- May 5, 2019
माँ भारती के रण बांकुरें आओ सौगंध लो—–सुलेखा डोगरा
माँ भारती के रण बांकुरें आओ सौगंध लो
सीमा पे खड़े शत्रु का विदध्वंस तुम करो.
सिंह की गर्जना से उसे खदेड़ दो
हर पथ्थर का जवाब गोलियों से दो
टिक न पाए शत्रु तुम्हारे वार से ,
भागने का अवसर उसे कभी
न दो
छिपे हए गद्दारों पर प्रहार इस तरह करो
भेद जाये गोली दुश्मन की छाती को
न आने पाए देश की सीमा से अब कोई
देश द्रोही कायरो का भी अब अंत तुम करो
बच न पाए कोई भी जयचंद,अम्बी या धनानन्द
बन के तुम चंदरगुप्त , सामने से लोहा लो
छू न पाए भारत माता की ओढ़नी को कोई
बन के रिपुदमन कायर को मात दो
बच न पाए गिलानी, अज़हर मसूद जैसा आतंकी अब कोई
बन कर शिवा जी , राणा प्रताप की तरह
देश की मिटटी में दफ़न उसे करो
देश की वीरांगनाये भी भिड़ गई हैं अब शत्रु से
बन के माँ दुर्गा ,खंड खंड दुश्मन को अब करें
करती हूँ मंगल कामना मैं आप के लिए
दुआ है हर भारतीय की आप के लिए
विजयी हो, आयुष्मान हो, यही है कामना
करना न पढ़े हार का कभी भी सामना