- April 26, 2022
मिडकैप फंडों में लार्ज व स्मॉलकैप फंडों के मुकाबले ज्यादा शुद्ध निवेश
इक्विटी फंडों में निवेश मजबूत बना रहा क्योंकि निवेशक चढ़ते बाजार में लगातार निवेश करते रहे। हालांकि मिडकैप फंडों में लार्ज व स्मॉलकैप फंडों के मुकाबले ज्यादा शुद्ध निवेश देखने को मिला।
मॉर्निंगस्टार के आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2021 में मिडकैप फंडों में 10,588 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ जबकि लार्जकैप व स्मॉलकैप फंडोंं में इस दौरान क्रमश: 2,877 करोड़ रुपये व 3,833 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश देखने को मिला।
दिसंबर 2021 में ओपन एंडेड इक्विटी फंडों की कुल प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां 13.33 लाख करोड़ रुपये रही, जो दिसंबर 2020 के मुकाबले करीब 47 फीसदी ज्यादा है।
मॉर्निंगस्टार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, कैलेंडर वर्ष 2021 में मजबूत निवेश (96,669 करोड़ रुपये) और सभी मार्केट कैप में मजबूत प्रदर्शन के परिणामस्वरूप पिछले साल के मुकाबले परिसंपत्तियों में खासी बढ़ोतरी देखने को मिली है। ओपन एंडेड इक्विटी फंडों की कुल हिस्सेदारी कुल ओपन एंडेड फंडों में करीब 35.9 फीसदी रही है, जो पिछली तिमाही के मुकाबले 35.4 फीसदी ज्यादा है।
लार्जकैप श्रेणी में साल 2021 में सबसे ज्यादा निवेश ऐक्सिस ब्लूचिप फंड (6,740 करोड़ रुपये) में हुआ, जिसके बाद केनरा रोबेको ब्लूचिप फंड (3.686 करोड़ रुपये) और मिरे ऐसेट लार्जकैप (2,682 करोड़ रुपये) का स्थान रहा। साल 2021 में जिन फंडों से सबसे ज्यादा निकासी हुई उनमें आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ब्लूचिप (2,822 करोड़ रुपये) के अलावा आदितत्य बिड़ला फ्रंटलाइन इक्विटी और निप्पॉन इंडिया लार्जकैप शामिल रही, जिनसे क्रमश: 2,811 करोड़ रुपये व 2,373 करोड़ रुपये की निकासी हुई।
साल 2021 में एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स करीब 22 फीसदी चढ़ा जबकि एसऐंडपी बीएसई मिडकैप इंडेक्स व बीएसई एसऐंडपी स्मॉलकैप इंडेक्स में क्रमश: 39.18 फीसदी व 62.77 फीसदी की उछाल दर्ज हुई।
बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि निवेशकोंं ने साल 2021 में मिडकैप फंडों को तरजीह दी क्योंकि स्मॉलकैप फंडों के मुकाबले उसमें कम उतारचढ़ाव हो रहा था और लार्जकैप फंडोंं के मुकाबले उसने ज्यादा रिटर्न दिया। मिडकैप श्रेणी के फंडों में साल 2021 के दौरान सबसे ज्यादा शुद्ध निवेश ऐक्सिस मिडकैप फंड (4,263 करोड़ रुपये), कोटक इमर्जिंग इक्विटी फंड (3,791 करोड़ रुपये) और पीजीआईएम इंडिया मिडकैप ऑपरच्युनिटीज (2,625 करोड़ रुपये) में हुआ।
वहींं सबसे ज्यादा शुद्ध निकासी एचडीएफसी मिडकैप ऑपरच्युनिटीज (2,664 करोड़ रुपये) हुई, जिसके बाद फ्रैंकलिन इंडिया प्राइमा और एलऐंडी मिडकैप फंडों का स्थान रहा और इनसे क्रमश: 1,408 करोड़ रुपये व 1,143 करोड़ रुपये निकाले गए। उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि आने वाले समय में निवेशकों को रिटर्न को लेकर अपनी उम्मीद कम करनी चाहिए क्योंकि फेड की ब्याज बढ़ोतरी की संभावना, कच्चे तेल में मजबूती व भूराजनैतिक जोखिम के कारण काफी उतारचढ़ाव रह सकता है।