मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस : योजनाओं की विस्तृत समीक्षा

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस : योजनाओं की विस्तृत समीक्षा

रायपुर ———— मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में आज सवेरे यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस की शुरूआत हुई। डॉ. सिंह ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में राज्य के सभी 27 जिलों में टीम वर्क के जरिये अच्छी उपलब्धियां हासिल की गई है।

उन्होंने कहा – हर जिले में किसी न किसी योजना में बहुत अच्छे कार्य भी हुए हैं, कुछ योजनाओं में कुछ जिलों को और बेहतर करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा – अभी हमें राज्य के विकास और आम जनता की बेहतरी के लिए अपनी वास्तविक और सामूहिक क्षमताओं के अनुरूप आगे बहुत कुछ हासिल करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए हम सबको टीम भावना से काम जारी रखना होगा।

डॉ. सिंह ने सरकार के सभी विभागों और अधिकारियों के काम-काज की तुलना क्रिकेट मैच से करते हुए कहा – अभी तो हम लोग एक दिवसीय क्रिकेट मैच के आखिरी 15 ओव्हरों में प्रवेश कर रहे हैं। हम सबकों अपना प्रदर्शन और भी बेहतर करने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली विभिन्न योजनाओं की प्रगति के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने विशेष रूप से स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण और शहरी आवास योजना की विस्तार से समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस के बाद प्रत्येक जिला कलेक्टर को उनका जिला स्तरीय परफारमेंस की एक बुकलेट रिपोर्ट कार्ड के रूप में दी जाएगी। कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस की शुरूआत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रस्तुतिकरण से हुई। इसमें सबसे पहले प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की समीक्षा की गई।

इस योजना के क्रियान्वयन में बस्तर (जगदलपुर), राजनांदगांव और कबीरधाम जिलों के प्रदर्शन को सर्वश्रेष्ठ पाया गया, जबकि सरगुजा और जांजगीर-चाम्पा जिलों में और भी अधिक अच्छे प्रदर्शन की जरूरत बतायी गई।

मुख्यमंत्री ने इसके बाद प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना की समीक्षा की। डॉ. सिंह ने स्वच्छ भारत मिशन की समीक्षा करते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकता का मिशन है। इसके अंतर्गत अब तक राज्य के दो जिले मुंगेली और धमतरी सहित देश के 33 विकासखंडों, चार हजार 869 ग्राम पंचायतों और आठ हजार 582 गांवों को खुले में शौचमुक्त घोषित किया जा चुका है। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पूरे देश को 2 अक्टूबर 2019 तक खुले में शौचमुक्त घोषित करने का लक्ष्य दिया है, लेकिन छत्तीसगढ़ में तेजी से हो रहे कार्यों को देखते हुए हम लोगों ने उन्हें विश्वास दिलाया है कि इस राष्ट्रीय लक्ष्य से एक वर्ष पहले वर्ष 2018 तक राज्य में यह लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे।

मुख्यमंत्री ने इस दिशा में जिला कलेक्टरों को तेजी से काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोण्डागांव, कोरबा और बस्तर जिलों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत कार्य की गति और बढ़ाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने बस्तर संभाग के सभी सात जिलों के कलेक्टरों को स्वच्छ भारत मिशन के तहत शत-प्रतिशत गांवों को जून 2018 तक खुले में शौचमुक्त (ओ.डी.एफ.) घोषित करने का लक्ष्य दिया।

डॉ. रमन सिंह नेे इस मिशन के तहत बन रहे शौचालयों की गुणवत्ता पर भी गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत बतायी। उन्होंने कहा कि बिलासपुर, बेमेतरा और कबीरधाम (कवर्धा) जिलों से शौचालयों की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें मिली है।

कलेक्टर इन पर तत्काल ध्यान दें। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने दुर्ग, रायपुर और सरगुजा जिलों के प्रदर्शन को सुधारने की जरूरत बतायी। उन्होंने इस योजना में बलरामपुर, महासमुंद और जशपुर जिले की अब तक की उपलब्धियों को सराहनीय बताया।

डॉ. सिंह ने सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर किसानों से की जा रही धान खरीदी की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने धमतरी, रायपुर और महासमुंद जिलों के कलेक्टरों कोे समितियों के उपार्जन केन्द्रों में खरीदे गए धान की मिलिंग के लिए उठाव में तेजी लाने के लिए कहा। सौर सुजला योजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने योजना के इस वर्ष के लक्ष्य को जल्द से जल्द पूर्ण करने की जरूरत बतायी।

उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में सौर सुजला योजना के अंतर्गत 11 हजार किसानों को उनके विद्युत विहीन खेतों में सोलर सिंचाई पम्प देने का लक्ष्य है। ये सोलर सिंचाई पम्प आकर्षक अनुदान पर उन्हें देने का प्रावधान किया गया है। योजना में साढ़े तीन लाख रूपए कीमत वाले तीन हार्सपावर के सिंचाई पम्प अनुसूचित जाति और जनजाति के किसानों को मात्र सात हजार रूपए, सात हजार रूपए में अन्य पिछड़ा वर्ग के किसानों को सिर्फ 12 हजार रूपए में और सामान्य वर्ग के किसानों को केवल 18 हजार रूपए में दिए जाएंगे।

यह राशि उनसे अंशदान के रूप में ली जाएगी। इसी तरह पांच हार्सपावर के साढ़े चार लाख कीमत वाले सिंचाई पम्प अनुसूचित जाति-जनजाति के किसानों को मात्र 10 हजार रूपए, अन्य पिछड़ा वर्ग किसानों से सिर्फ 15 हजार रूपए और सामान्य वर्ग के किसानों केवल 20 हजार रूपए में दिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्च 2019 तक 51 हजार किसानों को इस योजना में शामिल करने का लक्ष्य है। डॉ. रमन सिंह ने गरीब परिवारों की महिलाओं के नाम पर निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन देने के लिए संचालित प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की भी जिलेवार समीक्षा की।

कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, ऊर्जा विभाग तथा मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री एन. बैजेन्द्र कुमार, पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एम.के. राउत, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह सहित मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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