- April 26, 2018
मादक पदार्थों की तस्करी राष्ट्र विरोधी और आर्थिक अपराध: श्री अशोक जुनेजा
रायपुर——— पुलिस मुख्याालय नया रायपुर द्वारा आयोजित कार्यशाला के दूसरे दिन अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक इंटेलिजेंस श्री अशोक जुनेजा ने प्रदेश के सभी जिलों से आये पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुये कहा कि सामान्यतः पुलिस अधिकारी अपनी रूटीन की ड्यूटी जैसे कानून व्यवस्था, क्राइम, हत्या, लूटपाट, डकैती जैसे मामलों पर विशेष ध्यान देते हैं, परन्तु मादक पदार्थों के अवैध व्यापार, भण्डारण जैसे गंभीर अपराधों पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि इन मादक पदार्थों का व्यापार और तस्करी राष्ट्रविरोधी एवं आर्थिक अपराध है।
इस व्यापार से बहुत बड़ी पूंजी प्राप्त होती है। इसके तस्करी के माध्यम अन्तर्राष्ट्रीय स्तर से जुड़े होते हैं। मादक पदार्थों के तस्करी और व्यापार से प्राप्त होने वाली आमदनी आतंकवाद और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने में किया जाता है।
मादक पदार्थों के व्यापार से जुड़े अपराधी छत्तीसगढ़ राज्य को परिवहन मार्ग के रूप में उपयोग करते हैं। अतः पुलिस अधिकारियों को नशे के अवैध कारोबार को रोकने तथा सामाजिक अपराध को बढ़ावा देने वाले अपराध को समाप्त करने के लिये कारगर प्रयास करना चाहिए।
नारकोटिक्स क्राइम ब्यूरो, इन्दौर के उप संचालक श्री डी. आर. मीणा ने पावरपाइंट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से मादक पदार्थों से संबंधित अपराध के वर्तमान परिदृश्य पर अपना व्याख्यान दिया।
स्टेट फारेंसिक लैब (एफ.एस.एल.) के संयुक्त संचालक श्री आर. के. गुप्ता ने एन.डी.पी.एस. एक्ट (नारकोटिक्स ड्रग्स एण्ड साईकोट्रापिक संस्टेंस अधिनियम) 1985 के तहत पुलिस अधिकारियों द्वारा की जाने वाली कार्यवाही मादक पदार्थों की जप्ती, सैम्पलिंग, लेवलिंग एवं पैकेजिंग के विषय पर बोलते हुये कहा कि मादक पदार्थों की बरामदगी पर पुलिस अधिकारियों को त्वरित कार्यवाही करते हुये परीक्षण हेतु ऐसी सामग्री फोरेंसिक लैब में तुरंत भेजी जानी चाहिये। इससे परीक्षण उपरान्त वास्तविक रिपोर्ट प्राप्त होती है।
उन्होंने कहा कि राज्य में वर्तमान में सरगुजा, बिलासपुर और जगदलपुर में लैब स्थापित होने की कार्यवाही से अवगत कराया। कार्यशाला में न्यायाधीश श्रीमती पूजा जायसवाल, अधिवक्ता श्री फैजल रिजवी और हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की प्राध्यापक सुश्री प्रियंका धर ने भी अपना व्याख्यान दिया।