- January 21, 2016
मार्बल उद्योग से जुड़े प्रतिनिधियों की भेंट
जयपुर – जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी ने बुधवार को सायं केन्द्रीय उद्योग एवं वाणिज्य राज्यमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण से नई दिल्ली के उद्योग भवन में राज्य के विभिन्न क्षेत्रें से आए मार्बल एसोशिएशन प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात कर केन्द्र की वर्तमान मार्बल ब्लॉक आयात नीति को जारी रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मार्बल आयात के लिए ओपन जनरल लाइसेंस नीति लागू होने से खनिज प्रधान प्रदेश राजस्थान का मार्बल उद्योग भारी संकट में पड़ जाएगा।
श्रीमती माहेश्वरी ने केन्द्रीय राज्यमंत्री को बताया कि देश का करीब 90 प्रतिशत मार्बल का उत्पादन अकेले राजस्थान में होता हैै और राज्य के करीब 20 जिलों में हजारों छोटे-बड़े मार्बल उद्योगों से करीब दस लाख लोगो को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है। विशेष रूप से उदयपुर संभाग के आदिवासी बहुल क्षेत्रें के लोगों का इस उद्योग के माध्यम से जीवनयापन हो रहा है।
उन्होंने बताया कि राजस्थान के मार्बल उद्योग में करीब 12 हजार करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष निवेश पूंजी लगी हुई है जिससे राज्य सरकार को करीब 700 करोड़ रुपये की आमदनी वैट और रॉयल्टी के माध्यम से प्राप्त हो रही है।
श्रीमती माहेश्वरी ने बताया कि मार्बल ब्लॉक की ओपन जनरल लाईसेंस आयात नीति लागू होने से विदेशों से विशेषकर इजिप्ट, इटली, ईरान आदि देशों से सस्ता एवं कम गुणवत्तायुक्त मार्बल देश के बंदरगाह क्षेत्रें से भारी मात्र में देश में आएगा। इस विदेशी माल से ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को भी धक्का लगेगा तथा देश एवं राजस्थान के छोटे मार्बल उद्यमियों एवं व्यापारियों के स्वदेशी व्यापार पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार मार्बल उद्योग से जुड़े छोटे-बड़े उद्यमियों के हितों की रक्षा के लिए कृतसंकल्प है और राजस्थान मिनरल पॉलिसी-2015 के माध्यम से इस उद्योग के विकास के लिए कई कदम उठा रही है। राज्य की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने भी केन्द्र सरकार को पत्र् लिखकर मार्बल आयात पॉलिसी में परिवर्तन नहीं करने का आग्रह किया है।
श्रीमती माहेश्वरी ने कहा कि विश्व व्यापार संगठन की शर्ताे को ध्यान में रखते हुए विकसित देशों अमेरिका, चीन, फ्रांस तथा युरोपियन यूनियन की तर्ज पर राष्ट्रीय व्यापार कानूनों के तहत मार्बल उद्योग के आयात पर युक्तिसंगत प्रतिबंध लगाते हुए घरेलू उद्योगों को संरक्षण प्रदान किया जाना चाहिए।
प्रतिनिधिमंडल में उदयपुर, राजसमंद, चित्तौडग़ढ़, किशनगढ़ आदि क्षेत्रें के मार्बल उद्योग संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे।