मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष का गठन

मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष का गठन

मंडी—-:- स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है। इस उक्ति के अनुरूप सभी को प्रभावी व सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार कई नई योजनाएं प्रारंभ कर रही है। जरूरतमंद गरीब लोगों को अत्याधुनिक उपचार में सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष का गठन इनमें से एक है।

जरूरतमंद व असहाय लोगों की आर्थिक सहायता के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष प्रदेश में पूर्व से ही स्थापित है जिसमें अंशदान के माध्यम से राशि एकत्र कर पात्र लोगों को उपचार इत्यादि के लिए उपलब्ध करवाई जाती है। वर्ष 2018-19 में चिकित्सा सहायता के लिए एक अलग कोष के गठन का विचार मुख्यमंत्री द्वारा अपने बजट भाषण में प्रतिपादित किया गया और अब यह मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष के रूप में सबके समक्ष है। इस कोष के लिए दान स्वरूप राशि एकत्र करने के स्थान पर प्रदेश सरकार ने अपनी ओर से 10 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया है और आवश्यकता अनुसार भविष्य में इसे बढ़ाया भी जाएगा।

*** इन बिमारियों के उपचार पर मिलेगी सहायता

इस कोष के अंतर्गत गंभीर बिमारियों के उपचार के लिए जरूरतमंद लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इनमें कार्डियक (हृदय) व कार्डियोथौरेसिक (हृदय तथा वक्ष संबंधी) शल्य चिकित्सा, जैनिटो यूरिनरी (मूत्र तंत्र संबंधी) शल्य चिकित्सा, न्यूरो सर्जरी, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, ट्रामा, रीढ़ की हड्डी की शल्य चिकित्सा, सर्जीकल गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी, हिमोफिलिया (अधिक रक्त स्राव), कैंसर तथा अन्य गंभीर बिमारियां शामिल की गई हैं। इसके अतिरिक्त जरूरतमंद गरीब लोगों को कोष के माध्यम से बहिरंग विभाग और अन्य विविध खर्चों की प्रतिपूर्ति का भी प्रावधान रखा गया है।

*** इन अस्पतालों में मिलेगा उपचार

कोष के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश में स्थित सभी सरकारी अस्पतालों में उपचार करवाने पर आर्थिक सहायता का प्रावधान है। उच्चतर स्वास्थ्य संस्थानों जैसे पी.जी.आई. चंडीगढ़, राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय (मेडीकल कॉलेज) अस्पताल, सैक्टर-32, चंडीगढ़, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा संस्थान (एम्स), दिल्ली में उपचार करवाने पर भी इस कोष से सहायता प्रदान की जाएगी। प्रदेश सरकार द्वारा आयुष्मान भारतः प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत पंजीकृत अस्पताल भी इसमें शामिल किए गए है।

*** यह दस्तावेज होंगे आवश्यक

मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष के अंतर्गत लाभार्थी को आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय अथवा स्वास्थ्य मंत्री के कार्यालय, शिमला में आवेदन करना होगा। इनमें उपचार अनुमान प्रमाण पत्र (ट्रीटमेंट एस्टीमेट सर्टीफिकेट), राशन कार्ड अथवा बी.पी.एल. कार्ड, यदि लाभार्थी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना या मुख्यमंत्री राज्य स्वास्थ्य देखभाल योजना या सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुरक्षा योजना में पात्र है तो इन योजनाओं का कार्ड, अपना पहचान पत्र आवेदन के साथ संलग्न करना होगा। यदि किसी लाभार्थी ने पूर्व में अपना उपचार करवा लिया है तो वो भी उक्त दस्तावेजों के साथ सत्यापित बिलों की प्रतियां लगाकर आवेदन कर सकता है।

*** शुभारंभ पर 55 लाख रुपए की सहायता राशि जारी

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर ने श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, मंडी स्थित नेरचौक में 10 लाभार्थियों को 55 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि के चेक जारी कर इस योजना का राज्य स्तर पर शुभारंभ किया। इनमें वे बच्चे शामिल हैं जो किसी कारणवश जन्म लेने के बाद से ही अपनी श्रवण शक्ति विकसित नहीं कर सके।

ऐसे बच्चों को एक निर्धारित उम्र तक कोक्लियर इम्पलांट के माध्यम से उपचारित किया जा सकता है। लाभार्थियों में जिला कांगड़ा से आरूष, ऊना से नवनीत कौर, शिमला से सिमरन, बिलासपुर से दीक्षा, सिरमौर से गुंजन ठाकुर, कुल्लू से हिमानी, आर्तिश्वर व स्वर्णिक, मंडी से रोहन ठाकुर तथा कांगड़ा जिला से लक्ष शामिल हैं, जिन्हें साढ़े पांच लाख रुपए प्रति बच्चे की सहायता राशि जारी की गयी है।

संपर्क—
जिला लोक सम्पर्क अधिकारी, मंडी

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