• December 2, 2015

मांग: हाड़ौती संभाग की सिंचाई परियोजनाओं को राष्ट्रीय सिंचाई परियोजना में जोड़ा जाए – कोटा सासंद

मांग: हाड़ौती संभाग की सिंचाई परियोजनाओं को राष्ट्रीय सिंचाई परियोजना में जोड़ा जाए – कोटा सासंद

जयपुर – कोटा के सांसद श्री ओम बिरला ने मंगलवार को संसद में केन्द्र सरकार से प्रदेश के हाडौती संभाग की कई महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजनाओं को राष्ट्रीय सिंचाई परियोजना में शामिल करने का अनुरोध किया।
उन्होंने बताया कि राज्य की कई महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजनाए केन्द्रीय जल आयोग में लंबित है। इन योजनाओं के स्वीकृत होने से कोटा और बारा की अधिकांश जमीनों पर सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हो सकेगा तथा जहां लोग फ्लोराइड युक्त पानी पी रहे हैं, वहां पेयजल की योजनाओं के माध्यम से लोगों को साफ पीने को पानी भी मिलेगा।
श्री बिरला ने आग्रह किया कि हाडौती की अनुमानित 5,000 करोड़ रुपये की परवन सिंचाई परियोजना तथा 700 करोड़ रुपये अनुमानित की काली सिंध- परियोजना भी जल आयोग में विचाराधीन है। इसको भी बहुत जल्द स्वीकृति दी जाए।
सांसद ने मांग की कि वर्ष 2010 में बूंदी जिले में गरदड़ा बांध के क्षतिग्रस्त होने के कारण हजारों बीघा जमीन परती पड़ी हुई है। केन्द्रीय जल आयोग के अंदर गरदड़ा बांध की लंबित पड़ी ड्राइंग की जल्दी से जल्दी स्वीकृत किया जाए, ताकि गरदड़ा बांध का निर्माण हो सके।
श्री बिरला ने बताया कि राजस्थान की तीन नदियों को जोडऩे के लिए डी0पी0आर0 बनाने का प्रस्ताव लंबित है। इससे पार्वती, काली सिंध नदियों को सरप्लस पानी बनास, गंभीर और पार्वती नदियों में आएगा, जिससे प्रदेश के आठ जिलों के लोगो को सिंचाई और पेयजल का पानी उपलब्ध होगा। उसी तरीके से, जायका स्कीम- के अंतर्गत 3,461 करोड़ रुपये के विभिन्न तालाबों, नहरों के जीर्णोद्वार के ऋण के प्रस्ताव भी लंबित पड़े हुए हैं। उन्होंने इन सबको जल्दी स्वीकृत करने का आग्रह किया।

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