- December 18, 2015
”मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान”
जयपुर – धौलपुर जिला प्रभारी मंत्री श्री पुष्पेन्द्र सिंह ने गुरूवार को ”मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान” की जिला स्तरीय समीक्षा समिति की बैठक ली।
उन्होंने चालू वित्त वर्ष के सभी कार्य जल्द से जल्द शुरू करने तथा हर हालत में 30 जून तक पूर्ण करने के निर्देश दिए। समिति के अध्यक्ष प्रभारी मंत्री ने कहा कि राज्य में जल की कमी है। इससे खेती, उद्योग, जनजीवन प्रभावित होता है।
उन्होने कहा कि राज्य में बारिश की कमी से बार-बार अकाल की स्थिति हो जाती है। खेती तो दूर चारे और पीने के पानी की किल्लत की स्थिति पैदा हो जाती है। सौभाग्य से किसी साल अच्छी बारिश हो जाऐ तो भी ज्यादातर पानी नदियों में बहकर चला जाता है तथा एक-दो साल बाद पुन: अकाल की स्थिति आ जाती है। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने इस बेशकीमती जल को खेत, गांव में रोककर भू-जल स्तर बढ़ाने की महत्वपूर्ण फ्लेगशिप योजना ”मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान” शुरू की है।
मं़त्री श्री सिंह ने कहा कि यह अभियान सफल हो गया तो प्रत्येक जल ग्रहण क्षेत्र की मुख्य धारा, छोटे झरनों के तल में अप्रेल माह तक पानी का प्रवाह रहेगा। कम से कम 40 प्रतिशत बारानी क्षेत्र को सिंचाई मिल जाऐगी। इस अभियान के कवर एरिया वाले सभी गांवों की पेयजल आवश्यकता पूरी हो जाऐगी, गर्मी में भी भू-जल से सदाबहार वृक्ष फलेंगे-फूलेंगे, उद्यानिकी से ग्रामीणों को आय का अतिरिक्त साधन मिलेगा। राज्य के अधिकतर क्षेत्रों में पानी जमीन के अन्दर 30 मीटर से ज्यादा नीचे चला गया है। अभियान सफल रहा तो भूजल स्तर 3 मीटर पर आ जाऐगा। इसमें फोर वाटर कन्सेप्ट के विशेषज्ञ श्रीराम वेडेरे और हनुमन्था राव के सुझावों को भी शामिल किया गया है।
धौलपुर प्रभारी मंत्री ने बताया कि इस अभियान में जल संग्रहण ढांचे, फार्म पोण्ड, कन्टूर, चैक डेम, माइक्रो इरिगेशन टैंक बनाऐ जाऐंगे। पुराने जल स्त्रोत, जल संरक्षण संरचनाओं का कायाकल्प किया जाऐगा। गांव के तालाब, नाड़ी,पानी के टेंक की सफाई कर गहरा किया जाऐगा।
अभियान की अवधि 4 वर्ष रहेगी। चालू वित्तीय वर्ष के कार्य 30 जून तक पूरे करने का लक्ष्य है। अभियान में कृषि, वन, जल संसाधन, पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास, सिंचाई, पीएचईडी, वन विभाग के साथ ही गांवों के प्रबुद्घ व्यक्ति तथा बाहर रह रहे सेठ, भामाशाह, प्रबुद्घजन की मदद ली जाऐगी। कॉर्पोरेट सोशियल रेस्पोंसबिलिटि , धर्मगुरुओं के माध्यम से भी मदद ली जाऐगी।
जिला प्रभारी मंत्री ने कहा कि यह राज्य सरकार का नहीं, जन-जन का अभियान बनना चाहिये। आम जन जल संरक्षण की योजना बनाऐं तथा वही इसकी निगरानी करे।
अभियान में जन स्वास्थ्य अभियान्त्रिकी विभाग के जल स्त्रोतों को रीचार्ज करने पर बल दिया जाऐगा। एक नलकूप सूखते ही दूसरा लगवाना पड़ता है, नया विद्युत कनेकशन लेना पड़ता है। इसमें बड़ी लागत आती है। इससे बहुत कम लागत में जल स्त्रोत को हमेशा के लिए रिचाज्र्ड रखा जा सकता है।
प्रभारी मंत्री ने ग्राम समितियों के गठन की जानकारी ली तथा अभियान की ग्राम स्तरीय डीपीआर जल्द तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रत्येक गांव में एक तिहाई क्षेत्रफल को चराई निषेध क्षेत्र में बदलकर उसमें मानव तथा पशुओं की आवाजाही 5 वर्ष के लिए रोकी जाऐ तो वन विकसित हो जाऐगा तथा जल संरक्षण भी होगा। बैठक में रैण्डमली पुरैनी ग्राम पंचायत को चुन कर इयके गांवों के जल बजट पर चर्चा की गयी।
जिला कलेक्टर शुचि त्यागी ने बताया कि इस वर्ष जिले के 117 गांवों का योजना में चयन किया गया है। फोर वाटर कंसेप्ट में वर्षा जल,सतही जल,मृदा नमी तथा भू जल की वृद्घि के लिए बाडी और राजाखेडा में 8-8 माइक्रो इरिगेशन टैंक बनेंगे जिनकी निविदा 21 दिसम्बर को निकलेगी।
बहादुर सिंह त्यागी ने मेघसागर, पुरानी छावनी, ओंडेला, आंगई, सिंघावली खुर्द, हुसैनपुर आदि 15 छोटे बांधों की मरम्मत का सुझाव दिया जिस पर जिला प्रभारी मंत्री ने महात्मा गांधी नरेगा में कन्र्वजेन्स से कार्य कराने के लिए जल संसाधन विभाग को निर्देश दिऐ।
जगमोहन सिंह बघेल ने गांव के पुराने तालाबों की मरम्मत तथा उनके प्रवाह में आ रहे गतिरोधों को हटाने की मांग की। पूर्व विधायक शिवराम कुशवाह ने अभियान में पंचायती राज जनप्रतिनिधियों की राय के अनुसार कार्य करवान ेपर जोर दिया। बैठक में जिला प्रमुख डा0 धर्मपाल सिंह, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामस्वरूप, जिला प्रभारी मंत्री के निजी सचिव राजेश सिंह जादौन, धौलपुर उपखण्ड अधिकारी प्रदीप के गावंडे,सैंपउ उपखण्ड अधिकारी चेतन चौहान समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।