- January 22, 2015
महिला सशक्तिकरण : अनेक नवाचार– महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री
‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ”विषय पर पानीपत में राष्ट्रीय कार्यशाला
जयपुर- महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने महिला सशक्तिकरण एवं बालिकाओं के गिरते लिंगानुपात, बालिका शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य, रोजगार, लैंगिक भेदभाव व महिला उत्पीडऩ निवारण की दिशा में सरकार द्वारा प्रदेश में किए गये उल्लेखनीय कार्यों का जिक्र करते हुए बताया कि राजस्थान में आर्थिक सशक्तिकरण के लिए अनेक नवाचार कर रही है। उन्होंने बताया कि इसी के तहत प्रदेश में ”भामाशाह योजना” प्रारंभ की गई है।
श्रीमती भदेल बुधवार को केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा पानीपत (हरियाणा) में आयोजित इस”राष्ट्रीय कार्यशाला” में राज्य की ओर से नेतृत्व किया। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत राजस्थान में लगभग 52 लाख परिवारों में महिला को मुखिया बना कर उनके नाम से बैंक खाते खोले गए हैं एवं उनके लिये भामाशाह कार्ड बनाए गये हैं। इस योजना से महिला के नाम से खाता होने पर परिवार के आर्थिक निर्णयों में उसकी भागीदारी बढ़ेगी।
महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री ने प्रशिक्षित महिलाओं में से योग्य व इच्छुक महिलाओं का चयन कर महिला उद्यमियों को कम्पनी बनाने एवं वित्तीय, प्रबन्धकीय व अन्य संसाधन उपलब्ध कराए जाने की दिशा में प्रस्तावित पायलट योजना की जानकारी दी। उन्होंने कार्यशाला में च्ब्च्छक्ज् एक्ट प्रभावी तौर से लागू किए जाने के लिए ”एक्टिव ट्रेकर डिवाइस” लगाने, मुखबिर योजना लागू करने एवं मुख्यमंत्री द्वारा बेटियों जन्म पर भेजे जाने बधाई संदेश व बेटी के जन्म पर उत्सव मनाए जाने जैसे कदमों की भी जानकारी दी।
श्रीमती भदेल ने कार्यशाला में राज्य द्वारा इस क्षेत्र में किए गये उपायों एवं नवाचारों के सम्बन्ध में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु मुफ्त साईकिल एवं स्कूटी देने, शारदे बालिका छात्रावास व आश्रम छात्रावासों के संचालन जैसे कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए मांग की कि प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर बालिकाओं के माध्यमिक शिक्षा स्तर तक के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय खोले जायें, ताकि उनकी शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य व व्यावहारिक प्रशिक्षण की स्थिति बेहतर बन सके। उन्होंने स्वयं-सहायता समूहों के उत्पादों की किस्म सुधार, वित्त व्यवस्था व विपणन नेटवर्क उपलब्ध कराने के लिए पृथक से महिला वित्त व विकास निगम या ऐसी ही कोई संस्था केन्द्र व राज्य स्तर पर गठित किए जाने की भी मांग की।
महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री ने कार्यशाला में ”महिलाओं के विरुद्घ हिंसा” विषयक सत्र की सह-अध्यक्षता करते हुए राज्य में महिला सुरक्षा के लिए उठाए गये कदमों जैसे अपराजिता-वन स्टॉप क्राइसिस मैनेजमेंट केन्द्र संचालन, प्रत्येक पुलिस थाने महिला डेस्क बनाने व महिला कर्मियों की नियुक्ति करने, महिला सलाह व सुरक्षा केन्द्र संचालन, हाडी रानी बटालियन का गठन, महिला संरक्षण अधिकारियों की नियुक्ति, 24 घण्टे महिला हैल्प लाईन संचालन आदि का जिक्र करते हुए बताया कि राज्य में स्कूली व कॉलेज स्तर की बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देने के साथ -साथ कानूनी प्रावधानों की जानकारी भी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि राजस्थान में लैंगिक-भेदभाव व उत्पीडऩ के सम्बन्ध में छात्रों व पुरूषों को संवेदनशील बनाए जाने के लिए उन्हें भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
कार्यशाला की बहस में भाग लेते हुए श्रीमती भदेल ने बताया कि राज्य में बेघर व बेसहारा बच्चों की देखभाल, पोषण, शिक्षा के लिए पालनहार, भरण-पोषण नियम एवं मुख्यमंत्री हुनर योजना जैसी योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। उन्होंने लैंगिक भेदभाव, हिंसा व उत्पीडऩ से व्यापक स्तर से निपटने की जरूरत बताते हुए सामाजिक जागरूकता लाकर इसे सामुदायिक चिन्ता का विषय बनाने, गांव के स्तर से जन जागरण प्रारंभ करने, लिंग भेद वाली सामाजिक भ्रान्तियों को जड़ से मिटाने तथा सामाजिक-राजनीतिक व आर्थिक निणयों में महिलाओं की भूमिका बढ़ाने पर जोर दिया।
अन्त में श्रीमती भदेल ने बेटियों की दशा व भेदभाव पर स्वरचित कविता का पाठ किया, जिसे सुनकर अधिकांश प्रतिभागी भावुक हो गये। कार्यशाला में विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव, गुरजोत कौर ने पावर पॉइन्ट प्रस्तुतीकरण दिया। कार्यशाला में 6 सदस्यीय दल के प्रतिभागी उनके साथ थे ।