफ की जा रही है।

नियम भी कैसे-कैसे

>> कर्जमाफी के लिए किसानाें से हरे लाल, पीला और गुलाबी आवेदन भरवाए गए।
>> जाे आयकर भरते हैं उन्हें इस याेजना से दूर रखा गया।
>> जिन किसानाें के ऋण खाताें में 31 मार्च 2018 पर 2 लाख रुपए तक बकाया था केवल उन्हीं किसानाें की कर्जमाफी की गई।
>> दाे हजार से ऊपर ऋणदाता काे ही सम्मान पत्र भेंट किए।

ऐसे हुआ भुगतान :

कृषि विभाग व जिला सहकारी बैंक ने 1.25 लाख किसानों के लिए 537 करोड़ रुपए की डिमांड भेजी थी जिसमें जिला सहकारी बैंक के 84 हजार 481 किसानों में 41,809 के लिए 159 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली जिनमें 550 किसानों के खाते में 15 करोड़ 63 लाख रुपया पहुंचा। इसी तरह कृषि विभाग द्वारा 4040 किसानों के खाते में 18 करोड़ 38 लाख रुपए जमा कराए गए।

9 बैंकों में 591 प्रकरण लंबित :

कर्जमाफी के 591 प्रकरण ऐसे हैं जो राष्ट्रीयकृत सहित अन्य 9 बैंकों में लंबित हैं। इनमें बैंक आफ इंडिया में 71, सेंट्रल बैंक में एक, जिला सहकारी में 464, आईडीबीआई में एक, नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक में 7, पंजाब नेशनल बैंक में 21, सिंडीकेट बैंक में एक, यूको बैंक में 24 व यूनियन बैंक में एक प्रकरण लंबित है।

सही तथ्य ..
>> 1.28 लाख किसानों ने कर्जमाफी के लिए आवेदन किए।
>> 01 लाख 23 हजार 410 किसान अब भी बाकी।
>> 595 किसानाें के आवेदन निरस्त हुए।
>> 2 हजार से ऊपर ऋणदाता को सम्मान पत्र भेंट किए
>> 4590 किसानों का ही अब तक कर्ज हुआ माफ।
>> 591 किसानाें के आवेदन पेंडिंग में।

किसानाें के आवेदन पर जांच के बाद डाटा भाेपाल भेजा था। जिन किसानाें के ऋण खाताें में मार्च 2018 पर जितनी राशि बकाया थी वही माफ की गई ।

Related post

सीरिया: दुनिया को विद्रोहियों को शब्दों से नहीं, बल्कि कर्मों से आंकना चाहिए : शैलश कुमार

सीरिया: दुनिया को विद्रोहियों को शब्दों से नहीं, बल्कि कर्मों से आंकना चाहिए : शैलश कुमार

सीरिया में असद शासन के पतन ने इस संकटग्रस्त देश के लिए एक नया अध्याय खोल…
गठबंधन में अलग थलग होती कांग्रेस

गठबंधन में अलग थलग होती कांग्रेस

सुरेश हिंदुस्तानी—-वर्तमान समेत में भारत की राजनीति निश्चित ही अनिश्चितता का एक ऐसा खेल है, जिसका…
गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

कमलेश–(अजमेर)—दिसंबर के पहले सप्ताह में राजस्थान में आयोजित हुए तीन दिवसीय ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इंवेस्टमेंट समिट…

Leave a Reply