महिला सशक्तीकरण : लाडली लक्ष्मी योजना के नये स्वरूप

महिला सशक्तीकरण : लाडली लक्ष्मी योजना के नये स्वरूप

महिला सशक्तीकरण विभाग द्वारा भोपाल संभाग में संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए संयुक्त आयुक्त (विकास) श्री एम.एल.त्यागी ने कहा कि लाडली लक्ष्मी योजना के नये स्वरूप को लागू करने के लिये उठाये गये कदमों का आंगनवाड़ी स्तर पर प्रचार प्रसार करना बहुत जरूरी है ताकि पूर्व में जिन बच्चों को इस योजना के तहत राष्ट्रीय बचत पत्र दिये गये थे, उनके अभिभावक अब ई-प्रमाण पत्र बनवाऐं। भोपाल संभाग में भोपाल और सीहोर जिलों के अलावा रायसेन, विदिशा और राजगढ़ में तेजी से काम करने की जरूरत है ताकि अगस्त अंत तक के लिये जो लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं, उन्हें पूरा किया जा सके। बैठक में संभागीय महिला सशक्तिकरण अधिकारी सुश्री नकी जहां कुरैशी सहित संभाग के सभी जिलों के महिला सशक्तिकरण अधिकारी उपस्थित थे।

स्मरण रहे कि राज्य शासन की अत्यंत लोकप्रिय योजना अब ई-लाडली बन गई है। योजना में पूर्व में जारी राष्ट्रीय बचत पत्र वापस लेकर महिला और बाल विकास विभाग द्वारा ई-सर्टीफिकेट जारी किये जा रहे हैं। राज्य शासन द्वारा इस योजना को ऑन लाईन कर दिया गया है। कोई भी व्यक्ति घर बैठे या इंटरनेट कैफे से इस योजना में बुकिंग करा सकता है अथवा आंगनवाड़ी केन्द्रों में आवश्यक दस्तावेज जमा करके भी इसका लाभ उठाया जा सकता है।

बैठक में बाल भिक्षावृत्ति रोकने के लिये उठाये गये कदमों की समीक्षा करते हुए श्री त्यागी ने कहा कि ऐसे स्थानों को चिन्हांकित किया जाये जहां पर बड़ी संख्या में बच्चे भीख मांगते हुए पाये जाते हैं। इन बच्चों के अभिभावकों के खिलाफ कार्रवाई हो और बच्चों को सुधार गृह में रखा जाये । उनके पुनर्वास के लिये आवश्यक व्यवस्था की जाये। बाल भिक्षावृत्ति एक सामाजिक बुराई है इसे रोकने के लिए शासकीय प्रयासों के अलावा लोगों में जागरूकता जगाना भी जरूरी है। ग्रामीण क्षेत्रों में शौर्या दलों के गठन के बारे में श्री त्यागी ने कहा कि प्रत्येक जिले में दस-दस आदर्श शौर्या दल गठित किये जायें। शौर्या दलों के समाज में सक्रिय योगदान व सशक्त पहचान हेतु 15 अगस्त को आयोजित होने वाली ग्राम सभाओं में शौर्या दलों को आमंत्रित कर सामाजिक सशक्तिकरण हेतु ग्राम विशेष की आवश्यकताओं व सामाजिक कुरीतियों को पहचान कर निराकरण के दृष्टिगत वर्षभर की कार्ययोजना बनाएं। बैठक में उषा किरण तथा अन्य योजनाओं की समीक्षा भी की गई।

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