- June 29, 2016
महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (एलएचवी) को दायित्वों का निर्वहन करने के निर्देश
जयपुर———— प्रदेश में मातृ मृत्युदर एवं शिशु मृत्युदर में कमी लाने के उद्देश्य से संचालित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों एवं योजनाओं में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (एलएचवी) को अपने दायित्वों का प्रभावी निर्वहन करने के निर्देश दिये गये हैं। उन्हें अपने अधीन उपस्वास्थ्य केन्द्रों व एएनएम का नियमित सुपरविजन कर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हेतु विशेष प्रयास करने के निर्देश दिये गये हैं। मिशन निदेशक (एनएचएम) एवं विशिष्ट शासन सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री नवीन जैन ने मंगलवार को स्वास्थ्य भवन में दिनभर चली वीडियो कॉंन्फ्रेंस ‘‘एलएचवी संवाद’’ में यह निर्देश दिये।
उन्होंने प्रदेश में कार्यरत समस्त 4 हजार 700 एलएचवी के साथ ऑनलाइन संवाद किया एवं स्वास्थ्य सूचकांकों में विशेषकर मातृ एवं शिशु मृत्युदर की स्थिति को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि उपस्वास्थ्य केन्द्र ग्राम-ढाणियों के निवासियों के लिए महत्वपूर्ण चिकित्सा केन्द्र हैं एवं इनकी मॉनीटरिंग की प्रथम जिम्मेदारी एलएचवी की ही है।
श्री जैन ने कहा कि एलएचवी अपने अनुभव एएनएम से साझा कर एएनएम के कार्र्यो में गुणात्मक सुधार ला सकती हैं। उन्होंने सभी एलएचवी से एमसीएचएन दिवस पर गर्भवती महिलाआें का एएनसी पंजीयन, एएनसी मे की जाने वाली आवश्यक जांचें और संस्थागत प्रसव हेतु प्रेरित करने सम्बधी कार्यों की गंभीरता से करने के निर्देश दिये। उन्होंने उपस्वास्थ्य केन्द्रों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों पर संधारित सर्विस डिलीवरी रजिस्टर के अनुसार टीकाकरण, परिवार नियोजन एवं मातृ-शिशु सेवाएं प्रभावी रूप से उपलब्ध कराने के कार्य की प्रभावी मॉनिटरिंग की आवश्यकता प्रतिपादित की।
मिशन निदेशक ने 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस से प्रारंभ होने वाले जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा सहित सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा, हाईरिस्क प्रेगनेंसी के प्रबंधन हेतु संचालित कुशल मंगल कार्यक्रम, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, सुरक्षित मातृत्व दिवस, प्रसूति नियोजन दिवस एवं बच्चों में टीकाकरण व कुपोषण निवारण में गुणवत्तापूर्ण सेवाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
उन्होंने सभी एलएचवी से उपस्वास्थ्य केन्द्रों तक ओआरएस पैकेट्स, जिंक दवा सहित परिवार नियोजन साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने एवं जनसंख्या स्थिरीकरण के नसबंदी शिविरों का रूटचार्ट इत्यादि यथासमय उपलब्ध कराने पर बल दिया।
वीडियो कॉन्फ्रेंस में निदेशक आरसीएच डॉ.वी.के.माथुर, निदेशक सीफू डॉ.एम.एल.जैन, परियोजना निदेशक मातृस्वास्थ्य डॉ.तरूण चौधरी, परियोजना निदेशक टीकाकरण डॉ.सतीश गर्ग, परियोजना निदेशक शिशु स्वास्थ्य डॉ.पंकज अरोड़ा, यूनिसेफ विशेषज्ञ डॉ.अनिल अग्रवाल सहित सभी जिलों के सीएमएचओ, आरसीएचओ, ब्लॉक सीएमएचओ, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी एवं संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।