• December 12, 2018

‘मुख्यमंत्री किसान खेत सडक़ मार्ग’ योजना

‘मुख्यमंत्री किसान खेत सडक़ मार्ग’ योजना

3 और 4 करम के सभी रास्तों को आगामी पांच वर्ष में चरणबद्ध ढंग से खड़ंजे का बनाया जाएगा।
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चंडीगढ़——– हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने ‘मुख्यमंत्री किसान खेत सडक़ मार्ग’ योजना के नाम से एक नई योजना की घोषणा की, जिसके तहत प्रदेश के गांवों में 3 और 4 करम के सभी रास्तों को आगामी पांच वर्ष में चरणबद्ध ढंग से खड़ंजे का बनाया जाएगा। कुल मिलाकर, इस योजना के तहत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से 500 किलोमीटर रास्तों को पक्का किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि किसानों की कृषि योग्य भूमि का पंजीकरण वर्ष में दो बार होगा ताकि किसानों को फसल की बुआई से लेकर मंडी में उनके उत्पाद की बिक्री तक सहायता प्रदान की जा सके।

मुख्यमंत्री आज यहां कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा आयोजित किसानों, वैज्ञानिकों और सरकारी अधिकारियों के ‘टॉप 100 एग्रीकल्चर मीट’ के समापन सत्र में बोल रहे थे। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री ओ.पी.धनखड़ और हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड की चेयरपर्सन श्रीमती कृष्णा गहलावत भी इस अवसर पर उपस्थित थी।
‘मुख्यमंत्री किसान खेत सडक़ मार्ग’ योजना की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत कार्य ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जाएगा और प्रथम चरण में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से 25 किलोमीटर रास्तों को पक्का किया जाएगा।

श्री मनोहर लाल ने कहा कि यह भी निर्णय लिया गया है कि अब प्रदेश में किसान अपनी कृषि योग्य भूमि का पंजीकरण वर्ष में दो बार करवा सकेंगे। उन्होंने कहा कि किसान अपनी बोई गई फसल का नाम और क्षेत्र जैसे विवरण ग्राम स्तर पर स्थापित सांझा सेवा केन्द्रों में दे सकते हैं।

उन्होंने कहा कि इस निर्णय से विभिन्न मानकों पर किसानों की मदद हो सकेगी, जिसमें खरीद, मुआवजा, बीमा और बैंक ऋण इत्यादि शामिल हैं। किसानों द्वारा भूमि का पंजीकरण करवाने के बाद कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा उसकी जांच की जाएगी और गांव के पटवारी द्वारा इसे सत्यापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों की भूमि का पंजीकरण दोनों मामलों, चाहे उस भूमि पर फसल की बुआई हुई हो या वह खाली पड़ी हो, में हो सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयास किये जा रहे हैं। हरियाणा मुख्यत: कृषि प्रधान राज्य है और इस नाते समाज के अन्य समूहों की तुलना में किसानों की आय में भी वृद्धि होनी चाहिए। राज्य सरकार द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है कि किसानों को फसल विविधिकरण तथा वैज्ञानिक और आधुनिक प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से प्रति एकड़ कम से कम एक लाख रुपये की आय हो। इसके लिए, उन्होंने प्रगतिशील किसानों और किसान नेताओं को आगे आने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए काम करने का आह्वन किया।

उन्होंने किसानों के वित्तीय प्रबन्धन हेतु भी एक तंत्र विकसित करने पर बल दिया ताकि वे अपनी उत्पादकता बढ़ाने के लिए धनराशि का उपयुक्त इस्तेमाल कर सकें। कृषि को एक व्यवसाय की संज्ञा देते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष विपणन की प्रणाली विकसित की जा रही है ताकि किसानों के खर्चे को कम किया जा सके और उनकी आय बढ़ाई जा सके।

इस अवसर पर उपस्थित कृषि वैज्ञानिकों के साथ सीधा संवाद कायम करते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने उनसे जैविक (ऑरगैनिक) उत्पादों के प्रमाणीकरण के लिए कार्य करने का आह्वन किया, क्योंकि इससे न केवल उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ाने में मदद मिलेगी बल्कि जैविक उत्पादों की बिक्री भी बढ़ेगी। इसके अतिरिक्त, उन्होंने कहा कि एक या दो एकड़ की भूमि जोत वाले सीमांत किसानों की अतिरिक्त आय सुनिश्चित करने के लिए भी एक तंत्र विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों की भूमि जोत दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही है और सहकारी कृषि जैसी प्रणाली किसानों की आय बढ़ाने में लाभकारी सिद्ध हो सकती है।

किसानों को परम्परागत खेती की बजाय सब्जी, फल-फूल और औषधीय पौधों की खेती अपनाने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार दूध, फल-फूल और अण्डों जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के माध्यम से दिल्ली और उसके आसपास के गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा जैसे क्षेत्रों की लगभग चार करोड़ जनसंख्या की जरूरतों को पूरा करने तथा किसानों की आय बढ़ाने के लिए पैरी-अर्बन खेती की परिकल्पना पर भी विशेष बल दे रही है।

उन्होंने कहा कि पानी बचाने के लिए राज्य के किसानों को ‘फ्लड इरीगेशन’ न करने और सूक्ष्म सिंचाई को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे न केवल सिंचाई की लागत कम होगी बल्कि पानी की कम उपलब्धता वाले क्षेत्रों में पर्याप्त पानी उपलब्ध होगा।

इसके अलावा, बिजली बचाने के लिए सौर ऊर्जा पंपों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी तरह, जल भंडारण और जल रिचार्जिंग पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है ताकि आवश्यकतानुसार सूक्ष्म सिंचाई के माध्यम से पानी का उपयोग किया जा सके।

कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री ओ.पी. धनखड़ ने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने और जैविक खेती करने सहित विभिन्न मुद्दों पर किसानों और वैज्ञानिकों सहित सभी हितधारकों द्वारा दिए गए सुझावों से निश्चित रूप से राज्य सरकार को इस दिशा में मजबूत निर्णय लेने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने कृषि नेतृत्व शिखर सम्मेलन, मवेशी मेले, किसान रत्न पुरस्कार जैसी कई अनूठी पहल की हैं, जो पहले कभी नहीं की गई। श्री धनखड़ ने किसानों की आय दोगुनी करने, उत्पादन की लागत को कम करने और जैव उर्वरकों के उपयोग की आवश्यकता पर बल दि

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