• August 21, 2018

मिड-डे-मील की तर्ज पर सरकारी छात्रावासों में गेहूं की आपूर्ति

मिड-डे-मील की तर्ज पर सरकारी छात्रावासों में गेहूं की आपूर्ति

जयपुर———- खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के शासन सचिव, श्रीमती मुग्धा सिन्हा ने बताया कि राज्य के सरकारी छात्रावासों में मिड-डे-मिल की तर्ज पर गेहूं की आपूर्ति त्रैमासिक आधार पर होगी।

श्रीमती सिन्हा मंगलवार को शासन सचिवालय में वेलफेयर इंस्टीट्यूशन एवं होस्टल स्कीम के तहत शिक्षा, जनजाति क्षेत्रीय विकास, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सहित संबंधित विभागों के सरकारी छात्रावासों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिये नवीनतम खाद्यान्न की मात्रा, परिवहन एवं उठाव से संबंधित बिन्दुओं पर आयोजित बैठक को सम्बोधित कर रही थी।

उन्होंने बताया कि सरकारी छात्रावासों को आवंटित गेहूं आवंटन माह के पूर्व माह के अंतिम तिथि तक विभाग समय पर एफसीआई से गेहूं उठाना सुनिश्चित करें।

शासन सचिव ने बताया कि नैफेड द्वारा मिड-डे-मील योजना में दालों की सरप्लस स्टॉक की सप्लाई के लिये प्रस्तावित व्यवस्था के साथ-साथ छात्रावासों के लिये गेहूं परिवहन की सम्भावनाओं पर विचार किया जा रहा है जिससे छात्रावासों में सप्लाई में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो। उन्होंने कहा कि नैफेड दालों के उपयोग के लिये समस्त संबंधित विभागों से परामर्श करें ।

विभाग सीधे ही पोर्टल पर अपडेट करेंगे सूचना

श्रीमती सिन्हा ने कहा कि छात्रावासों से संबंधित प्रत्येक विभाग को खाद्य विभाग द्वारा लॉगिन आईडी उपलब्ध करवा दी गई है ताकि भारत सरकार के निर्धारित पोर्टल पर छात्रावासों की सूचना समय पर अपडेट हो सके एवं भारत सरकार से खाद्यान्न आवंटन में होने वाले विलम्ब को दूर किया जा सके।

बैठक में निदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, आयुक्त, मिड-डे-मील, अतिरिक्त खाद्य आयुक्त, उपायुक्त एवं संयुक्त शासन सचिव, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, वित्तीय सलाहकार खाद्य, महाप्रबन्धक (वित्त), राज.राज्य खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

Related post

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…
जलवायु परिवर्तन: IPBES का ‘नेक्सस असेसमेंट’: भारत के लिए एक सबक

जलवायु परिवर्तन: IPBES का ‘नेक्सस असेसमेंट’: भारत के लिए एक सबक

लखनउ (निशांत सक्सेना) : वर्तमान में दुनिया जिन संकटों का सामना कर रही है—जैसे जैव विविधता का…
मायोट में तीन-चौथाई से अधिक लोग फ्रांसीसी गरीबी रेखा से नीचे

मायोट में तीन-चौथाई से अधिक लोग फ्रांसीसी गरीबी रेखा से नीचे

पेरिस/मोरोनी, (रायटर) – एक वरिष्ठ स्थानीय फ्रांसीसी अधिकारी ने  कहा फ्रांसीसी हिंद महासागर के द्वीपसमूह मायोट…

Leave a Reply