• July 12, 2021

“मुख्यमंत्री जनता के दरबार ” 146 आवेदकों के मामलों की सुनवाई और निर्देश

“मुख्यमंत्री जनता के  दरबार ” 146  आवेदकों  के  मामलों  की  सुनवाई और निर्देश

(सूचना एवं जन संपर्क विभाग ,पटना ,बिहार)

पटना– :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार 4, देष रत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में शामिल हुए।

जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न जिलों से पहुॅचे 146 लोगों की लगातार साढ़े पाॅच घंटे से अधिक समय तक समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए। आज ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यकम में स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग, सूचना प्रावैधिकी विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, वित्त विभाग, श्रम संसाधन विभाग तथा सामान्य प्रशासन विभाग के मामलों पर सुनवाई हुयी।
सीतामढ़ी जिले की रुन्नीसैदपुर थाना क्षेत्र की एक महिला शिकायतकर्ता श्रीमती शांति देवी ने मुख्यमंत्री से फरियाद लगाई कि दबंगों ने उनके साथ मारपीट की है। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की।

इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लेते हुये मुख्यमंत्री ने डी0जी0पी0 को पूरे मामले पर तुरंत आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिये। डी0जी0पी0 ने उस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए थानेदार से बात की और दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने को कहा।

भागलपुर से आयी छात्रा सुश्री अभिलाषा कुमारी ने अपनी शिकायत में कहा कि उसने साल 2019 में ही ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर ली है और प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण भी हुई है। दो साल का वक्त बीत जाने के बावजूद उसे अभी तक मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत मिलने वाले प्रोत्साहन राशि का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। इसी तरह की एक और शिकायत दूसरी छात्रा सुश्री आकांक्षा कुमारी ने भी की, उनके मुताबिक उसने साल 2018 में ग्रेजुएशन पूरा किया है लेकिन उसे भी अब तक प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है।

शिकायत सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिये। भागलपुर से आए युवक जो कि कला, संस्कृति एवं युवा विभाग से सम्मानित कलाकार हैं, अपनी फरियाद लेकर पहुंचे थे। उनका कहना था कि कलाकारों को जो व्यवस्था मिलनी चाहिए, वह नहीं मिल रही है। मुख्यमंत्री ने कला, संस्कृति एवं युवा विभाग को इस मामले में समुचित कार्रवाई के निर्देश दिये।

बिजली विभाग में कॉन्ट्रैक्ट पर नाइट गार्ड के तौर पर कार्य करने वाले एक कर्मी ने भी अपनी शिकायत मुख्यमंत्री के समक्ष रखी। उसने कहा कि हड़ताल पर जाने के कारण उसे सेवा से हटा दिया गया। कॉन्ट्रैक्ट पर जिस एजेंसी ने रखा था वह मनमानी कर रही है। मामला श्रम विभाग में भी पहुंचा था लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुयी।

मुख्यमंत्री ने कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले ऐसे लोगों से जुड़ी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुये संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई के निर्देश दिये। नवादा के वारसलीगंज के श्री प्रत्युष आनंद ने मुख्यमंत्री से कहा कि भोजपुरी एवं मगही गीतों में अश्लीलता एवं हिंसा को बढ़ावा देने के लिए जिस तरह शब्दों का प्रयोग हो रहा है वह समाज और गरिमा के लिए नुकसानदेह है।

मुख्यमंत्री ने इसके लिए कला-संस्कृति एवं युवा विभाग को निर्देश दिया। सहारा इंडिया में फिक्स डिपॉजिट का समय पूरा होने के बाद भी पैसे का भुगतान नहीं करने संबंधी एक आवेदक की षिकायत पर मुख्यमंत्री ने वित्त विभाग के प्रधान सचिव को आवष्यक कार्रवाई के निर्देश दिये। नालंदा के हरनौत के दिलीप कुमार ने एक ही जमीन का विभिन्न नामों से अंचलाधिकारी द्वारा जमाबंदी कराए जाने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव को कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

पटना जिले की मसौढ़ी की श्रीमती उषा देवी ने अपने शिकायत में कहा कि वर्ष 2015 से उन्हें वृद्धा पेंशन का लाभ मिल रहा था लेकिन जब से बैंक खाता के माध्यम से पेंशन मिलने की बात हुई है तब से मुझे पेंशन नहीं मिल रहा है।

मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग को इस संदर्भ में शीघ्र नियमानुकूल कार्रवाई का निर्देश दिया। पटना सदर के मुकेश कुमार हिसारिया ने मुख्यमंत्री से फरियाद करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के प्रयास से ही 14 जून 2020 को थैलीसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए “बिहार में पहला थैलीसीमिया डे केयर सेंटर”— से अब तक 1800 बच्चों को ब्लड उपलब्ध कराया गया है लेकिन आयरन कम करने की दवा अभी उपलब्ध नहीं है। साथ ही थैलीसीमिया पीड़ित बच्चों को 120 सीढ़ी चढ़ना पड़ता है। इसके लिए लिफ्ट जल्द ठीक कराने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में 146 आवेदक उपस्थित हुए थे जिसमें 28 महिलाएं और 118 पुरुष थे।

हर महीने में तीन सोमवार को अलग-अलग विभागों की सुनवाई तय कर दी और वह निरंतर चलता रहा। षिकायतों के समाधान करने के दौरान चीजों का एनालाइज भी किया करते थे। वर्ष 2015 में मेरे मन में एक बात आई कि क्यों नही हमलोग इसके लिए एक कानून बना दंे। लोगों की शिकायत के निवारण के लिए लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून वर्ष 2016 में लागू किया।

हर जगह हम अपनी यात्रा में जाते थे तो उसको देखते थे। उससे लगता था कि किस प्रकार के लोग ज्यादा आते हैं और किस-किस प्रकार की समस्याएं हैं। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम का जो अनुभव होता था उसके आधार पर कई और भी नियम बनाये गये। उसमें देखा गया कि जमीनी विवाद और आपसी सम्पति को लेकर सबसे ज्यादा हिंसा के मामले हुआ करते हैं। फिर जमीन का नया सर्वे कराने का काम तय किया गया जो अभी चल ही रहा है। यह सब काम करते हुए फिर मेरे मन में यह बात आई कि लोगों को इसके लिए कानूनी अधिकार दे दिया जाए। लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून बना दिया और यह बहुत ही अच्छे ढंग से चल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब लोगों से मुलाकात होती थी तो वे कहते थे कि जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम फिर से शुरू किया जाय। उसे यदि जारी रखते हैं तो लोगों को और ज्यादा सुविधा होगी क्योंकि सभी लोग लोक शिकायत निवारण कानून में नहीं जा पाते हैं। इसी को देखते हुए हमने पुनः यह तय किया कि पिछले बार की तरह ही हर महीने के तीन सोमवार को यह कार्यक्रम किया जाए। आज पुनः इस कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है। हम पहले ही शुरू करना चाह रहे थे लेकिन सवाल था कि इस कार्यक्रम को कहाँ पर किया जाए ताकि लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। फिर यहाँ पर इसके लिए व्यवस्था की गयी। अप्रैल माह में यह तैयार हो गया था और उस समय हम बार-बार आकर यहाँ देख रहे थे।

हमने यह तय कर लिया था कि इस कार्यक्रम को मई महीने से शुरू करेंगे। आप जानते हैं कि अप्रैल में फिर कोरोना का दौर आ गया। उसके चलते यह संभव नहीं था। जब धीरे-धीरे कोरोना संक्रमितों की संख्या घटी तो हमलोगों ने यह सोच लिया कि इस कार्यक्रम को पुनः प्रारंभ करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज ही देखिये कितनी तरह की समस्या लेकर लोग आ रहे हैं। ऐसी बहुत सारी चीजें तय हैं लेकिन आखिर अभी तक वह क्यों नही हुआ।

हमलोगों को लगा कि लोक शिकायत निवारण कानून तो है ही लेकिन लोगों की बातें भी सुननी चाहिए। नई चीजों को लेकर भी लोग आ रहे हैं और विभिन्न विभागों से संबंधित जो काम है वह क्यों नही हुआ? इन सब बातों को हम सुन रहे हैं। कोरोना का दौर है इसे देखते हुए इसमें ऐसी व्यवस्था बनाई गयी है कि शिकायतकर्ता का संबंधित जिले में कोरोना संक्रमण का जाँच कराकर इस कार्यक्रम में भेजा जाय ताकि कोई कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति कार्यक्रम में नही आए। फिर उन्हें घर तक पहुंचाने की व्यवस्था भी की गयी है। कोरोना का दौर खत्म होते ही पहले की तरह जितना चाहे लोग इस कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं।

कोरोना को लेकर खतरा बढ़ सकता है। ऐसी स्थिति में हम लोगों को प्रोटेक्ट करना चाहते हैं। शिकायत लेकर आने वाले लोगों की सेहत से लेकर उनके आने-जाने, ठहरने और भोजन की भी व्यवस्था की गयी है ताकि किन्ही को कोई तकलीफ नहीं हो। हमलोग पुरे तौर पर अलर्ट है और केंद्र सरकार की तरफ से भी अलर्टनेस है। हमलोग ऑक्सीजन का मामले हो या अन्य कोई भी जरूरी काम, एक-एक चीज को किया जा रहा है। ट्रीटमेंट से लेकर अस्पताल में जो भी व्यवस्था करनी है वह सब किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूरी मजबूती के साथ काम किया जा रहा है।

जनसंख्या नियंत्रण कानून —–

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिये अगर सिर्फ आप कानून बनाकर उसका उपाय करेंगे तो ये संभव नहीं है। आप चीन का उदाहरण देख लीजिये। वहाॅ एक से दो बच्चों को लेकर निर्णय लिया गया, अब देखिये वहाॅ क्या हो रहा है। सबसे बड़ी चीज है कि महिलायें जब पूरी तौर पर षिक्षित होंगी तो अपने आप प्रजनन दर घट जायेगा। इसमें किसी भी कम्यूनिटी को लेकर बातचीत न हो। हम कानून के पक्ष में नहीं हैं। अलग-अलग राज्य के लोगों की अपनी सोच है,वे अपने ढंग से जो चाहें करें। बाढ़ की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा- जब से
हमारी सरकार बनी है, तब से हम इसे लेकर गंभीर हैं। हमने हवाई सर्वेक्षण कर सभी स्थिति का जायजा लिया है। हमने जिलाधिकारी को बाढ़ पीड़ितों की हरसंभव मदद के निर्देष दिये हैं।

देष में काॅमन सिविल कोड को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देष ——

मुख्यमंत्री ने कहा कि आप बताइये कि काॅमन सिविल कोड किस नंबर पर है ? आर्टिकल 44 की बात हो रही है। जरा आर्टिकल 47 भी देख लीजिये। हमलोगों ने बिहार में शराबबंदी लागू की। इन सब चीजों पर ध्यान देते हैं तो शराबबंदी को लेकर भी ध्यान दीजिये। शराबबंदी पूरे देष में हो।

‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, उप
मुख्यमंत्री श्रीमती रेणु देवी, शिक्षा मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी, स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडे,समाज कल्याण मंत्री श्री मदन सहनी, श्रम संसाधन मंत्री श्री जीवेश कुमार, अनुसूचितजाति-जनजाति मंत्री श्री संतोष कुमार सुमन, सूचना एवं प्रावैधिकी मंत्री श्री सुमित कुमार सिंह,कला-संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री श्री आलोक रंजन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपककुमार, मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, पुलिस महानिदेशक श्री एस0के0सिंघल, अपर मुख्य सचिव समाज कल्याण श्री अतुल प्रसाद, अपर मुख्य सचिव भूमि एवं राजस्व सुधार श्री विवेक कुमार
सिंह, अपर मुख्य सचिव शिक्षा श्री संजय कुमार, अपर मुख्य सचिव श्रम संसाधन श्रीमती वंदना किनी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार,सचिव सूचना एवं प्रावैधिकी श्री संतोष कुमार मल्ल, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, सचिव अल्पसंख्यक विभाग श्रीमती सफीना एम0, सचिव कला-संस्कृति एवं युवा विभाग श्रीमती बंदना प्रेयसी, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, संबंधित विभागों के अन्य वरीय अधिकारी, पटना के जिलाधिकारी श्री चंद्रशेखर सिंह तथा वरीय पुलिस अधीक्षक श्री उपेंद्र शर्मा उपस्थित थे।
‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम के पश्चात पत्रकारों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने वर्ष 2006 में ही जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम की शुरुआत करायी थी।

संपर्क :
सहायक निदेशक
बिहार सूचना केंद्र
नई दिल्ली

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