- May 22, 2015
महिला नीति-2015 : विभागवार कार्ययोजना
महिला नीति-2015 में महिलाओं को हर स्तर पर सशक्त और समर्थ बनाने के लिए उन्हें सर्वाधिकार मिलना सुनिश्चित किया गया है। इसके लिए नई नीति में विभागवार कार्य-योजना बना कर दायित्व तय किये गये हैं।
महिला नीति-2015 में महिलाओं को पुश्तैनी सम्पत्ति में अधिकार मिले इसके लिए राजस्व, विधि एवं विधायी विभाग क्रियान्वयन विभाग होंगे। किसी भी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिला या बालिका को चिकित्सा, आश्रय गृह, परामर्श, क्षतिपूर्ति, पुनर्वास एवं नि:शुल्क विधिक सहायता उपलब्ध करवाने में लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, गृह और महिला-बाल विकास विभाग कार्य करेगा। सार्वजनिक स्थानों जैसे सब्जी मंडी, खेल मैदान, सामुदायिक भवन में ग्रामीण महिलाओं के लिए शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित करने का कार्य नगरीय विकास एवं पर्यावरण तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग करेगा।
स्व-सुरक्षा और आत्म-विश्वास वृद्धि
महिलाओं की स्व-सुरक्षा के लिए प्रशिक्षण देने एवं उनमें आत्म-विश्वास बढ़ाने का दायित्व गृह, स्कूल, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और खेल एवं युवा कल्याण विभाग का होगा। एफआईआर दर्ज करवाने के लिए थानों में अलग कक्ष बनाने की व्यवस्था गृह विभाग द्वारा की जायेगी। महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा पर अध्ययन एवं शोध कर नवाचार का कार्य महिला-बाल विकास विभाग द्वारा किया जायेगा। घरेलू हिंसा अधिनियम-2005 का पालन महिला-बाल विकास और स्त्री अशिष्ट रूपण अधिनियम-1986 का पालन जनसम्पर्क एवं गृह विभाग द्वारा सुनिश्चित किया जायेगा। महिलाओं का अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम-1956 तथा स्त्री एवं बालिका अनैतिक दमन निवारण अधिनियम-1960 का पालन गृह विभाग द्वारा करवाया जायेगा। महिलाओं के लिए वर्किंग वूमेन हॉस्टल की व्यवस्था महिला-बाल विकास द्वारा की जायेगी। आदिवासी महिलाओं के निर्णय लेने और जीवन विकल्प चुनने के विशिष्ट अधिकार की प्रथा को जारी रखने के साथ ही जनजाति समुदाय के नियमों, परम्पराओं और सामाजिक मूल्य की रक्षा के लिए आदिम-जाति कल्याण विभाग विशेष प्रयास करेगा। लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम-2012 का क्रियान्वयन महिला-बाल विकास, श्रम, आदिम-जाति कल्याण, स्कूल शिक्षा और सामाजिक न्याय विभाग द्वारा किया जायेगा।
शिक्षा और स्वास्थ्य के लिये
महिला नीति में महिलाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए भी विभागों को जवाबदेह बनाया गया है। महिलाओं और बालिकाओं के कौशल विकास एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण का कार्य उच्च, स्कूल, तकनीकी शिक्षा और जेल विभाग द्वारा किया जायेगा। महिलाओं और बालिकाओं से संबंधित विषयों के अध्ययन पर विशेष डिप्लोमा कोर्स एवं डिग्री कोर्स का प्रावधान उच्च शिक्षा विभाग करेगा। मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्यु दर पर नियंत्रण का कार्य लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा महिला-बाल विकास विभाग करेगा। जिला स्तर पर स्वास्थ्य परामर्श केन्द्र की स्थापना, जिला चिकित्सालय में क्लीनिकल सॉयकोलॉजिस्ट की नियुक्ति एवं मनोवैज्ञानिक थेरेपी की व्यवस्था के साथ ही जिला, विकास खण्ड एवं ग्रामीण स्तर पर महिलाओं के स्वास्थ्य परीक्षण के विशेष शिविर स्वास्थ्य विभाग लगायेगा। यह विभाग महिला स्वास्थ्य से संबंधित कल्याण योजनाओं का प्रचार-प्रसार, उसकी लाभ राशि महिला के खाते में जमा करना और कार्यक्रमों का वार्षिक मूल्यांकन का भी कार्य करेगा।
स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय और गृह विभाग शारीरिक और मानसिक रूप से नि:शक्त महिला एवं बालिका जेल में बंदी महिलाओं, एड्स पीड़ित महिलाओं एवं उनके बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने उनके मानव अधिकारों का संरक्षण, पुनर्वास, आश्रय गृह की स्थापना का कार्य करेगा। यह विभाग गर्भाधान पूर्व और प्रसूति पूर्व लिंग परीक्षण पर सख्ती से रोक लगाने का कार्य भी करेगी। महिलाओं और बालिकाओं के बेहतर स्वास्थ्य एवं व्यक्तित्व उन्नयन, खेल, योग एवं मेडिटेशन गतिविधियों का विस्तार जिला एवं ब्लाक स्तर तक खेल एवं युवा कल्याण विभाग करेगा।
आर्थिक सशक्तीकरण के लिये विशेष प्रावधान
महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए महिला नीति में विशेष प्रयास रेखांकित किये गये हैं। समान पारिश्रमिक और कार्य अधिनियम का क्रियान्वयन, समीक्षा के साथ ही कार्य क्षेत्र में सुविधाएँ उपलब्ध करवाने और बच्चों की देखभाल व्यवस्था का कार्य श्रम एवं उद्योग विभाग द्वारा किया जायेगा। महिलाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने के विभिन्न स्तर पर प्रयास ग्रामोद्योग, पंचायत, ग्रामीण विकास, पशुपालन, मछली पालन, नगरीय विकास एवं पर्यावरण, वन तथा वाणिज्य एवं उद्योग विभाग करेगा। कृषि क्षेत्र में महिलाओं को बढ़ावा देने के लिए किसान-कल्याण तथा कृषि विकास और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग करेगा।
महिलाओं के राजनैतिक सशक्तिकरण की जवाबदारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय विकास एवं पर्यावरण, कृषि, सहकारिता और वन विभाग की होगी।