• January 6, 2021

मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर जी से *प्रार्थना* की है —10 लाख रुपये हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी को दिए जाएँ

मुख्यमंत्री  श्री जय राम ठाकुर जी  से *प्रार्थना* की है —10 लाख रुपये हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी को दिए जाएँ

हम सोने की चिड़िया इस लिए नहीं रहे ,क्योकि पँखो के वाबजूद हमने उड़ना छोड़ दिया .
335 वर्ष पुराने न्यूटन के तीसरे नियम में एक महत्वपूर्ण खामी है . यह *वस्तु के आकार* की अनदेखी करता है.
साधारण शब्दों में न्यूटन तीसरा नियम कहता है कि
वस्तु का आकार चाहे गोल हो या
अर्धगोल, त्रिभुज, शंकु, छतरीनुमा, लम्बी पाइप, स्पाट, अनियमित आकार हो. फर्श पर टकराने के बाद सभी के रिज़ल्ट एक जैसे होंने चाहिए.

आज तक किसी भी वैज्ञानिक ने न्यूटन के 335 वर्ष पुराने नियम को इस कसोटी (वस्तु के आकार) पर परखा ही नही ) है. पर सभी आकारों के लिए इसे सही माना जा रहा है.

क्यों ? WHY ?

इस तरह न्यूटन के तीसरे नियम को बिना चेक किए हुए सही मानना गलत है.
बच्चो को सही और संपूर्ण शिक्षा का अधिकार है.

अजय शर्मा ने इस मुद्दे को उठाया .
दुनिया भर के वैज्ञानिक अजय की रिसर्च को सही कह रहे हैं, लिख कर रिपोर्टे भी दी हैं. *मेरे पास सभी रिपोर्टे मोजूद हैं कोई भी देख सकता है* ,

सरकार को भी सब्मिट ( submit ) की गयी है.

वैज्ञानिको का मानना है की न्यूटन की खामी प्रयोगों द्वारा दुनिया के सामने लानी चाहिए.

अजय शर्मा ने माननीय मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर जी से *प्रार्थना* की है की इन प्रयोगों को करने के लिए 10 लाख रुपये हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी को दिए जाएँ . इस से प्रयोगों द्वारा न्यूटन के 335 वर्ष पुराने तीसरे नियम की खामी को दुनिया के सामने लाया जा सकेगा.

विज्ञान और अंध विश्‍वास में यह फ़र्क है की विज्ञान में हर बात तो बार बार परखा जाता है , अंध विश्‍वास में बिना सोचे समझे , सुनी सुनाई बातों को सही मान कर आगे चला जाता है

Ajay Sharma
Mobile & WhatApp 94184 50899
Email ajoy.plus@gmail.com

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